जलालपुर, अंबेडकर नगर। कोरोना के प्रिकॉशन डोज के नाम पर प्रमाण पत्र जारी करने में बड़ा खेल प्रकाश में आया है।कोरोना प्रमाण पत्र के नाम पर पैसे लिए जाने का स्क्रीनशॉट एवं एक ऑडियो वायरल हुआ है।वायरल ऑडियो में तीसरी डोज लगवाने गए युवक और अस्पताल के कथित कर्मचारी बातचीत का विवरण सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
मामला जलालपुर तहसील अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगपुर का है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रवेश कुमार नगपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचकर वहां मौजूद एक प्राइवेट कर्मी से मिलता है और कहता है कि मुझे विदेश जाना है जिसके लिए मुझे वैक्सीन लगवा कर प्रमाण पत्र दे दीजिए तभी कर्मचारी प्रवेश यादव से कहता है वैक्सीन नहीं लगेगी, क्योंकि इस समय वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, यदि आप मुझे ₹500 देते हैं तो आपको वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र मिल जाएगा। प्रवेश कुमार ने कहा कि मेरे पास नगद पैसे नहीं है मैं आपको बाद में पैसा देता हूं। इसके बाद प्रवेश कुमार वहां से चला आता है , कथित कर्मचारी अपना अकाउंट नंबर देते हुए कहता है कि इसी नंबर पर पैसा भेज दीजिएगा। जब प्रार्थी द्वारा उसके मोबाइल नंबर पर ₹500 ट्रांसफर कर दिया गया ट्रांसफर करने के कुछ ही मिनट पश्चात देखते ही देखते व्हाट्सएप नंबर पर वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र बन कर आ गया। जिसे देख लोग अचंभित रह जाते हैं। अब सवाल उठता है कि बिना वैक्सीन लगाये प्रमाण पत्र कैसे दिया जा रहा है तथा प्रमाण पत्र देने के नाम पर संगठित गैंग द्वारा कहीं लंबा खेल तो नहीं खेला जा रहा है। पीड़ित ने बताया कि कर्मचारी द्वारा कई लोगों से वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र देने के नाम पर पैसा वसूला गया और उन्हें भी प्रमाण पत्र दिया गया।पीड़ित को बैक डेट में जारी किए गए प्रमाणपत्र में वैक्सीनेशन केंद्र का नाम दूसरे जिले में दिखाया गया है,जो कि एक बड़े गिरोह द्वारा संगठित तरीके से गोरखधंधा चलाये जाने की तरफ इशारा करता है।अब बड़ा सवाल ये कि ज़रूरत के समय ज़रूरतमंद ऐसे ही छले जाते रहेंगे या जिम्मेदार मामले का संज्ञान लेकर जीरो टॉलरेंस की योगी सरकार की मंशा के खिलाफ काम करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर मिसाल प्रस्तुत करेंगे। इस संबंध में प्रभारी अधीक्षक डॉ भास्कर ने कहा कि प्रकरण संज्ञान में नही है,अगर ऐसा होता है तो आवश्यक कार्रवाई जरूर की जाएगी।

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