राजकुमार गुप्ता
मथुरा।।वृन्दावन।परिक्रमा मार्ग पर कैला देवी मंदिर के निकट स्थित ऋषि सत्संग भवन में श्रीअवध धाम गुरु कृपा ट्रस्ट के तत्वावधान में श्रीअवध धाम मंदिर व आश्रम का द्विदिवसीय वार्षिक महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारम्भ हो गया है।महोत्सव का शुभारंभ ठाकुर श्रीअवध बिहारी सरकार की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर एवं पूजन-अर्चन के साथ हुआ।इससे पूर्व ठाकुरजी का पंचामृत से अभिषेक भी किया गया।साथ ही उनकी विशेष आरती की गई।
इस अवसर पर भक्तों व श्रृद्धालुओं को प्रवचन देते हुए श्रीअवध धाम मंदिर के परमाध्यक्ष पंडित दाऊजी महाराज ने कहा कि श्रीधाम वृन्दावन उत्सवों की भूमि है।इस पावन  भूमि के प्रत्येक कण-कण में श्रीराधा कृष्ण विद्यमान हैं।इसीलिए यहां की भूमि अत्यंत पावन व पूज्य है।इस भूमि पर केवल वही व्यक्ति आ सकता है,जिस पर श्रीराधाकृष्ण अपनी कृपा करते हैं।उनकी कृपा के बिना यहां आना असम्भव है।हम सभी बहुत सौभाग्यशाली हैं जो हम इस पावन धाम में आकर ठाकुरजी का उत्सव मना रहे हैं।
पंडित राधे राधे महाराज ने कहा कि वृन्दावन धाम की महिमा स्वर्ग से भी अधिक है।यहां पर रहने वाले ब्रजवासी व संत स्वर्ग जाने की आशा नहीं रखते।उनके लिए श्रीधाम वृन्दावन ही स्वर्ग से श्रेष्ठ है।इसीलिए सभी देवतागण इस ब्रजभूमि में बार बार लीला करने आते रहते हैं।यहां पर ठाकुरजी का उत्सव मनाने से अन्य स्थानों की अपेक्षा शतगुणा अधिक फल प्राप्त होता है।
महोत्सव के समन्वयक डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि श्रीधाम वृन्दावन की पावन धरा पर आज भी कई ऐसे दिव्य स्थल हैं, जहां पर श्रीराधारानी और भगवान श्रीकष्ण के होने का आभाष प्रभु भक्तों को होता है।इसीलिए इस भूमि पर श्रीअवध धाम गुरु सेवा ट्रस्ट के द्वारा अवध धाम मंदिर व आश्रम की स्थापना 1 वर्ष पूर्व की थी।जिसका वार्षिकोत्सव आज हम सब मना रहे हैं।
तत्पश्चात भजन संध्या का आयोजन सम्पन्न हुआ।जिसमें सुप्रसिद्ध भजन गायक महावीर शर्मा ने अपनी सुमधुर वाणी के द्वारा संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य श्रीराधा कृष्ण की महिमा से ओतप्रोत भजनों का गायन कर सभी को भाव-विभोर कर दिया।
महोत्सव में किशोरी धाम के अध्यक्ष स्वामी दयानंद सरस्वती, बाबा बिहारी शरण, बाबा सीताराम,बाबा सुबोधानंद महाराज,राम आश्रय दास महाराज, आयोजन समिति के अध्यक्ष तिलकराज मिगलानी,उपाध्यक्ष राधेश्याम माटा,कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश बिरमानी,महामंत्री वेदप्रकाश पाराशर,संयोजक रमेश खन्ना, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा,अशोक मिगलानी, सुभाष अनेजा, पवन जिंदल, जगन्नाथ गोयल,दयानंद खूंगर,धीरज छाबड़ा, अशोक जिंदल, नंदकिशोर छाबड़ा, विशाल वर्मा, प्रमोद आहूजा, सुरेश काबरा, सतीश तागरा, ज्ञान मिगलानी आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।

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