श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन भगवान के 24 अवतारों का वर्णन किया।

शिवपुर अर्चनागांव में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा का वाचन हरदा के सुप्रसिद्ध कथा वाचक पंडित श्री विद्याधर जी उपाध्याय,  के श्रीमुख से किया जा रहा है। दूसरे दिवस की कथा का वाचन पंडित श्री विद्याधर उपाध्याय, द्वारा शुरू किया गया। उन्होंने कथा सुनाते हुए कहा कि व्यक्ति को संतोष होना बहुत जरूरी है। श्री वेद व्यास जी एक लाख श्‍लोक से परिपूर्ण महाभारत और श्रीमद्भागवत के अतिरिक्त अन्य 17 पुराणों की रचना कर चुके थे, फिर भी सन्तुष्ट नही थे, तब नारद जी ने भगवत दी तो व्यास जी ने उसका विस्तार किया और उनका असंतोष दूर किया। दूसरे दिवस की कथा में सृष्टि की उत्पत्ति, वराह अवतार, हिरण्याक्ष का वध, कपिल मुनि जन्म की कथा सुनाई। भगवान विष्णु के अलग-अलग 24 अवतारों का जिक्र किया। उन्होंने श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया। कहा कि परीक्षित कलियुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव जी के पास जाते हैं। भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है। कथा व्यास श्री उपाध्याय ने कहा कि संसार मे मनुष्य मात्र को भजन करना बहुत जरूरी है, बिना भजन के मुक्ति नही होगी, मरणासन व्यक्ति को भगवान का ध्यान चिंतन करना चाहिए।
मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं। लेकिन ऐसा होने पर समय रहते सुधार और प्रायश्चित जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है।
धर्म के काम में विघ्न नहीं डालना चाहिए दुर्योधन ने विघ्न डाला तो उसकी जगह जंघा तोड़ दी गयी। 
आयोजक समिति के श्री जगदीश प्रसाद मालवीय, सूरज मालवीय ने बताया कि कथा में सैकड़ों महिला पुरुष ग्राम वासी कथा का लाभ ले रहे है। ग्राम अर्चनागांव, शिवपुर में कथा रोजाना सात दिवस तक चलेगी। सभी धर्मप्रेमी जनता से लाभ लेने निवेदन किया गया है। 

सम्पर्क 9926675801

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