आज दिनांक 17.03.2023 को भा.कृ.अ.प. – केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम, फरह, मथुरा में राष्ट्रीय बकरी मेला एवं किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन विधिवत रूप से फीता काट कर मुख्य अतिथि श्रीमान चौधरी लक्ष्मीनारायण जी, माननीय कैबीनेट मंत्री गन्ना एवं चीनी उद्योग मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार जी द्वारा किया गया ।

इस दौरान कार्यक्रम के विशेष अतिथि श्री पुलकित खरे जी, जिलाधिकारी, जनपद-मथुरा के साथ-साथ श्री सोनपाल जी, निदेशक दीन दयाल धाम, फरह, मथुरा, एवं केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर, राजस्थान से आये निदेशक डॉ0 ए.के. तोमर जी, कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ0 गोपाल दास, प्रधान वैज्ञानिक एवं डॉ0 अनुपम कृष्ण दीक्षित, प्रधान वैज्ञानिक सहित संस्थान के समस्त वैज्ञानिकगण, अधिकारी एवं कर्मचारीगण, विभिन्न परिषद के संस्थानों से आये उनके प्रतिनिधि, उद्यमी समेत दूर-दराज क्षेत्रों से आये लगभग 1000 किसान एवं बकरी पालक सम्मिलित रहे ।

कार्यक्रम के विधिवत उद्घाटन के उपरांत माननीय मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण जी, संस्थान निदेशक डॉ0 मनीष कुमार चेटली जी, श्रीमान पुलकित खरे, जिलाधिकारी महोदय के साथ संस्थान अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा उक्त मेले में भारत सरकार/राज्य सरकार के विभिन्न संस्थानों एवं औद्योगिक इकाइयों द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी झांकी स्टाल का निरीक्षण किया । उक्त राष्ट्रीय बकरी मेला एवं किसान गोष्ठी में निम्न आर्कषण रहे :

·      पशु पालन प्रोद्योगिकी प्रदर्शन

·      बकरी उत्पाद एंव मूल्य संवर्धन तकनीकी प्रदर्शन

·      विभिन्न नस्लों की बकरियों का प्रदर्शन

·      बकरी पालन के क्षेत्र में आने वाली विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु किसान-वैज्ञानिक परिचर्चा

·      वैज्ञानिक बकरी पालन प्रशिक्षण

·      बकरी स्वास्थ्य शिविर

·      विभिन्न बकरी प्रतियोगताएं जैसे – अधिक दूध उत्पादक बकरी, शुद्ध नस्ल एवं सुन्दर बकरी एवं बकरा आदि ।

·      बकरी पालन व्यवसाय एवं कृषि से संबंधित विभिन्न औद्यागिक इकाइयों द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी ।

 

संस्थान निदेशक डॉ0 मनीष कुमार चेटली द्वारा मंच पर मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अथितियों सहित सभी गणमान्य अथितियों का पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया  एवं संस्थान की उपलब्धियों के बारे में विस्तार पूर्वक अवगत कराया गया ।

आज दिनांक 17.03.2023 को मंच पर कार्यक्रम के मुख्य अथिति एवं विशिष्ट अथितियों द्वारा संस्थान के विभिन्न किसान उपयोगी प्रकाशनों का विमोचन किया गया ।

कार्यक्रम के आयोजन सचिव एवं संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ0 गोपाल दास द्वारा अवगत कराया गया कि संस्थान द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास कार्य को राष्ट्रीय परियोजना के तहत संबंधित वर्ग के गरीब, साधन विहीन एवं मजदूरों की आय में वृद्दि कर उनके जीवन स्तर को सुधारने का कार्य किया जा रहा है । यह परियोजना वर्ष 2019 से कार्यरत है इसके लाभार्थी बी.पी.एल एवं अन्तोदय कार्डधारक है । इसमें 400 लाभार्थी उत्तर प्रदेश से एवं 100 राजस्थान से है एवं कुल लाभार्थियों में 40 % महिला लाभार्थी है । विगत 2 वर्षों में 16 प्रशिक्षण, 11 प्रदर्शन, 17 शैक्षणिक भ्रमण, 9  स्वास्थ्य शिविर, 1 वैबीनार, 09 कोराना जागरूकता शिविर आयोजित किये गये  जिसमें 600 महिलाओं सहित  अनुसूचित जाति के 1500 किसान एवं मजदूर लाभान्वित हुए । साम्रिगी वितरण के क्षेत्र में पिछले 2 वर्षों में 350 कुन्तल पशु आहार, 50 कुन्तल खनिज मिश्रण, 225 पशु औषिधि किट, 330 बकरी फीडर, 560 बीज भंडारण पात्र, 250 कुन्तल उच्च उत्पादकता वाला गेंहूँ का बीज, 100 कुन्तल सरसों का बीज, 5 कुन्तल बरसीम का बीज, 500 थरमस बोतल, 650 छातें व 50 टार्च वितरित किये जससें 2500 किसान लाभान्वित हुए है ।

विशिष्ट अतिथि श्रीमान पुलकित खरे, जिलाधिकारी महोदय द्वारा माननीय कैबिनेट मंत्री जी के साथ सभी स्टालों का भ्रमण किया एवं इस कार्यक्रम एवं संस्थान की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए कहा गया कि वे  संस्थान के कार्यक्रम में सहभागिता कर गौरव की अनुभूति महसूस कर रहे है ।

विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय निदेशक डॉ0 ए.के. तोमर जी, भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर, राजस्थान से आये द्वारा इस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए संस्थान के उक्त मेला कार्यक्रम को किसानों लाभदायक बताया ।

कार्यक्रम के मुख्य अथिति श्रीमान चौधरी लक्ष्मीनारायण जी, माननीय कैबीनेट मंत्री द्वारा संस्थान के साथ अपने चार दशक पुराने संबंधों के बारे में उपस्थित मंच एवं किसानों को बताया एवं बताया कि स्वयं वे भी भेड़ एवं बकरी के दूध का सेवन करते है जो कि स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। माननीय मंत्री जी ने संस्थान निदेशक डॉ0 मनीष कुमार चेटली जी के कार्यकाल में मथुरा जनपद के उक्त संस्थान की अनुसंधान कार्यों की निरंतर प्रगति एवं सफलता की सराहना की एवं इस कार्य के लिए संस्थान के सभी वैज्ञानिकों , अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई प्रेषित की । साथ-साथ माननीय मंत्री जी द्वारा मंच से जिला प्रशासन को प्राथमिकता के आधार पर मुख्य सड़क जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग से संस्थान को जोड़ती है जो अतिशीघ्र अव्वल दर्जे की बनाने के लिए आदेशित किया ।

 

माननीय मंत्री जी द्वारा कहा गया कि संस्थान आम किसानों, बकरी पालकों की आर्थिक उन्नति के लिए कार्य पशुपालन के क्षेत्र में प्रधानमंत्री के किसानों के आर्थक उन्नति के सपने को पूर्ण करने में अग्रिम भूमिका निभा रहा है ।

मुख्य अथिति श्रीमान चौधरी लक्ष्मीनारायण जी, माननीय कैबीनेट मंत्री द्वारा आज राष्ट्रीय बकरी मेला में आयोजित प्रदर्शनी के विभिन्न विजेता प्रतियोगियों को मंच से पुरस्कार देकर सम्मानित किया एवं आज जो प्रतियोगी कार्यक्रम में विजेता रहे उनका विवरण निम्नानुसार है :

 

·      सबसे सुन्दर बकरी का इनाम, बकरी पालक श्री विष्णु कमार, निवासी गाँव नगला दौजी, दौलतपुर, फरह, मथुरा ।

·      सबसे अधिक बकरी दुग्ध उत्पादन करने वाली बकरी का प्रथम पुरस्कार, बकरी पालक श्रीमती माला पत्नी दीनदयाल, द्वितीय पुरस्कार बकरी पालक श्री छत्तर पुत्र श्री नत्थी राम एवं तृतीय पुरस्कार बकरी पालक श्री देवीराम पुत्र श्री चोखा ।

·      प्रजनक बकरे का प्रथम पुरस्कार, बकरी पालक श्री सुरेन्द्र कुमार पुत्र श्री अर्जुन राम, निवासी रामगढ़, हनुमानगढ़, राजस्थान, बकरे का वजन 106 किलोग्राम, प्रजनक बकरे का द्वितीय पुरस्कार बकरी पालक श्री लच्छो पुत्र पुरन, गाँव किरारइ, फरह, मथुरा, बकरे का वजन 75 किलोग्राम एवं संबंधित तृतीय पुरस्कार, बकरी पालक श्री खिल्लू पुत्र श्री सूखा को दिया गया ।

 

इसके उपरांत संस्थान डॉ0 के.पी. समिति कक्ष में पत्रकार वार्ता आयोजित की गयी जिसमें संस्थान निदेशक द्वारा प्रेस के समक्ष बुन्देलखंड नैचुरल के साथ में केन्द्रीय बकरी संस्थान क साथ एक MoU हस्ताक्षर किया गया जसमें संस्थान की तकनीकियों के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने एवं वैज्ञानिक बकरी पालन को बुन्देलखंड में लोकप्रिय होने एवं वहां के किसानों की आय में वृद्दि करने हेतु करार किया गया । संस्थान निदेशक की निम्नलिखित उपलब्धियों के बारे में अवगत कराया :

1.   संस्थान की स्थापना वर्ष 1979 से वर्तमान तक संस्थान ने विभिन्न महत्वपूर्व शोध एवं तकनीकी विकास कर ऊचाइओं को छुआ है । परिषद के सर्वश्रेष्ठ संस्थान समेत विभिन्न पुरूस्कारों के साथ संस्थान निरंतर किसानों के लिए सेवारत है ।

2.   संस्थान द्वारा गरीबकी गाय बकरी पालन को पशुपालन श्रेत्र में अग्रणी प्रदान करने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य रहा है जिसमें प्रमुख है किसानों को वैज्ञानिक विधियों से बकरी पालन की जानकारी/प्रशिक्षण देकर उनकों आर्थिक मजबूती प्रदान करना ।

3.   केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम में आयोजित उद्योग-वैज्ञानिक-किसान इंटरफेस बैठक के बारे में निदेशक महोदय द्वारा अवगत कराया गया कि उद्योग-वैज्ञानिक-किसान सम्मेलन को आईसीएआर- केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम में आयोजित किया गया। यह इंटरफ़ेस मीटिंग में 11 राज्यों से 32 इंडस्ट्री व्यक्ति और 35 प्रगतिशील किसान हिस्सा लिया। डॉ. मनीष कुमार चेतली, निदेशक, आईसीएआर- केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान ने भारत में बकरी पालन की वर्तमान स्थिति और भविष्य

 

के संभावनाओं के बारे में बताया और आर्थिक स्थिरता और पशुधन के संरक्षण के लिए तकनीक द्वारा उत्पादन के महत्व को जोर दिया। डॉ. पी.के. शुक्ला, डीन, पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय और डॉ. विकास पाठक, निदेशक (अनुसंधान), दुवासु, मथुरा ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया।

4.   केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित दो बकरी आवास प्रौद्योगिकियां अर्थात् (1) बकरियों के लिए प्लास्टिक फर्श आधारित दो स्तरीय आवास मॉडल और बकरियों की सभी नस्लों के लिए उपयुक्त मोबाइल-हैंगिंग टाइप बकरी फीडर को मैसर्स मूर्ति एग्रो ट्रेडर्स, विल्लुपुरम, तमिलनाडु को स्थानांतरित कर दिया गया। डॉ. मनीष कुमार चटली, निदेशक ने बताया कि बकरियों के लिए दो स्तरीय आवास प्रौद्योगिकी उन उद्यमियों के लिए अनुकूल है जो शहरी क्षेत्रों में बकरी पालन करना चाहते हैं जहां जगह की कमी है और इस तकनीक के साथ, दिए गए स्थान में दोगुनी संख्या में बकरे पाल सकते हैं ।

5.   संस्थान अब तक 99 वाँ प्रशिक्षण कार्यक्रम पूर्ण कर चुका है इसके अतिरिक्त संस्थान संपूर्ण देश के विभिन्न राज्यों से छात्र-छात्राओं, किसानों, entrepreneur, देश विदेश से आने वाले रिसर्च स्कोलर समेत कई राज्यों के पशुपालन विभाग द्वारा प्रेषित ट्रैंनिग हेतु किसानों को प्रशिक्षित करके एवं वैज्ञानिक जानकारी देकर उनको आर्थिक उन्नति की ओर ले जा रहा है ।

6.   संस्थान के विभिन्न MoU देश के प्रतिष्ठित संस्थानों एवं विश्वविद्यालों से है स्वयं संस्थान में प्रबंधन के छात्र-छात्राओं समेत विभिन्न वर्ग से Start Up के तौर पर बकरी पालन व्यवसाय को अपना रहे है ।

7.   बकरी के दूध की महत्वता को लेकर किसानों को विभिन्न मंचो/मीडिया आदि से जानकारी देकर इसके औषधीय गुणों की जानकारी देकर आकर्षित किया जा रहा है ।

8.   बृज क्षेत्र एवं इटावा/चकरनगर की नस्ल जमुनापारी बकरी के संरक्षण में संस्थान को सर्वोच्च पुरूस्कार देकर भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है ।

9.   दूध से बने विभिन्न उत्पादों जैसे मोजेरेला चीज, पनीर, मसाला पनीर, विभिन्न फ्लैवर के मिल्क, दही फैट रहित पनीर उत्पाद आदि उत्पादों को तैयार कर बकरी के दूध से लाभकारी व्यवसाय के लिए किसानों को प्रेरित किया जार रहा है ।

10.                मीट एवं मीट से निर्मित विभिन्न पदार्थों को तैयार करने की संपूर्ण जानकारी संस्थान द्वारा उपलब्ध करायी जा रही है ।

11.                शहरों में सीमित स्थानों में वैज्ञानिक Module अपनाकर बकरी पालन को लोकप्रिय करने हेतु संपूर्ण वैज्ञानिक शोध उपरांत आये सकारात्मक परिणामों के प्रति किसान भाई-बहनों को जागरूक किया जा रहा है ।

12.                संस्थान द्वारा वैज्ञानिक दूरबीन विधि से लैप्रोस्कोपिक विधि से कृत्रिम गर्भाधान कर मेमने जन्म देकर सफलता प्राप्त की है । इस पद्धति से उच्च कोटि के नर बकरे के वीर्य का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे बकरी पालन समृद्ध होगा ।

13.                संस्थान के डॉ0 गोपाल दास जी के नेतृत्व में DAPST परियोजना के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से महिलायों एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों एवं बकरी पालकों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हे सहयोग प्रदान किया जा रहा है ।

14.                संस्थान द्वारा रिसर्च क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए कई तकनीकी इजाद की गई है उनको patent प्राप्त हुआ है । अभी तक कई तकनीकी patent की जा चुकी है।

15.                बकरी पालन को व्यापक प्रचार-प्रसार देकर संस्थान देश के 21 राज्यों में U.P., M.P., Andhra Pradesh, Punjab, Chhatishgarh, Hariyana, Rajasthan, Bihar, Tamilnadu, Uttrakhand, Pashchim Bangal, Assam, Tripura, Telengana एवं Jammu & Kashmir रोजगार हेतु युवाओं/किसानों को बकरी पालन एवं Value Added Product, Marketing की जानकारी देकर अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

संस्थान बुन्देलखंड क्षेत्र में वैज्ञानिकों की टीम भेजकर प्रचार-प्रसार एवं रिसर्च ट्रेनिंग से किसानों को बकरी पालन व्यवसाय से जोड़कर आर्थिक उनन्यन की ओर ले जा रहा है

16.                संस्थान Coordinating Center AICRP on Goat Improvement से 21 केन्द देश के विभिन्न स्थानों से स्थापित कर चुका है । मृत्यु दर को कम कर बकरी पालन को अधिक मुनाफे वाले व्यवसाय की ओर किसानों को प्रेरित कर रहा है ।

17.                संस्थान द्वारा Health Calendar के माध्यम से मृत्यु दर में कटौती कर सफलतापूर्वक आर्थिक लाभ देश के विभिन्न राज्यों में प्रदान करा रहा है ।

18.                Mobile App/Facebook/YouTube एवं अन्य मीडिया प्लेटफार्म पर संस्थान रिसर्च गतिविधियों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिक से अधिक किसान एवं बकरी पालकों लाभान्वित करने का प्रयास कर रहा है ।

संस्थान निदेशक डॉ0 मनीष कुमार चेटली जी द्वारा सभी पत्रकार बंधुओं का हार्दिक अभिनंदन करते हुए कहा गया कि लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ के प्रहरी के रूप आम किसानों तक जनउपयोगी विज्ञान एवं वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को पहुँचा कर किसानों की आर्थिक उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है । सभी पत्रकार साथी सम्मान के पात्र है ।



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