जौनपुर। हत्या को हादसा बनाने के लिए पुलिस ने बदला था तहरीर

जौनपुर। जलालपुर थाना क्षेत्र के लहंगेपुर गांव में प्लाई फैक्ट्री के मैनेजर की हुई मौत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। शुक्रवार को मृतक के बेटे ने मीडिया से हुई बातचीत में बताया कि मेरे पिता की मौत दुर्घटना में नहीं हुई है बल्कि उनकी हत्या की गई है। उस रात को भी मैंने पुलिस से हत्या की आशंका जताई थी परंतु पुलिस ने मेरे तहरीर को पोस्टमार्टम कराने के नाम पर बदलवा दिया था।
           
पुलिस दुर्घटना का रूप देकर अपराधियों को बचाने का प्रयास कर रही है। यदि पुलिस अपना दायित्व सही से निभाती तो अब तक मेरे पिता के हत्यारे पुलिस के गिरफ्त में होते। ज्ञात हो कि बीते सोमवार की रात्रि में प्लाई फैक्ट्री के मैनेजर लालमोहन का उस वक्त मौत हो गई जब वह बाइक से त्रिलोचन (मकरा) स्थित फैक्ट्री से घर के लिए निकले थे। घर से कुछ दूर लहंगपुर गौशाला के पास वह खून से लथपथ मिले थे। वाराणसी के ट्रामा सेंटर ले जाने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। आरोप लगाते हुए मृतक के बेटे संदीप ने बताया कि मेरे पिता को लाठी- डंडे  एंव टोटी लगी लोहे की पाइप  से पीट-पीटकर मौत के घाट उतारा गया है। पिता के शरीर पर लगे चोटों के निशान यह चीख- चीख कर गवाही दे रहे थे कि मेरे पिता की हत्या हुई है। यदि पुलिस से न्याय नहीं मिला तो हम पूरा परिवार मुख्यमंत्री दरबार में जाएंगे। वही अभी भी पुलिस लालमोहन की मौत का कारण दुर्घटना मान रही है। पुलिस ने जिस तहरीर के आधार पर दुर्घटना का मामला दर्ज किया है। दरअसल उस तहरीर को पुलिस ने पोस्टमार्टम के नाम पर बलवा दिया था। बेटे संदीप का आरोप है कि पिता की मौत के बाद मैं थाने पर पहुंचा और लिखित रूप से तहरीर दिया तहरीर में अस्पष्ट लिखा था कि घटनास्थल से खून से लथपथ दो डंडा तथा टोटी लगी लोहे की पाइप मिली है। परंतु पुलिस ने यह कहकर तहरीर बदलवा दिया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद अन्य कार्रवाई की जाएगी। पुलिस यदि उसी दिन सक्रिय हो जाती तो हत्यारे अब तक पकड़े जा चुके होते।

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