महिला अस्पताल में मंडरा रहा है संक्रमण का खतरा, जिम्मेदार हैं गायब 



            गिरजा शंकर गुप्ता ब्यूरों
   अंबेडकर नगर। जिले की सबसे अहम महिला अस्पताल जलालपुर का हाल बदहाल है। 200 गांवों के इलाज का जिम्मेदार यह महिला अस्पताल समस्याओं से जूझ रहा है जिसके चलते आने वाले मरीजों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ती है। जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को शौच के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अस्पताल में यूं तो कहने को शौचालय हैं परन्तु उनकी स्थिति ऐसी है कि पूरी व्यवस्था का पंगुपना इन्हें देखकर सामने आ जाती है। हद तो यह हो गई कि शौचालय के अंदर से बाहर तक पानी भरा हुआ है और वह पानी बरामदे तक आ गया है। रोगियों के लिए बना महिलाओं का शौचालय कितने दिनों से चोक है।यह बताने के लिए काफी है कि इसके संचालक अस्पताल को व्यवस्थित रखने और संचालन के लिए कितने गैर जिम्मेदार हैं। जानकारी होने के बावजूद भी स्वास्थ्य महकमा इसे नजर अंदाज किए हुए है। इस संबंध में महिला अस्पताल जलालपुर प्रभारी से बात करने पर बताया गया उच्च अधिकारियों को पत्राचार किया गया परंतु इस समस्या से निजात नहीं मिल पाया हमेशा केवल यही कहा जाता है की बजट आने के पश्चात कार्य होगा इस कारण शौचालय परिसर में पूर्ण रूप से बंद चल रहे हैं और जलभराव बाहर तक आ चुका है।
मेडिकल वेस्ट के निपटान को लेकर जिले में लापरवाही बरती जा रही है। प्राइवेट हॉस्पिटल के अलावा सरकारी अस्पताल भी कचरे के साथ मेडिकल वेस्ट को खुले में डंप कर रहे हैं। महिला अस्पताल जलालपुर परिसर के अंदर मेडिकल वेस्ट डंप किया जा रहा है,जिससे संक्रमण होने का खतरा है।इस जगह रोज ही कचरा डाला जा रहा है। यह कचरा महिला अस्पताल और परिसर के अंदर बने आवास से ही निकला हुआ लग रहा है क्योंकि पास में वही है।कचरे के सड़ने व खाद्य पदार्थ फेंके जाने के कारण में उक्त जगह से बदबू आ रही है। जिस वजह से लोगों को यहां से गुजरने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सफाई और कचरा की उठान नहीं होने के कारण कचरे का ढेेर लगा है। कचड़े और मेडिकल वेस्ट का निपटारा नहीं होने से बीमारी फैलने की भी आशंका है।कचरे में बॉयोमेडिकल वेस्ट में इस्तेमाल सिरिंज, निडिल, कार्टन, गज आदि शामिल हैं। जबकि अस्पताल को इन कचरे को अलग—अलग पॉलीथिन में पैक कर रखा जाना चाहिए। जिसे सफाईकर्मी उठाव करते हैं। लेकिन यहां खुले में मेडिकल वेस्ट डंप किया जा रहा है। बायो—मेडिकल कचरे का सही ढंग से निस्तारण नहीं होने से जानवर और स्वस्थ इंसान भी संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। यदि मेडिकल कचरे का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया गया, तो यह महामारी भी फैल सकती है। ऐसे में अस्पताल में कचरा प्रबंधन का पूरा ख्याल रखना जरूरी होता है। लेकिन जिले में सारे नियम और कायदे कानूनों को दरकिनार कर दिया जा रहा है। इस संबंध में प्रभारी द्वारा बताया गया नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा यह कूड़ा नहीं उठाया जाता और महिला अस्पताल में महज एक ही सफाई कर्मी है जिसके कारण सफाई व्यवस्था सुचारू ढंग से नहीं संचालित हो पा रही है।

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