पचोखरा सोसायटी अध्यक्ष रहते हुए फर्श से अर्श पर पहुंचा सुरेंद्र परमार उर्फ सेठी
कैलारस /सोच में विकृति आ जाने के बाद इंसान जीवन पर्यन्त उसी में जकड़ा रहता है। विकृत सोच का इंसान फर्श से अर्श पर पहुंच जाये, तो भी उसकी सोच नहीं बदलती। बाहुबली और धनबली के नाम से कुख्यात सुरेंद्र सिंह परमार उर्फ सेठी की बात करें, वह आज करोड़ों की संपत्ति के स्वामी हैं, साथ ही उनके पास ऐश्वर्य और वैभव का हर साधन मौजूद है, लेकिन सोच में अंदर तक बेईमानी बैठी होने के कारण दबंगई और चोरी अभी भी नहीं छोड़ पा रहे हैं। बात चौंकने की अवश्य है, लेकिन है सौ प्रतिशत सच। बाहुबली और धनबली के रूप में कुख्यात होने के कारण चंबल अंचल भर के लोग सुरेंद्र कुमार उर्फ सेठी को चेहरा व नाम से जानते ही हैं, लेकिन कुछ लोग तर्क देते हैं कि सुरेंद्र परमार उर्फ सेठी अब गलत धंधे नहीं करते, क्योंकि उनके पास अब किसी चीज की कमी नहीं है। पर यह संसाधन अर्जित कैसे किए यह सोचने वाली बात है यहां बता दें कि सुरेंद्र परमार उर्फ सेठी की पैतृक संपत्ति की बात की जाए तो वह कितनी नहीं है कि जिससे  कई करोड़ों की संपत्ति अर्जित की जा सके इनके परिवार में इनके दो भाई और हैं जो इनकी पैतृक संपत्ति में हिस्सा रखते हैं और पैतृक संपत्ति भी इतनी नहीं है जिसके जरिए करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया जा सके अब बात आती है करोड़ों के साम्राज्य की तो यहां बता दें के उपरोक्त करोड़ों का साम्राज्य खड़ा करने में सबसे बड़ा योगदान जब इन्होंने प्रथम मर्तबा सोसायटी पचोखरा का चुनाव जीता और अध्यक्ष बने उस दौरान सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जो शहर भर में जन चर्चा के रूप में भी सुनी जा सकती है तमाम लीगल तरीके से केसीसी किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए बिना किसान को बताएं लाखों का लोन निकाला गया और उसे निजी उपयोग में ले जाकर घोटाला कर करोड़ों की संपत्ति अर्जित की गई इतना ही नहीं जब दूसरी मर्तबा चुनाव हुआ तब इन्होंने अपनी दबंगई के बल पर चुनाव दल और पुलिस दल पर पथराव और हमला करवा दिया नतीजतन चुनाव कल गए और पुनः यही अध्यक्ष पद पर कार्य रहे इस अध्यक्ष जी कार्यकाल के दौरान यदि बारीकी से गहनता से जांच की जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा कि इन्होंने अध्यक्ष रहते हुए कितने  गोरख घोटाले कर संपत्ति अर्जित की आज संपत्ति की बात की जाए तो कैलारस से लेकर ग्वालियर तक इनकी नामी बेनामी संपत्ति जो इन्होंने अवैधानिक रूप से अर्जित की है कम से कम 2-5 करोड़ की बैठेगी सूत्रों से तो यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि यह अभी भी अपने आप को टैक्स पेयर के रूप में नहीं दर्शाते हैं ऐसी भी जन चर्चा शहर भर में देखी जा सकती है जहां तक इनकी दबंगी का सवाल है तो मैं यहां बता दूं कि गंभीर जाटव शिक्षक जो कि ग्राम भर्रा में पदस्थ है उनसे भी इसी तरीके से दबंगी में एक प्लॉट हथिया  लिया इतना ही नहीं उपरोक्त गरीब दलित शिक्षक ने डर के चलते अपने प्लॉट को इनके नाम कर दिया ऐसे कई गंभीर जाटव है जो इसके द्वारा पीड़ित किए गए हैं इसका ताजातरीन उदाहरण अभी भी देखा जा सकता है अभी हाल ही में मधु मंगल पत्नी संतोषी मंगल   की दो फुट जगह पर कब्जा कर बाकायदा नींबू खोदकर कुर्सी कर दी इससे पूर्व भी इनके प्लॉटों के समीप दलित शाक्य और जाटव समुदाय के कई प्लॉटों पर दबंगी के चलते कबजा कर रजिस्ट्री करा ली गई और गरीबों पर जुल्म किया गया इनके जुल्म की इंतेहा अभी थमने का नाम नहीं ले रही है हमारे चंबल में एक कहावत है हराम की दाड़ जिसका सीधा सा अर्थ है कि जिसको हराम की खाने की आदत पड़ जाए या जो बेईमानी से ही धन संपत्ति अर्जित करता है वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आता कुछ ऐसा ही इनके साथ देखा जा सकता है अब हालात यह हैं कि यदि आप इनसे बात करेंगे तो लगेगा इन से भला मानुस कोई नहीं है लेकिन कहते हैं ना कि चोर की दाढ़ी में तिनका कुछ ऐसे ही कमोबेश हालात इनके हैं यूं तो समय के साथ सभी की सोच बदलती है लेकिन इनके चहेते  जिनकी समय के साथ सामाजिक सोच भी बदली है या यूं कहें कि समूचे समाज की सोच में ही लगातार विकृति आ रही है, तभी तो इनका एक तकिया कलाम इनके मुंह से सुना जा सकता है कि पुलिस मेरी विधायक मेरा सरकार मेरी मेरा कोई क्या कुछ बिगाड़ आएगा पता तुझे अपने प्लॉट का जो भी लेना है ले और चलता बंद कुछ इस तरीके से इन्होंने कई गरीब मजदूरों के प्लॉट पर कब्जे किए हैं यदि इनके कारनामों और करोड़ों की संपत्ति जो भ्रष्टाचार के जरिए खड़ी की गई है उसकी  उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है, जो यदि की जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा और इन सब के चलते  गरीब और आम आदमी के साथ न्याय हो पाएगा।
इनका कहना है- मेरी वहां पर आवासीय भूमि है जिसका मैंने विधिवत डायवर्सन भरा हुआ है मेरी जगह पर सुरेंद्र परमार सेठी द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है जिसकी मेरे द्वारा विधिवत शिकायत की गई है सीमांकन के लिए भी आवेदन लगाया गया है उसकी दबंगी इतनी है कि वह जबरदस्ती मुझसे मेरी जगह चाहता है और मेरे ही खिलाफ एक तथाकथित यूट्यूब चैनल पर मिथ्या और भ्रामक खबर उसने चलाई है मैंने तहसील से लेकर एसपी साहब तक को आवेदन दिया है इसके लड़के रानू परमार ने आकर मेरे प्रतिष्ठान पर एक बार दादागिरी भी करी और मुझसे रुपए की मांग की जिसकी भी मेरे द्वारा शिकायत की गई मेरे पास सीसीटीवी फुटेज है बावजूद इसके भी मेरी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही वह सभी जगह कहता पड़ता है कि सरकार मेरी है पुलिस मेरी है विधायक मेरा है सांसद मेरा है मंत्री मेरे हैं तुम मेरा क्या बिगाड़ लोगे हम तो गरीब बनिया हैं हम कानूनी लड़ाई लड़ना जानते हैं हम पर जो जुल्म किया जा रहा है मैं प्रशासन से गुहार लगाता हूं कि मुझे न्याय दिलवाया जाए!
पत्रकार लेखक नरेंद्र प्रताप सिंह सिकरवार  
खबर क्रमशः जारी 

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