बलरामपुर//वैष्णव सम्प्रदाय के आधार स्तम्भ जगद्गुरु स्वामी रामानन्द दास जी की जयंती पर राजभवन, धुसाह में शास्त्रीय पद्धति से पूजन व सुंदर काण्ड का पाठ आयोजित किया गया। 
डॉ तुलसीश दुबे ने अपने उद्बोधन में बताया कि
स्वामी रामानन्द दास जी (रामानंदाचार्य जी) ने "जात पात न पूछो कोई - हरि को भजै सो हरि का होई" का उद्घोष कर मुगल काल के साजिशों से विखंडित सनातन समाज को संगठित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किया।  कबीर दास, रविदास जैसे अनेकों  शिष्य बनाकर वैष्णव सम्प्रदाय के रामानंदी शाखा का विस्तार किया जिसके अन्तर्गत वर्तमान में श्री अयोध्या धाम, चित्रकूट, हरिद्वार आदि की अनेकों गुरु -शिष्य परम्परा में श्रद्धेय गुरु रामानंदाचार्य जी के "षडाक्षर मंत्र" श्री राम तारक मंत्र प्रदान किया जाता है। इस अवसर पर राजभवन मंदिर के व्यवस्थापक रासबिहारी शुक्ल, रघुनाथ शुक्ला, मंगलबाबू ने अपने विचार व्यक्त किए तथा राधा शुक्ला, किरन पाण्डेय, प्रत्यूष पाण्डेय, रिचा पाण्डेय , कृति शुक्ला, राघवेन्द्र, जगदीश श्रीवास्तव अम्बरीष शुक्ल, नीता तिवारी आदि उपस्थित रहीं।
उमेश चंद्र तिवारी
9129813351
हिंदी संवाद न्यूज
बलरामपुर 

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