उतरौला बलरामपुर गोण्डा लोक सभा से चिरपरिचित खानदानी राजनैतिक परिवार से चुनाव में दम-खम भरने वाली श्रेया वर्मा को सपा ने समय से पहले ही प्रत्याशी घोषित करने से श्रेया वर्मा को भरपूर लाभ मिल रहा है।श्रेया वर्मा ने पूरे दम खम के साथ अपने क्षेत्र का तूफानी जनसंपर्क कर लोगों का पसंदीदा प्रत्याशी साबित हो रही है। जिससे भाजपा प्रत्याशी चयन करने के
लिए उनकी नींद उड़ गई है। प्रत्याशी के दौर में पूर्व सांसद स्वर्गीय सत्यदेव सिंह के सुपूत्र वैभव सिंह लाइन में लगे हुए हैं, वहीं सांसद कीर्तिवर्धन सिंह को जनता की पसंद को न लेकर प्रत्याशी बदलने की भी चर्चा बड़ी तेजी से चल रही है, सूत्रों के द्वारा पता चला है कि गौरा चौंकी के विधायक प्रभात वर्मा को प्रत्याशी घोषित करने की चर्चा हो रही है। जब कि वैभव सिंह को प्रत्याशी बनाने की चर्चा तेज हो गई है। भाजपा के लोगो ने बताया कि वैभव सिंह भी टिकट मांग रहे हैं।अब सवाल यह उठता है कि पुरे दस वर्षों में से कभी कभार क्षेत्र में दिखने वाले सांसद कीर्तिवर्धन सिंह को टिकट मिल भी गया तो मनकापुर को छोड़ कर गोण्डा, उतरौला, मुजेहना, गौराचौकी के मुस्लिम समुदाय के 90 प्रतिशत कुर्मी वर्ग के 60 से 80 प्रतिशत इनसे नाराज ब्रह्मण पिछड़ी व अनुसूचित जाति के लोगो का इस समय श्रेया वर्मा की ओर दिखाई पड़ रहा है। आरोप यह है कि कुर्मी वर्ग के लोग इनसे ज्यादा से ज्यादा तादाद में इनसे नाराज दिखाई पड़ रहे हैं। सांसद के सह पर कई फर्जी मुकदमे भी दर्ज कराएं गये है,खुद सांसद के गोद लिए दो गांव के लोग के लोगो का कहना है कि विकास कौन कहे इनका दर्शन करने लिए लोग तरस गये है। यही वजह है कि श्रेया वर्मा को इसका लाभ मिल सकता है। रहा राम जन्म भूमि और प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर लोगों में राम के प्रति आस्था तो है ही लेकिन भाजपा के प्रति नहीं। अगर भाजपा ने गौराचौकी के विधायक को टिकट देकर प्रत्याशी घोषित करती तो भाजपा में गुटबाजी और भीतर घात गोण्डा और मनकापुर में जमकर होगा। रही बात अन्य विधान सभाओ की तो सजातिए की संख्या कीर्तिवर्धन की अपेक्षा दस या बीस प्रतिशत बढ़ सकती हैं लेकिन मुस्लिम / यादव और अन्य वर्ग के अनुसूचित, पिछड़ी जाति के लोग ही जैसी की तैसी ही रहेंगी।वैभव सिंह के प्रत्याशी घोषित होने पर थोड़ा तो अन्तर होगा ही लेकिन कोई मायने नहीं रखता है।
असगर अली
उतरौला
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