राजकुमार गुप्ता 
आगरा,। अखिल भारतीय विप्र एकता मंच की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक जयपुर के होटल स्काई इन में आयोजित की गई। इस बैठक में राजस्थान सहित कई प्रदेशों से आए सदस्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत महिला शक्ति मंच की राष्ट्रीय संयोजिका उमा भारद्वाज व राष्ट्रीय सचिव डॉ. कुसुमलता शर्मा ने भगवान परशुराम के पावन चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर तमसो मा सद्गमय व मुख्य प्रवक्ता डॉ.नरेन्द्र अग्निहोती द्वारा स्वस्तिवाचन, परशुराम वंदना व विप्र-वंदना जैसे पावन उद्घोष से शुरुआत की, इस दौरान सभी ब्राहमण बंधुओं ने भगवान् श्री परशुराम को माल्यार्पण कर आत्मीय भाव के साथ श्रद्धा से पुष्प अर्पित किये। सर्वप्रथम कार्यक्रम संयोजक और मंच के राजस्थान राज्य प्रभारी डॉ. गिर्राज प्रसाद शर्मा ने सभी प्रदेशो से पधारे सदस्य व् पदाधिकारियों का स्वागत किया।

 मंच का कार्यकर्म तीन सत्रों पहला सिंहावलोकन (मंच की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की समीक्षा), दूसरा आत्म-दीपोभवः (सभी अन्य संगठनो से आये ब्राहमण,एकजुटता के साथ स्वतंत्र रूप से कार्य कर अपने स्व ब्राहमण समाज को गौरवान्वित करें) तीसरा सत्र, ’विप्रहित-मंथन’ (ब्राहमण बंधुओं का पारस्परिक स्वतन्त्र विचार प्रेषण) के रूप में किया गया। प्रथम सत्र सिंहावलोकन का आरंभ मंच के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ.नरेन्द्र अग्निहोत्री ने उपस्थित सभी सदस्यों और स्वसमाज के गणमान्य बंधुओं का परिचय सत्र कराते हुए सभी ब्राहमण बंधुओं का अंगवस्त्रम व माला पहनाकर स्वागत किया गया।
मंच के राष्ट्रीय महामंत्री पं.नरेश शर्मा ने मंच के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की समीक्षा कार्यक्रम ‘सिंहवलोकन’ की शुरुआत कर मंच के विधान, संशोधन, कार्यप्रणाली,चुनाव संहिता इत्यादि को उपस्थित सभी ब्राहमण बंधुओं के समक्ष विस्तार से प्रस्तुत किया एवं तीनो सत्र हेतु कार्यक्रम में उपस्थित सभी स्व ब्राहमण बंधुओं को मुक्त रूप से मंच का संशोधित विधान व स्वसमाज के एकीकरण व सम्मान हेतु मंच द्वारा की गयी राष्ट्रीय स्तर की क़ानूनी कार्यवाही का शुरुआत से लेकर अंतिम चरण की गयी प्रक्रिया या कार्यवाही से अवगत कराते हुए सभी को अवलोकनार्थ बैठक में दिया। मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. उमेश शर्मा ने मंच द्वारा स्व ब्राहमण समाज के स्वाभिमान व उत्थान के हित में किये गए प्रयासों,मंच की शुद्ध पारदर्शी विचारधारा का खाका प्रस्तुत किया एवं मंच के विरोध में कई कथित व्यक्तियों द्वारा किये गए कुत्सित प्रयासों को बताते हुए कथित कार्यों व लोगों से निपटने की योजना प्रस्तुत की, मंच चुनाव की मेरिट आधारित विशेषता से समस्त पदाधिकारियों को अवगत करा आह्वान किया कि मिलकर एक साथ काम करना है ताकि समाज के साथ-साथ मंच भी बेहतर दिशा में आगे बढ़ सके।

राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पं.बी डी शर्मा ने अपने ओजपूर्ण वक्तव्य से बैठक में उपस्थित सभी ब्राहमण बंधुओं में उर्जा का संचार किया.मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्षो क्रमश पं. बी.डी.शर्मा (दिल्ली) ने विप्र एकता पर बल देते हुए स्व सुधार की बात की ,पं.महेश शर्मा(तेलंगाना) ने संगठन को आर्थिक मजबूत कर समाज में सहयोग व् बंधुत्व की भावना स्थापित हो उसके लिए संगठित होने कि बात की, पं. भीकाराम गौड़(मध्य प्रदेश) ने कहा कि समय की मांग है कि अब एकता को और सुदृढ़ कर विप्र समुदाय को हर कार्य में आगे आना होगा, पं.अनिल गौड़ (अहमदाबाद,गुजरात) ने अपने ओजस्वी व तर्कपूर्ण समाजहित के वक्तव्य में कहा कि अब समय के अनुसार समाज को भी हर प्रकार से सखम बनकर स्व समाज के उत्थान हेतु संघर्ष करना पड़ेगा,आगे की युवा पीढ़ी के ऊपर ऐसा कार्य न छोड़ा जाए जिससे कि स्व समाजोत्थान में कही भी बाधा उत्पन्न हो और आने वाली पीढ़ी हमें कोसने लगें समय आ गया है जागो .
राष्ट्रीय महामन्त्री प्रचार प्रसार पं.विनोद कुमार शर्मा (हरियाणा) ने सभी को शिक्षा पर जोर देने और समाज उत्थान में योगदान हेतु सभी से आहवान किया,राष्ट्रीय संगठन मंत्री कैप्टन(रिटा.)पं.दयानंद शर्मा ने अवगत कराया कि मंच की कार्य[प्रणाली स्थापना के समय से ही पारदर्शी एवं किसी के प्रति द्वेषभाव रखने एवं तिरस्कार की नही रही है सभी को सम्मान दिया जाता है और यही परंपरा मंच की शक्ति है। राष्ट्रीय मंत्री पं. सुरेश पतसरिया व राष्ट्रीय उप-कोषाध्यक्ष पं. सुरेश बाबु गौड़ ने समाज हित व संगठन से जुड़कर समाजहित में कार्य करने की बात रखी।      

द्वितीय सत्र- ‘आत्म दीपोभवः’
द्वितीय सत्र का प्रारंभ मंच की राष्ट्रीय सचिव श्रीमती (डॉ.) कुसुमलता शर्मा ने आदिगौड़ ब्राहमणों की अधिष्ठात्री कुलदेवी माँ गायत्री के अहवाह्न व स्वास्तिवाचन से करते हुए महिलाओं को साक्षर व संस्कारित होने, मातृशक्ति के सहयोग से समाज को कैसे संस्कारित व मजबूत किया जाय उत्कृष्ट विचार प्रस्तुत किये। आत्म-दीपोभव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हरियाणा फरीदाबाद से पधारे, आदिगौड़ ब्राहमण महासभा,फरीदाबाद के अध्यक्ष पं.राजवीर शर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में भी मंच व् स्व समाज की संथाएं बिना भेदभाव किये एकमत से बैठक करें एवं उक्त क्षेत्र में निवासरत स्वब्राहमण बंधुओं की समस्याएं सुलझाएं हमारा सहयोग सदैव रहेगा,सभी संगठन आपसी तालमेल से कार्य करें.
मंच के तमिलनाडु प्रदेशाध्यक्ष पं.ब्रजेश शर्मा ने अपने उद्बोधन में मंच के समाजिक कार्यों में अपना योगदान देने एवं समाजहित के किसी भी कार्य में तन मन धन से सहयोग करने की बात कही। मंच के उत्तर प्रदेशाध्यक्ष पं.रामप्रकाश गौड़ ने अपने वक्तव्य में युवाओं को स्वावलंबी बनाकर उकन हरसंभव सहयोग करके समाज की स्थिति मजबूत की जा सकती है, समाज में ब्रहाम्न्त्व के साथ ही आर्थिक सम्पन्नता अति आवश्यक है,जो कि आपसी सहयोग से ही संभव है। मंच के मध्य प्रदेशाध्यक्ष फायरब्रांड पं. मुकेश श्रोत्रिय ने कहा कि जो बंधू गलत विचारधारा के वाहक है या पोषक हैं उनके विरुद्ध समाज प्रयासरत मंच व् उत्थानकर्ताओं को खड़ा होना होगा.और कहा कि मंच समाज के ब्राह्मणत्व का चेहरा है, इसके माध्यम से समाज को व् आने पीढ़ियों को मंच स्वाभिमान रूपी कार्य कर,यादगार बनाएगा। आदिगौड़ ब्राहमण समाज,हिन्डॉन के अध्यक्ष पं.जगदीश शर्मा ने सभी संथाओं व् बंधुओं के आपसी विचार का समन्यवय व् आदान प्रदान कर, मंच के द्वारा स्व ब्राहमण समाज की पूरे भारतवर्ष की जनगणना करने हेतु कहा। जयपुर से आदिगौड़ ब्राहमण समाज के कर्मठ सेवी पंडित अरविन्द अग्निहोत्री ने ब्राहमण एकता व् मंच को हर सम्भव राजस्थान में सहयोग देने व् संगठन को मजबूत करने हेतु अस्वासन दिया। मथुरा(उ.प्र.) से अपनी टीम के पधाधिकारियों के साथ पधारे गौड़ ब्राहमण समाज एवं बाल विकास समिति,मथुरा के अध्यक्ष पं.शिवकुमार शर्मा ने कहा कि भले ही हम सभी बंधुओं के समाज हित में काम करने के तरीके अलग-अलग  हों,अगर उद्धेश्य एक है तो शक्तिशाली और सुरक्षित समाज अवश्य बन सकता है। मंच के राजस्थान प्रदेश महामंत्री पं.प्रवीण शर्मा(अलवर) ने कहा कि जब ब्राहमण है तो पहचान पहले जाति के अनुसार ब्राहमण होनी चाहिए,उपजाति सामाजिक सम्बन्धों में बताएं , दस्तावेजों में अपने बच्चो के नाम के साथ गोत्र भी स्कूल व् अन्य जगह लिखायें। सनातन ब्राहमण संगठन के उपाध्यक्ष पंडित द्वारिका प्रसाद शर्मा ने कहा कि समाज के सम्मान के लिए बाहर लड़ो,समाज के उत्थान के कार्य करो ,ब्रह्मणत्व को बचाओ।

     तीसरा सत्र- ’विप्रहित-मंथन’
मंच के संथापक सदस्य व् भरतपुर से वरिष्ठ व् अनुभवी समाजसेवी पंडित रामदास शर्मा,ने सोशल मीडिया व्हाट्स्प के दुरुपयोग व इसके माध्यम से समाज के लोगों के स्तरहीनता के संवाद पर चिंता व्यक्त करते हुए मंच से जुड़कर अच्छे कार्य करने का सन्देश दिया। मंच के संथापक सदस्य पंडित शिवचरण वाजपेई ने कहा कि मंच की स्थापना के उद्धेश्य पूर्ण कर समाज को एक उत्कृष्ट उदहारण पेश करने का प्रयत्न जारी है और एक दिन यह पुनीत कार्य अवश्य पूर्ण होगा। मंच के संथापक सदस्य व भरतपुर से अनुभवी समाजसेवी पंडित रमेश चन्द शर्मा ने कहा कि मंच के विधान में शक्तियों का विकेंद्रीकरण करना मील का पत्थर साबित होगा एवं अब मंच को आर्थिक संपन्न करने के लिए हर सदस्य को एक स्वेच्छिक राशि हर महीने मंच के कोष में दान करनी चाहिए,जिससे संबल मिल सके।
संस्थापक संदस्य पंडित वेदोरम शर्मा (भरतपुर) ने अपने समाजिक अनुभव व् संघर्षो पर सूक्ष्म प्रकाश डालते हुए अवगत कराया कि मंच समरसता बनाये लेकिन सावधान रहे कि मंच के उद्धेश्य व् ब्रह्मनत्व की पहल धीमी या धूमिल न हो,कुछ लोगों के गलत दिशा में जाने से सम्मानित बंधुओं व् उनका ब्रहामणत्व पिस रहा है, इसलिए सावधानीपूर्वक ऐसे लोगों का दोगलापन भी समाप्त किया जाना चाहिए, और जितना हो सके समाज संभल सके तो  संभल जाना चाहिए. समाज के कुचब कुत्सित लोग समाज व् संगठनो की समरसता का फायदा उठाते हैं उसे कमजोर समझते हैं,इसलिए ऐसे लोगों कि गलत मानसिकता का समाजिक समाधान अवस्य हो,और वो मंच व् इससे जुड़े बंधू कर सकते हैं। डॉ. नरेन्द्र अग्निहोत्री ने विमर्श में कहा कि ब्राहमण अपना ब्राह्मणत्व भूल गया है, इसको वापस लाना होगा संस्कृत से संस्कृति, संस्कृति से संस्कार ,संस्कार से समाज और समाज से संगठन चलाने की नीति भी अब मंच आत्मसात कर आगे बढ़ रहा है। अंतिम सत्र को संबोधित करते हुए मंच के अध्यक्ष डॉ. उमेश शर्मा व महामंत्री पं. नरेश शर्मा ने समाज की पीड़ा दूर करने और उपस्थित सभी बरहमन बंधुओं से आवाहन करते हुए संकल्प लिया कि अब समाज के लिए कठोर कार्य कर उसके उत्थं व् सम्मान को बचाना होगा तो समाज हित में कोई भी कीमत चुकाने को हम सब तैयार व् तत्पर है.
निम्न विंदुओ पर - (अ) मंच का संशोधित संविधान (ब) राजस्व रिकॉर्ड संबंधी प्रगति प्रक्रिया (स) राष्ट्रीय कार्यकारिणी के चुनाव एव चुनाव प्रक्रिया पर विमर्श कर सभी उपस्थित बंधु संतुष्ट होकर एकमत व एकध्वनि से भगवन श्री परशुराम का जयघोष करने लगे. इस बैठक में राजस्थान, उत्तर प्रदेश हरियाणा, गोवा, तेलंगाना, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली सहित अन्य कई प्रदेशों से सदस्य पधारे... जिन्होंने बैठक के दौरान कई सुझाव दिए... सभी सुझावों को नोट किया गया,, जिन पर आगे विचार किया जाएगा। वहीं कार्यकारिणी की ओर से सदस्यों के सवालों के जवाब देकर उन्हें संतुष्ट कया गया। इस बैठक के दौरान सभी सदस्यों को बोलने का पूरा मौका दिया गया और सभी ने बारी-बारी से अपनी-अपनी बातें मंच के समक्ष रखीं। 
अखिल भारतीय विप्र एकता मंच की बैठक काफी सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। इस बैठक की सबसे बड़ी और खास बात ये भी रही कि अक्सर ऑनलाइन मिलने वाले स्वसमाज के लोग एक-दूसरे से गले मिले,, और सभी काफी प्रसन्न दिखाई दिए।  बैठक के दौरान सभी लोगों में गजब का उत्साह नजर आया और सभास्थल भगवान परशुराम के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।

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