जनपद प्रयागराज में सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन के निकट
04 लेन रेल उपरिगामी सेतु एवं 02 लेन फ्लाई ओवर सेतु निर्माण
की सम्पूर्ण परियोजना तथा परियोजना की पुनरीक्षित लागत स्वीकृत

जनपद प्रयागराज में जी0टी0 रोड से एयरपोर्ट रोड निकट सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन पर 04 लेन रेल उपरिगामी सेतु एवं जी0टी0 रोड जंक्शन पर चैफटका से कानपुर की तरफ 02 लेन फ्लाई ओवर सेतु के निर्माण कार्य की सम्पूर्ण परियोजना एवं व्यय-वित्त समिति द्वारा अनुमोदित 398.27 करोड़ रुपये से अधिक की पुनरीक्षित लागत के व्यय प्रस्ताव को स्वीकृत किया गया है।
इन सेतु के निर्माण से प्रयागराज महाकुम्भ-2025 में आने वाले श्रद्धालुओं को, प्रयागराज जी0टी0 रोड एवं सूबेदारगंज स्टेशन के निकट स्थित अवासीय परिसर, एयरपोर्ट इन्क्लेव, ट्रिपल आई0टी0, शम्भूनाथ तकनीकी संस्थान आदि की ओर आने-जाने के लिए यातायात में सुगमता होगी। साथ ही, पुरानी जी0टी0 रोड स्थित सूबेदारगंज मार्केट, प्रीतमनगर, धूमनगंज मार्केट, मुण्डेरा मण्डी आदि स्थानों पर लगने वाले अत्यधिक ट्रैफिक जाम की समस्या का निदान होगा।
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गोरखपुर-पिपराईच मार्ग लम्बाई 19.485 किमी0 के 04 लेन चैड़ीकरण एवं
सुदृढ़ीकरण की सम्पूर्ण परियोजना एवं लागत स्वीकृत

जनपद गोरखपुर में गोरखपुर-पिपराईच मार्ग (प्र0जि0मा0) लम्बाई 19.485 किमी0 के 04 लेन चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण की सम्पूर्ण परियोजना एवं इस परियोजना की व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित 942.44 करोड़ रुपये से अधिक की लागत का व्यय प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है।
यह मार्ग गोरखपुर-महराजगंज-निचलौल मार्ग (राज्य मार्ग संख्या-24) के असुरन चैराहे से निकलकर पिपराईच हाटा (प्र0जि0मा0) के किमी0 01 में मिलता है। यह मार्ग दोनों प्रमुख मार्गों के यातायात घनत्व को नियंत्रित करता है। दोनों मार्गों पर यातायात डाइवर्ट करने का एक प्रमुख मार्ग होने के कारण यातायात घनत्व अत्यधिक बढ़ गया है, जिस कारण इस मार्ग पर यातायात में कठिनाई होती है। इस मार्ग के 04 लेन हेतु चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य हो जाने से यातायात सुगम हो जायेगा तथा क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा।
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जनपद आजमगढ़/मऊ में लखनऊ-बलिया राज्य मार्ग संख्या-34 में 46.506 किमी0 मार्ग की 04 लेन चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण परियोजना तथा लागत स्वीकृत

जनपद आजमगढ़/मऊ में लखनऊ-बलिया राज्य मार्ग संख्या-34 के चैनेज 270.00 से 316.506 कि0मी0 तक (आजमगढ से मऊ तक का भाग, लम्बाई 46.506 किमी0) मार्ग के 04 लेन चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य की सम्पूर्ण परियोजना एवं व्यय-वित्त समिति द्वारा अनुमोदित 464.76 करोड़ रुपये से अधिक की पुनः पुनरीक्षित लागत के व्यय प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गयी है।
यह मार्ग जनपद सुल्तानपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-56 से निकलकर आजमगढ़, मऊ से होते हुए जनपद बलिया के फेफना में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-31 पर मिलता है। इस मार्ग से लखनऊ, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़ मऊ एवं वाराणसी आदि स्थानों का भारी एवं हल्के वाहनों का यातायात संचालित होता है। यह मार्ग बिहार को जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ने के कारण अत्यन्त महत्वपूर्ण मार्ग है। मार्ग का 04 लेन में चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हो जाने से छोटे वाहन (साइकिल, आटो, तांगा, बैलगाड़ी, मोटरसाइकिल, पैदल) हेतु यातायात सुरक्षित एवं सुविधाजनक हो जायेगा तथा डीजल व पेट्रोल की भी बचत होगी। इसके अतिरिक्त, मार्ग पर खराब हुए वाहनों को सुरक्षित पार्किंग एवं मरम्मत कार्य हेतु स्थान उपलब्ध हो जायेगा। इससे अवरोध रहित यातायात सम्भव हो सकेगा।
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निजी क्षेत्र के अन्तर्गत जी0एल0ए0  विश्वविद्यालय, मथुरा
के ग्रेटर नोएडा में परिसर दूरस्थ केन्द्र की स्थापना के सम्बन्ध में
निजी क्षेत्र के अन्तर्गत जी0एल0ए0 विश्वविद्यालय, मथुरा के ग्रेटर नोएडा में परिसर दूरस्थ केन्द्र की स्थापना हेतु उसकी प्रायोजक संस्था को आशय-पत्र निर्गत किये जाने का निर्णय लिया गया है।
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निजी क्षेत्र के अन्तर्गत राधा गोविन्द विश्वविद्यालय,
चन्दौसी, सम्भल की स्थापना के सम्बन्ध में
निजी क्षेत्र के अन्तर्गत राधा गोविन्द विश्वविद्यालय, चन्दौसी, सम्भल की स्थापना हेतु उसकी प्रायोजक संस्था को आशय-पत्र निर्गत किये जाने का निर्णय लिया गया है।
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प्रदेश में निजी क्षेत्र के अन्तर्गत बोधिसत्व
विश्वविद्यालय बाराबंकी की स्थापना के सम्बन्ध में

निजी क्षेत्र के अन्तर्गत बोधिसत्व विश्वविद्यालय, बाराबंकी, उत्तर प्रदेश की स्थापना हेतु उसकी प्रायोजक सस्था को आशय-पत्र निर्गत किये जाने का निर्णय लिया गया है।
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प्रदेश में निजी क्षेत्र के अन्तर्गत चण्डीगढ़
विश्वविद्यालय उन्नाव की स्थापना के सम्बन्ध में
निजी क्षेत्र के अन्तर्गत चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय, उन्नाव, उत्तर प्रदेश की स्थापना हेतु उसकी प्रायोजक संस्था को आशय-पत्र निर्गत किये जाने का निर्णय लिया गया है।
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प्रदेश के पर्यटन विभाग की भूमि लीज नीति-2024 के प्रख्यापन के सम्बन्ध में
उत्तर प्रदेश पर्यटन भूमि लीज नीति-2024 को प्रख्यापित करने का निर्णय लिया गया है। इस नीति से पर्यटन के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने तथा पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश सरकार की प्रभावी पर्यटन नीति-2022 का उद्देेश्य पर्यटन में वृद्धि एवं पर्यटक सुविधायें विकसित किये जाने हेतु राज्य में पर्यटन उद्योग को भारत के सबसे पसंदीदा निवेश गन्तव्य के रूप में विकसित किया जाना है। पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन सम्बन्धी आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिये सरकार द्वारा सीधे या सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पी0पी0पी0) के माध्यम से निजी क्षेत्र की भागीदारी हेतु भूमि के प्रावधान के लिये एक मजबूत भूमि बैंक बनाया गया है।
पर्यटन विभाग का उद्देश्य प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयोजन के लिये निर्धारित सरकारी भूमि बैंक के भू-भाग को बाधामुक्त पट्टे की सुविधा के लिये ‘उत्तर प्रदेश पर्यटन भूमि लीज नीति’ तैयार की गयी है। इसके अन्तर्गत भूमि को शासन की अन्य भू-आवंटन नीतियों के अनुसार 30-30 वर्ष के तीन चरणों में अधिकतम 90 वर्ष की अवधि के लिये पट्टे के माध्यम से आवंटन किया जायेगा।
इस नीति के माध्यम से उन आशान्वित भावी रुचिवान निवेशकों को भूमि के सरल तरीके से आवंटन की सुविधा प्रदान की जायेगी, जिनके पास पूंजी निवेश हेतु परिपक्व प्रस्ताव तैयार है। साथ ही सरकारी भूमि बैंक के भू-भाग को देने हेतु बाधामुक्त पट्टे की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। इससे प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा तथा उद्यमियों को उद्यम स्थापना में प्रोत्साहन भी मिलेगा। स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
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सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के निष्प्रयोज्य निरीक्षण
भवनों के पर्यटन उपयोग हेतु पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर
निजी उद्यमियों के माध्यम से संचालित कराए जाने के सम्बन्ध में

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के निष्प्रयोज्य निरीक्षण भवनों के पर्यटन उपयोग हेतु इन निरीक्षण भवनों को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर निजी उद्यमियों के माध्यम से संचालित कराए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत 04 निष्प्रयोज्य निरीक्षण भवनों यथा जनपद-सोनभद्र स्थित विसुन्दरी निरीक्षण भवन, कर्मा निरीक्षण भवन, निशोगी निरीक्षण भवन एवं जनपद लखीमपुर-खीरी में ग्राम पन्यौरा स्थित ओयल नहर कोठी को पर्यटन प्रयोग हेतु पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर निजी उद्यमियों के माध्यम से संचालित करायी जाने की योजना है।
ज्ञातव्य है कि सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, उत्तर राज्य के अधीन प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर निरीक्षण भवन/डाक बंगले निर्मित हैं। इनमें से बहुत से भवन व परिसर ऐसे है जो अत्यन्त सुरम्य स्थलों पर स्थित हैं। अधिकांश परिसर नदियों, झीलों, बैराजों, बांघों तथा नहरों के किनारे स्थित हैं, जिनकी प्राकृतिक सुन्दरता अतुलनीय है। कई भवन ऐतिहासिक व धरोहर की श्रेणी में आने हेतु पात्र हंै। ऐसे कई स्थल स्थानीय समुदायों के लिए अभी भी पिकनिक स्थल के रूप में प्रयोग किये जाते हैं। यह स्थल उनके बीच काफी लोकप्रिय हंै। इन स्थलों का ईको पर्यटन के रूप में भी महत्व है।
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के निष्प्रयोज्य गेस्ट हाउस को पर्यटन इकाइयों के रूप में विकसित किये जाने की इस योजना को तैयार किये जाने हेतु देश के अन्य राज्यों यथा-मध्य प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखण्ड, केरल की पर्यटन नीतियों, प्रणालियों व प्रकियाओं का अध्ययन किया गया है।
पर्यटन का विकास शासन की प्राथमिकताओं में है। उत्तर प्रदेश को ’वन ट्रिलियन डाॅलर इकाॅनामी का आकार देने में पर्यटन सेक्टर की बड़ी भूमिका है। उक्त के दृष्टिगत जल शक्ति मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के 04 निष्प्रयोज्य निरीक्षण भवनों यथा जनपद-सोनभद्र स्थित विसुन्दरी निरीक्षण भवन, कर्मा निरीक्षण भवन, निशोगी निरीक्षण भवन एवं जनपद-लखीमपुर खीरी में ग्राम पन्यौरा स्थित ओयल नहर कोठी को पर्यटन प्रयोग हेतु पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर निजी उद्यमियों के माध्यम से संचालित कराया जाना प्रस्तावित है।
प्रस्तावित निरीक्षण भवनों के पर्यटन विभाग को हस्तांतरण कर निजी उद्यमियों के माध्यम से संचालित किये जाने पर प्रदेश में पर्यटकों का आगमन बढेगा और ईको पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटकों को प्रदेश की प्राकृतिक विरासत का अनुभव कराया जा सकेगा। पर्यटन स्थलों के विकास से पर्यटन सम्बन्धी व्यवसायों के बढ़ने से उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नये साधन उत्पन्न होंगे। आसपास के ग्रामों के कृषकों की आय में वृद्धि की संभावना बढ़ेगी।
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132 के0वी0 उपकेन्द्र लाइनपार, सोफीपुर, फिरोजाबाद के निर्माण हेतु
उद्यान विभाग की 02 हे0 भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराए जाने के सम्बन्ध में
जनपद फिरोजाबाद में 132 के0वी0 उपकेन्द्र लाइनपार, सोफीपुर के निर्माण के लिए उद्यान विभाग की 02 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।
जनपद फिरोजाबाद की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ़ बनाये जाने के लिये प्रस्तावित 132 के0वी0 उपकेन्द्र लाइनपार (सोफपुर क्षेत्र) फिरोजाबाद के निर्माण हेतु 400 के0वी0 उपकेन्द्र सोफीपुर, फिरोजाबाद परिसर के ठीक पीछे बाउन्ड्रीवाल के सहारे स्थित उद्यान विभाग की भूमि उपयुक्त पायी गयी है। प्रस्तावित 132 के0वी0 उपकेन्द्र लाइनपार के निर्माण हेतु तहसील फिरोजाबाद के ग्राम सोफीपुर में उद्यान विभाग के नाम खतौनी फ० वर्ष- 1419-1424 में खाता संख्या-315 के गा0सं0-221क रकवा-12.77 हे0 में से वांछित रकवा 02 हे0 (05 एकड़) श्रेणी 5-3-ख/कृषि योग्य बंजर ऐसे वन जिसमें अन्य प्रकार के वृक्ष, झाड़ियों के झुण्ड, झाड़ियाँ इत्यादि हों, उद्यान विभाग-पौधशाला के नाम दर्ज अभिलेख है। उद्यान विभाग द्वारा न तो कोई निर्माण कराया गया है और ना ही उद्यानीकरण अथवा उद्यान सम्बन्धी गतिविधियाँ संचालित की जा रही है। इस प्रकार उक्त भूमि का उद्यान विभाग द्वारा कोई उपयोग तथा उपभोग नहीं किया जा रहा है। अतः 132 के0वी0 उपकेन्द्र लाइनपार सोफीपुर फिरोजाबाद के निर्माणार्थ उद्यान विभाग द्वारा भूमि निःशुल्क उपलब्ध करायी जा रही है।
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उ0प्र0 लिफ्ट और एस्केलेटर विधेयक-2024 के विचारण एवं पारण हेतु
राज्य विधान मण्डल में विधेयक को पुरःस्थापित किए जाने के सम्बन्ध में
उत्तर प्रदेश लिफ्ट और एस्केलेटर विधेयक-2024 के विचारण एवं पारण हेतु राज्य विधान मण्डल में विधेयक को पुरःस्थापित किए जाने का निर्णय लिया गया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश में तेजी से शहरीकरण और बहुमंजिला इमारतों के प्रसार से जनमानस में लिफ्ट और एस्केलेटर का उपयोग दिनोदिन बढ़ रहा है। लिफ्ट और एस्केलेटर के बढ़ते उपयोग से इनसे सम्बन्धित दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं। देश के कतिपय राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, दिल्ली एवं हिमाचल प्रदेश में लिफ्ट एक्ट लागू है। उत्तर प्रदेश में लिफ्ट और एस्केलेटर अधिनियम न होने के कारण बहुमंजिला भवनों में स्थापित की गयी लिफ्टों और एस्केलेटरों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण भवन स्वामियों द्वारा सुरक्षा नियमों का अनुपालन न करके मनमाने ढंग से लिफ्ट और एस्केलेटर का संचालन किया जा रहा है।
बहुमंजिला भवनों में बिल्डरों द्वारा स्थापित की गयी लिफ्ट में सुरक्षा युक्तियों का उपयोग न करने से आवंटियों द्वारा सम्बन्धित विकास प्राधिकरण और फोरम पर शिकायतें की जाती हैं। लिफ्ट और एस्केलेटर का उपयोग करते समय इनकी सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे ध्यान में रखते हुए उनके निर्माण, गुणवत्ता, अन्तनिर्हित सुरक्षा सुविधाओं, स्थापना, संचालन और रखरखाव के लिए निर्धारित प्रासांगिक कोड और प्रक्रियाओं का पालन शक्ति से सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। तदनुसार उत्तर  प्रदेश लिफ्ट और एस्केलेटर अधिनियम तैयार किया गया है।
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जनपद लखनऊ में ग्रीन काॅरिडोर प्रोजेक्ट के अन्तर्गत गोमती नदी के दोनों तटबन्धों पर आई0आई0 एम0 रोड से किसान पथ तक 04 लेन सड़क निर्माण के सम्बन्ध में
जनपद लखनऊ में ग्रीन काॅरिडोर परियोजना के अन्तर्गत सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की 4.55 हेक्टेयर भूमि आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को निःशुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।
ज्ञातव्य है कि आई0आई0एम0 रोड से किसान पथ तक गोमती नदी के दोनों तटबन्धों के ऊपर 04 लेन सड़क का निर्माण कराये जाने हेतु लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। परियोजना में गोमती नदी के दोनों तरफ यातायात को सुगम एवं सुचारू बनाये जाने के दृष्टिगत नदी के बायें तट पर लगभग 29 कि0मी0 तथा दायें तट पर लगभग 28 कि0मी0 कुल लम्बाई 57 कि0मी0 के सड़क का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है।
ग्रीन कॉरीडोर के क्रियान्वयन हेतु गोमती नदी के दाये तटबंध के दोनों ओर गऊघाट पमिं्पग स्टेशन से बर्फखाना (मिश्रीपुर बगिया) के अन्तर्गत पड़ने वाली भूमि
4.55 हे0, जिसका स्वामित्व सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग का है, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने का प्रस्ताव है।
ग्रीन कॉरीडोर परियोजना के वित्त पोषण हेतु आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को उक्त निःशुल्क हस्तान्तरित की जाने वाली 4.55 हे० भूमि को लखनऊ विकास प्राधिकरण को मुद्रीकरण कराने हेतु अधिकृत किये जाने तथा मुद्रीकरण से प्राप्त होने वाली धनराशि का उपयोग उपर्युक्त परियोजना के लिए किये जाने का प्रस्ताव है।
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उ0प्र0 लोक आयुक्त तथा उप लोक आयुक्त
अधिनियम, 1975 में अग्रतर संशोधन के सम्बन्ध में  
उत्तर प्रदेश लोक आयुक्त तथा उप लोक आयुक्त अधिनियम, 1975 (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या-42, सन् 1975) में लोक आयुक्त तथा उप लोक आयुक्त के निर्धारित पांच वर्ष के कार्यकाल को अपरिहार्य विशिष्ट परिस्थितियों तथा कार्यहित में अधिसूचना दिनांक 06 जुलाई, 2012 द्वारा संशोधित करते हुए आठ वर्ष निर्धारित किया गया है। सम्यक् विचारोपरान्त शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य तथा कार्यहित के दृष्टिगत 08 वर्ष का कार्यकाल अत्यधिक होने के कारण इसे लोकपाल और लोक आयुक्त अधिनियम, 2013 के सामान कार्यकाल 05 वर्ष अथवा 70 वर्ष की आयु जो पहले हो, का प्राविधान किया जाना है।
इस हेतु उत्तर प्रदेश लोक आयुक्त तथा उप लोक आयुक्त (संशोधन) विधेयक, 2024 उत्तर प्रदेश लोक आयुक्त तथा उप-लोक आयुक्त अधिनियम, 1975 का अगे्रतर संशोधन करने के लिए विधेयक को विधान मण्डल में प्रस्तुत किये जाने का निर्णय लिया गया।
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मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना अन्तर्गत नवसृजित/उच्चीकृत/विस्तारित
नगरीय निकायों में विद्युत आधारभूत संरचनाओं के सुदृढ़ीकरण
हेतु धनराशि आवंटन के सम्बन्ध में
मुख्यमंत्री नगर सृजन योजनान्तर्गत 346 निकायों में 179 ऐसे नगरीय निकाय सम्मिलित हैं जो नवसृजित/विस्तारित/उच्चीकृत श्रेणी के नहीं है किन्तु उनकी विद्युत अवस्थापनाओं में तत्काल सुधार/उच्चीकरण/सुदृढ़ीकरण की अपरिहार्यता के
दृष्टिगत पूर्व निर्गत योजना गाईडलाइन्स से शासित नहीं हैं को सम्मिलित करते हुए कुल 346 निकायों की अवशेष द्वितीय/अन्तिम किश्त 498 करोड़ रुपये उ0प्र0 पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड को निर्गत किये जाने से पूर्व कार्योत्तर अनुमोदन प्राप्त किया जाना है।
मुख्यमंत्री नगर सृजन योजनान्तर्गत शासित नवसृजित/विस्तारित/उच्चीकृत निकायों के साथ-साथ प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में आवश्यकतानुसार विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड से आवश्यकता का आंकलन तैयार कराकर मुख्यमंत्री नगर सृजन योजनान्तर्गत विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकेगा।
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