औरैया // जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद में फसल अवशेष या कूड़ा जलाए जाने की घटनाओं की रोकथाम एवं फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर बैठक हुई ,जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में फसल अवशेष जलाने की एक भी घटना नहीं होनी चाहिए पराली जलाने पर संबंधित खिलाफ जुर्माना और मुकदमा दर्ज किया जाएगा ,बैठक में औरैया, अजीतमल व बिधूना के उप जिलाधिकारी को सख्त निर्देश दिए गए कि जनपद में फसल अवशेष, कूड़ा जलाने की एक भी घटना घटित न होने पाए यदि ऐसा पाया जाता है तो सम्बंधित अधिकारी कि खैर नहीं, यदि फसल अवशेष, कूड़ा जलाने की घटना पाई जाती है तो राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकारण के आदेश के अनुसार दो एकड़ से कम क्षेत्र के लिए रुपए 2500, 02 से 05 एकड़ क्षेत्र के लिए रुपए 5000 और 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रुपए 15000 तक पर्यावरण कंपनसेशन की वसूली संबंधित से की जाए साथ ही राजस्व अनुभाग के शासनादेश द्वारा राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा-24 के तहत क्षतिपूर्ति की वसूली एवं धारा- 26 के अंतर्गत उल्लंघन की पुनरावृत्ति होने पर संबंधित के विरुद्ध कारावास एवं अर्थ दंड लगाए जाने के संबंध में निर्देशित किया गया,जिलाधिकारी नेहा प्रकाश ने कहा कि जनपद में चलने वाला कोई भी कंबाइन हार्वेस्टर यदि सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, स्ट्रारीपर, स्ट्रारेक एवं बेलर के बगैर चलते हुए पाया जाए तो उसको तत्काल चीज करते हुए कंबाइन मालिक के स्वयं के खर्चे पर सुपर क्स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगवा कर ही उस मशीन मालिक को छोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि किसान फसल अवशेष को गड्ढे में डालने के बाद बायो डीकंपोजर का छिड़काव कर कंपोस्ट खाद तैयार कर सकते हैं, जिसका प्रयोग अपनी फसलों में खाद के रूप में कर सकते हैं तथा पराली या फसल अवशेष को गोशालाओं में दान कर फसल अवशेष जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोके जाने में अपना सहयोग प्रदान कर सकते हैं बैठक में एडीएम महेंद्र पाल सिंह, अब्दुल बासित, उप कृषि निदेशक प्रदीप कुमार आदि मौजूद रहे।

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