उत्तर प्रदेश,
जनपद-महराजगंज में मदरसों पर अपने आप को अधिकारी बता कर जाँच करने का मामला प्रकाश में आया है
फोन से ही वार्तालाप के माध्यम से जानकारी मिली कि मदरसा गौसुल उलूम निजामिया हरदी डाली पर आज लगभग 11:00 बजे के समय मौलाना कलामुद्दीन के द्वारा मुझे टेलीफोन के माध्यम से बताया गया कि हमारे मदरसा गौसुल उलूम निजामिया हरदी डाली पर
 उत्तर प्रदेश प्रदेश का हुडिंग लगी गाड़ी जांच करने के लिए पहुंची थी जब अधिकारियों से हमने उनका नाम मोबाइल नंबर पूछा और पूछा कि कहां से आप लोग आए हैं तो अपने आप को अधिकारी बताते हुए वह लोग बताएं कि हम महाराजगंज से आए हैं मगर उन लोगों ने यह नहीं बताया कि हम किस विभाग से जांच करने के लिए आए हैं और जांच करने का क्या मकसद है ?

 *महाराजगंज अपने आप को अधिकारी बताते हुए लोगों ने ना अपना कोई परिचय दिया ना ही अपना मोबाइल नंबर और ना ही अपना नाम बताया*

आपको बताते चले कि नौतनवा क्षेत्र में चल रहे गौसुल उलूम निजामिया हरदी डाली में मदरसा संचालित है जिस पर बच्चों को उर्दू तालीम के साथ हिंदी संस्कृत इंग्लिश का भी शिक्षा दिया जाता है

जिस में मदरसे के जिम्मेदार अध्यापक मौलाना कलामुद्दीन ने हमको फोन के माध्यम से बताया कि आज लगभग 11:00 के टाइम तीन गाड़ी हमारे मदरसे पर रुकी जिसमें दो बोलेरो एक स्कॉर्पियो आकर के अचानक से रुकी और तुरंत मेरे मदरसे पर पहुंच गए!

जब हमने उनसे पूछा सर आप लोग कहां से आए हैं किस लिए आए हैं
 और किस अधिकारी नें आप को जांच के लिए भेजा
 है?
तो उन लोगों ने हमको कुछ भी नहीं बताया और रजिस्टर, मदर से का मान्यता,और अन्य कागज जो मदरसे का था सब मांग रहे थे आखिर जब मदरसे का जांच चल रहा है तो उन अधिकारियों ने अपना नाम क्यों नहीं बताया और अपना परिचय क्यों नहीं दिया सवाल इस बात की है यह फर्जी तरीके से जांच किया जा रहा है या सही तरीका है माननीय मुख्यमंत्री जी का आदेश है या अन्य शिक्षा विभाग का किसी कर्मचारी का आदेश है तो इन लोगों ने मदरसे के जिम्मेदार मौलाना या मैनेजर को पेपर क्यों नहीं दिखाई?
 दूसरी बात यह है कि अपने आप को जांच टीम बताते हुए लोगों ने अपना परिचय क्यों नहीं दिया आखिर मदरसे में या विद्यालय में घुसने के लिए इन लोगों को अनुमति किसने दिया?
 आखिर यह अधिकारी कहां से थे और यह कौन सी टीम थी?
 महाराजगंज सोनौली बॉर्डर पर आए दिनों फर्जी अधिकारी बना करके अपने आप को लूट पाट करते हुए कई लोगों को धर दबोचा गया था!
जिसमें कितने को जेल हुई और कितनों को जुर्माना देकर के छूटना पड़ा महाराजगंज सोनौली बॉर्डर करीब पड़ता है और लोगों के मजबूरी का नाजायज फायदा उठाकर अपने आप को अधिकारी बात करके आखिर मदरसा संचालित जो कर रहे हैं उनके जिम्मेदार लोगों को क्यों धमकी दी जा रही है या सही में जांच की जा रही है इसकी जांच होनी चाहिए और आला अधिकारियों को इस बात से अवगत भी होना चाहिए क्योंकि आए दिन लोग अपना बिजनेस बना ले रहे हैं!

फर्जी पत्रकार भी साथ में थे यह मदरसे के अध्यापक का कहना है कि जब हमने पत्रकार से उनका मोबाइल नंबर मांगा तो उन्होंने कहा कि आप नंबर क्यों लेंगे जब जरूरत पड़ेगी तो आपको हम लोग बुला लेंगे पत्रकार साहब से मेरा यह सवाल है कि पत्रकार साहब आपने अपना नंबर क्यों नहीं दिया अगर सब जांच करने आए थे तो आपको नंबर देने में क्या दिक्कत थी आपको अपना परिचय देने में क्या दिक्कत थी!

आपने अपना परिचय क्यों नहीं दिया!

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