*बेटियों से सरेआम हो रही छेड़छाड़ पर पुलिस कार्रवाई से बच रही*

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*महिला अपराधों में कमी दिखाने को पुलिस ऐसे मामलों केस दर्ज करने से कतरा रही*

अयोध्या- सरकार बेटियों को हर संभव सुरक्षा देने का वादा करती है, लेकिन अयोध्या जिले की पुलिस शायद इससे इत्तेफाक नहीं रखती। यही वजह है कि वह छेड़छाड़ जैसे गंभीर अपराधों में प्राथमिकी दर्ज करने से कतराती है। यह आनाकानी तब तक चलती है, जब तक कोई बड़ी सिफारिश न आ जाए या मामला सोशल मीडिया में न उछले। चिंताजनक पहलू यह है कि वरिष्ठ अधिकारी यह आनाकानी करने वाले कनिष्ठ अफसरों पर कार्रवाई करने की बजाय, उनके बचाव में उतर आते हैं।

पुलिस इन मामलों को जांच के नाम पर टालती रहती है। जबकि नियमानुसार एफआईआर दर्ज करके मामले की जांच की जानी चाहिए। पुलिस के इसी रैवेये से मनचलों का हौसला बढ़ रहा है और इस तरह की घटनाओं में इजाफा हो रहा है। नीचे दिए गए कुछ केस बानगी भर हैं, ऐसे अनेक जाने-अनजाने केस रोज थाने की चौखट पर दम तोड़ रहे हैं-

केस एक

करीब एक महीने पहले रीडगंज क्षेत्र में दो छात्राओं से सरेआम छेड़खानी हुई। पहले दिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। दूसरे दिन यह मामला सुर्खियां बना तब पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। इस बीच बच्चियों ने छेड़खानी के डर से स्कूल जाना भी छोड़ दिया। इस मामले में स्कूल प्रबंधन पर दबाव डालने का भी आरोप लगा। हालांकि बाद में स्कूल प्रबंधन ने बच्चियों का सम्मान करके उनका पूरा साथ दिया।

केस दो

29 अक्टूबर को कुमारगंज थाना क्षेत्र में स्कूल जा रही कक्षा 11 की एक छात्रा को एक युवक का सरेआम थप्पड़ मारने का वीडियो वायरल हुआ। इसमें छेड़खानी का आरोप भी सामने आया। पीड़िता की शिकायत के बावजूद पुलिस ने उस दिन केस दर्ज नहीं किया। दूसरे दिन जब यह मामला सोशल मीडिया पर गूंजने लगा और यूपी पुलिस के ट्वीटर हैंडल से पूरा वीडियो टैग करके शिकायतें की गईं तो एसपी देहात और सीओ ने थाने पहुंचकर एफआईआर दर्ज कराई। तब तक आरोपी पकड़ से बाहर जा चुके थे।

केस तीन

22 अगस्त को पटरंगा थाने में एक दलित महिला ने घर में घुसकर छेड़छाड़ और मारपीट करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की। महिला घायल भी थी। थाना पुलिस ने इसे महिलाओं के बीच मारपीट का मामला बताते हुए शांतिभंग की कार्रवाई की। तीन दिन तक जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो महिला ने सीधे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से शिकायत की। एसएसपी ने सख्ती दिखाई तो महिला की ओर से आरोपी के खिलाफ यौन उत्पीड़न व मारपीट आदि धाराओं में केस दर्ज हुआ।

केस चार

30 अक्टूबर को बीकापुर थाने में दो नाबालिग सगी बहनों ने अपने साथ छेड़छाड़ की शिकायत थाने में की और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी पत्र भेजा। आरोप है कि उन लोगों के साथ घर में घुसकर मारपीट की गई और अश्लील हरकतें की गई। बीकापुर पुलिस दो दिन से इस घटना की जांच कर रही है। थानाध्यक्ष कहते हैं कि अभी जांच चल रही है, इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट बताया कि अभी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।


*कुमारगंज वाले मामले में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई है। पुलिस को पहले दिन शिकायत ही नहीं मिली थी। दूसरे दिन जब शिकायत मिली तब एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस ऐसे मामलों में संवेदनशील है*।

*अतुल कुमार, एसपी देहात*

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