बहराइच:- किशोरों की गुत्थी सुलझाने को द्रोणाचार्य बने एम्बेसडर

किताबों संग सिखाएंगे पोषण का ककहरा



राम कुमार यादव। 




बहराइच (ब्यूरो)राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद के उच्च प्राथमिक विद्यालय व इंटर कालेज के शिक्षकों को हेल्थ एंड वेलनेस एम्बेसडर के रूप में चयनित किया गया है। सभी एम्बेसडर बच्चों को किताबी शिक्षा के साथ उन्हें स्वास्थ्य व स्वच्छता का पाठ भी पढ़ाएंगे । इसके लिए उन्हें चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर दक्ष किया जा रहा है। 
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय किशोर एवं स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जनपद में 1066 उच्च प्राथमिक विद्यालय व इंटर कालेज का चयन किया गया है । प्रत्येक विद्यालय से 2 शिक्षक एक महिला व एक पुरुष को हेल्थ एंड वैलनेस एंबेस्डर के रूप में नामित किया गया है। सभी एंबेस्डर छात्रों में स्वास्थ्य व्यवहार को बढ़ावा देने व रोगों की रोकथाम के लिए उन्हें जागरूक करेंगे । इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण उपरांत सभी एंबेसडर हर हफ्ते 1 घंटे रोचक गतिविधियों के माध्यम से विद्यालयों में सत्र आयोजित करेंगे । साथ ही प्रत्येक कक्षा से दो नामित छात्र इन स्वास्थ्य संवर्धन संदेशों को समाज तक पहुंचाने के लिए हेल्थ एंड वैलनेस मैसेंजर के रूप में कार्य करेंगे । उन्होने बताया कि अब तक 852 विद्यालय के 1690 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है । 
पयागपुर क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय व इंटर कॉलेज में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। चिकित्सा अधीक्षक डॉ विकास वर्मा ने बताया कि  बच्चों की शैक्षिक यात्रा में उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर की सकारात्मक भूमिका होती है । इसी के तहत विद्यालयों में यह कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य स्कूल जाने वाले बच्चों में स्वास्थ्य एवं स्वच्छता संबंधी जागरूकता पैदा करने के साथ ही विद्यालय स्तर पर संचालित स्वास्थ्य गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है। पिंक गोलियां बढ़ाएंगी गुलाबी गालों की लालिमा -ब्लाक प्रशिक्षक डॉ तूलिका बाजपेयी व अतुल त्रिपाठी ने बताया कि एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत बच्चों को एनीमिया व इससे होने वाली समस्याओं से बचाने के लिए साप्ताहिक आयरन फॉलिक एसिड 'विफ़स' कार्यक्रम चल रहा है। प्राथमिक विद्यालय में 5 से 9 वर्ष तक के बच्चों को सप्ताह में एक बार मध्यान भोजन के बाद आयरन की गुलाबी गोली व माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 10 से 19 वर्ष के किशोर-किशोरियों को सप्ताह में एक बार सुबह प्रार्थना सत्र के बाद शिक्षकों की ओर से आयरन की नीली गोली खिलाई जा रही है।
पयागपुर बीपीएम अनुपम शुक्ल ने बताया कि क्षेत्र के 53 उच्च प्राथमिक विद्यालय05 माध्यमिक विद्यालय के कुल 116 शिक्षकों को 3 चरणों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पयागपुर पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।  अब तक 02 बैच का प्रशिक्षण सम्पन्न हो चुका है सभी प्रशिक्षुओ शिक्षकों को 14 जागरूकता पोस्टर,टीशर्ट ,कैप,व प्रमाण पत्र सामग्री प्रदान की जा रही है।
प्रशिक्षण में महेंद्र सिंह,कृष्ण कुमार पाण्डेय,गोपाल शुक्ल,सुनील पाण्डेय,मार्तण्ड त्रिपाठी ,विभासरकार,रागिनी मिश्रा,रामकुमार पाण्डेय,निशा वर्मा सहित शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रही।

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