Lucknow

राजभवन लखनऊ, उत्तर प्रदेश में संस्थान निदेशक डॉ0 मनीष कुमार चेटली  एवं डॉ0 अनुपम कृष्ण दीक्षित, प्रधान वैज्ञानिक द्वारा माननीय राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ जिसमें संस्थान निदेशक ने राज्यपाल महोदया को अवगता कराया कि गरीब की गाय कही जाने वाली बकरी वर्तमान में देश के करोड़ों सीमांत छोटे किसानों एवं भूमिहीन मजदूरों के जीविकोपार्जन का मुख्य साधन बनती जा रही है । इसके साथ- साथ बकरी पालन से ग्रामीणों को रोजगार प्राप्त हो रहा है एवं महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिल रहा है ।


संस्थान की जानकारी देते हुए निदेशक डॉ0 मनीष कुमार चेटली द्वारा अवगत कराया कि विश्व में बकरियों की आबादी में भारत प्रथम स्थान पर है । भारत में प्रति व्यक्ति आय के बढ़ने के साथ बाजार में उपलब्ध अधिक मूल्य वाले खाद्य पदार्थो जैसे-दूध, मांस इत्यादि की मांग बढ़ रही है । बकरी दूध से बने उत्पादों जैसे-पनीर, चीज, योगहार्ट, घी, खोआ, श्रीखण्ड, छैना, आइसक्रीम इत्यादि की बाजार में मांग बढ़ रही है और इनसे होने वाली आय कच्चे माल की तुलना में अधिक है । बकरी के दूध में पाये जाने वाले औषधीय गुणों के कारण इसकी मांग विशेष रूप से बढ़ रही है । 


संस्थान की वैज्ञानिक जानकारी प्राप्त करके महामहिम राज्यपाल द्वारा केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान के द्वारा पिछले 43 वर्षों से किसानों, महिला किसानों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोगों, गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले किसानों एवं छात्र-छात्राओं को बकरी पालन की वैज्ञानिक विधियों से जानकारी देने की एवं आउटरीच कार्यक्रमों के क्षेत्र में सीआईआरजी की प्रमुख उपलब्धियों की, महिला सशक्तिकरण के लिए किए गए वैज्ञानिक कार्यों और प्रयासों की सराहना की । संस्थान ने नस्ल सुधार, बकरी आवास एवं आहार एवं बकरी स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कर्ष कार्य किया है जिसके लिए संस्थान को 11 पेटेंट भी मिले है ।


महामहिम राज्यपाल ने संस्थान निदेशक जी से जल्द ही संस्थान भ्रमण को लेकर आश्वासन दिया । महामहिम राज्यपाल जी के समक्ष संस्थान निदेशक द्वारा नेशनल हाइवे से संस्थान तक की खराब संपर्क मार्ग के बारे में अवगत कराते हुए एवं सहयोग की अपील के साथ सूचित किया कि संस्थान प्रतिवर्ष हजारों पर्यटकों, किसानों, वैज्ञानिकों, राजनीतिज्ञों, प्रशासकों, शोधकर्ताओं के अतिरिक्त अनेक अति विशिष्ट प्रतिनिधियों के साथ-साथ विदेशी प्रतिनिधि मण्डल को आकर्षित करता है । संस्थान के मुख्य द्वारा से इन लोगों को संस्थान तक पहँचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है । इसके लिए संस्थान द्वारा विभिन्न स्तर पर कोशिश की जा चुकी है लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नही हुई है । उपरोक्त के संबंध में राज्यपाल महोदया द्वारा अधीनस्थों को निर्देशित कर शीघ्रातिशीघ्र उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया ।




भा0 कृ0 अ0 प0 – केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम की पिछले 43 वर्षों में बकरी अनुसंधान और यात्रा की सराहना की । राज्यपाल महोदया जी द्वारा जल्द ही संस्थान का दौरा करने का आश्वासन भी दिया गया है ।

संस्थान की गतिविधियों की सराहना करते हुए एवं सीमांत किसानों को परंपरागत कृषि के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा संख्या में पशुपालन के क्षेत्र में बकरी पालन को अपनाने एवं आर्थिक उन्नति को सुनिश्चित करने के लिए संस्थान द्वारा समस्त प्रदत्त तकनीकियों के संपूर्ण लाभ लेने हेतु विडियों संदेश जारी कर अपील की । 

यह जानकारी मीडिया अधिकारी श्री पुष्पेंद्र कुमार शर्मा जी ने दी 

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