अभी तक नौ और 24 तारीख को मनाया जाता था यह दिवस रायबरेली, 13 अप्रैल 2023 माह की नौ एवं 24 तारीख को मनाया जाने वाला प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान(पीएमएसएमए) दिवस अब हर माह की एक और 16 तारीख को भी मनाया जाएगा | इस तरह अब हर माह चार दिन यह दिवस मनाया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक गर्भवती को जाँच की सुविधा मुहैया करायी जा सके | यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने दी | उन्होंने बताया कि इस संबंध में शासन द्वारा दिशा निर्देश प्राप्त हो चुके हैं | मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि माह की एक और 16 तारीख को मेडिकल कॉलेजों, एफआरयू –सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों(सीएचसी) और अन्य सीएचसी तथा शहरी सीएचसी पर पीएमएसएमए दिवस का आयोजन किया जाएगा ताकि अधिक सेअधिक संख्या में दूसरी और तीसरी तिमाही की गर्भवती की जांच कर उच्च जोखिम की गर्भावस्था का पता लगाया जा सके और समय से प्रबंधन किया जा सके | पीएमएसएमए दिवसकी शुरुआत 19 मई 2016 को हुई थी | इसके तहत हर माह की नौ तारीख को मेडिकल कॉलेज, सभी महिला एवं संयुक्त चिकित्सालयों, ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य इकाइयों, शहरी सीएचसी एवंप्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों(पीएचसी) में यह दिवस मनाया जाता है | पीएमएसएमए के आयोजन का मुख्य उद्देश्य गर्भवती को प्रसव पूर्व कम से कम एक बार एमबीबीएस चिकित्सक की देख रेख में निःशुल्क जांच एवं उपचार उपलब्ध कराना है ताकि उच्च जोखिम की गर्भावस्था (एचआरपी) की पहचान कर उसे समय से इलाज उपलब्ध कराया जा सके | इस दौरान गर्भवती की हीमोग्लोबिन , पेशाब , सिफलिस वएचआईवी की जाँच और अल्ट्रा साउंड की सुविधा मिलती है | वर्ष2022 में हर माह की 24 तारीख को भी मेडिकल कॉलेजों, एफआरयू - सीएचसी और अन्य सीएचसी तथा शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पीएमएसएमए दिवस का आयोजन किया जाने लगा | इसी का विस्तार करते हुए अब हर माह की एक और 16 तारीख को पीएमएसएमए दिवस मनाया जाएगा | जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डी.एस.अस्थाना ने बताया कि इस दिवस पर गर्भवती की जांच कर स्वास्थ्य के अनुसार मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड(एमसीपी) पर लाल एवं हरा डॉट लगा दिया जाता है | हरे डॉट का मतलब होता है कि गर्भवती में कोई भी खतरे के लक्षण नहीं हैं जबकि लाल का तात्पर्य है कि उच्च जोखिम की गर्भावस्था है |

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