ख्यमंत्री ने भगवान बिरसा मुण्डा की जयन्ती पर आयोजित जनजातीय
गौरव दिवस के अवसर पर आज जनपद सोनभद्र में 575 करोड़ रु0 की
233 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया

वनाधिकार अधिनियम-2006 के अन्तर्गत 13 जिलों के 16 लाभार्थियों
को प्रतीकात्मक वनाधिकार पट्टा प्रमाण पत्र प्रदान किये

जनपद सोनभद्र के 3,934 लाभार्थियों को वनाधिकार पट्टा प्रमाण-पत्र
प्रदान किया गया, पूरे प्रदेश में जनप्रतिनिधिगण के माध्यम से
अब तक कुल 23,335 लाभार्थियों को वनाधिकार का पट्टा दिया गया

मुख्यमंत्री ने भगवान बिरसा मुण्डा की प्रतिमा का
अनावरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की

जनजातियों को वनाधिकार का पट्टा देने के साथ ही
आवास व अन्य सुविधाओं से आच्छादित किया जाए: मुख्यमंत्री

प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में केन्द्र व राज्य सरकार
जनजातियों के कल्याण के लिए मिलकर कार्य कर रही

जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम ने हम सबको अपने
अतीत की गौरवशाली परम्परा से जुड़ने का अवसर दिया

जनपद सोनभद्र बहुत ही महत्वपूर्ण, प्रदेश की 15 सूचीबद्ध
जनजातियों में से 13 जनजातियां इस जनपद में निवास करती

प्रदेश सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप जनपद सोनभद्र में मेडिकल कॉलेज
का निर्माण हो रहा, हर घर नल की योजना भी यहां साकार होने जा रही

प्रदेश सरकार ने महारानी दुर्गावती के नाम पर
जनपद बांदा के मेडिकल कॉलेज का नामकरण किया

प्रदेश सरकार के प्रयासांे से वनटांगिया गांवों में राशन कार्ड,
सड़क, बिजली, स्कूल, पेंशन आदि सुविधाएं उपलब्ध,
हर वनटांगिया परिवार के पास अपना एक पक्का मकान

ईको टूरिज्म में जनजाति समाज के लोगों को
गाइड के रूप सम्मिलित किया जाना चाहिए

मुख्यमंत्री ने जनजातियों के जीवन को
प्रदर्शित करने वाली कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया


लखनऊ: 15 नवम्बर, 2022


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने भगवान बिरसा मुण्डा की जयन्ती पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आज जनपद सोनभद्र के सेवा समर्पण संस्थान, सेवा कुंज आश्रम, कारीडाड चक, चपकी में 575 करोड़ रुपये की 233 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने वनाधिकार अधिनियम-2006 के अन्तर्गत 13 जिलों के 16 लाभार्थियों को प्रतीकात्मक वनाधिकार पट्टा प्रमाण पत्र प्रदान किये। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी द्वारा जनजातियों के जीवन को चित्रों में प्रदर्शित करने वाली कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने अपने सम्बोधन में प्रदेशवासियों को जनजातीय गौरव दिवस की बधाई देते हुए कहा कि देश के स्वाधीनता आन्दोलन में विदेशी हुकूमत की जड़ों को उखाड़ फेकने वाले जनजाति समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले भगवान बिरसा मुण्डा की आज जयन्ती है। यह दिवस सभी के जीवन में उत्साह और उमंग का संचार करे ऐसी कामना है। उन्होंने कहा कि जिनका जो अधिकार है, उनको मिलना ही चाहिए, उसी दिशा में आज यहां प्रदेश के 13 जिलों के 16 जनजाति भाई व बहनों को प्रतीकात्मक वनाधिकार का पट्टा प्रमाण-पत्र देते हुए जनपद सोनभद्र के कुल 3,934 लाभार्थियों को वनाधिकार प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया। इसी क्रम में पूरे प्रदेश में जनप्रतिनिधिगण के माध्यम से अब तक कुल 23,335 लाभार्थियों को वनाधिकार का पट्टा दिया गया है। उन्होंने प्रदेश के सभी जिला प्रशासन व वन विभाग व सम्बन्धित विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि जनजातियों को वनाधिकार का पट्टा देने के साथ ही आवास व अन्य सुविधाओं से आच्छादित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद सोनभद्र बहुत ही महत्वपूर्ण है। प्रदेश की 15 सूचीबद्ध जनजातियों में से 13 जनजातियां इस जनपद में निवास करती हैं। एक जनपद में इतनी सारी जनजातियां निवास करना निश्चित ही अद्वितीय है। यह गौरव जनपद सोनभद्र को हासिल है। मानव जाति के उद्गम के साथ जनजाति लोगों ने प्रकृति की चुनौतियों एवं संघर्षों से जूझते हुए अपने अस्तित्व को बनाये रखा है।
मुख्यमंत्री जी ने बिरसा मुण्डा की जयन्ती 15 नवम्बर की तिथि को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने के निर्णय के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम ने हम सबको अपने अतीत की गौरवशाली परम्परा से जुड़ने का अवसर दिया है। जनजाति समुदाय भारत का वह महत्वपूर्ण समुदाय है, जिसने धरती माता के साथ अपने मधुर सम्बन्ध स्थापित कर ‘माता भूमि पुत्रोऽहं पृथीव्या’ के वैदिक उद्घोष को चरितार्थ किया है। अर्थात धरती हमारी माता है और हम सब इसके पुत्र हैं। जनजाति समुदाय वनों का रक्षक, संरक्षक और इनके हर प्रकार से विस्तीर्ण करने में अपना योगदान देता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अंग्रेजों के समय में जनजातियों को हर प्रकार से प्रताड़ित किया गया, जिसके कारण रानी दुर्गावती, भगवान बिरसा मुण्डा एवं अन्य महापुरूषों को अपना बलिदान देना पड़ा। प्रदेश सरकार ने महारानी दुर्गावती के नाम पर जनपद बांदा के मेडिकल कॉलेज का नामकरण किया है। वर्ष 2017 में प्रदेश में डबल इंजन की सरकार आने के बाद प्रदेश में विकास की प्रक्रिया को तेज करने के लिए और बिना भेदभाव के शासन की योजनाओं का लाभ समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में कार्य किया गया। वनटांगिया गांवों में जनजातियों को कभी अधिकार नहीं मिल पाये थे। वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा 42 वनवासी गांवों को राजस्व गांव के रूप में मान्यता दी गई। आजादी के बाद पहली बार वनटांगिया गांव में पंचायत के चुनाव हुए हैं। वर्ष 1947 से वर्ष 2017 तक लगभग 70 वर्षों में इन गांवों में राशन कार्ड, सड़क, बिजली, स्कूल, पेंशन आदि सुविधाओं का अभाव था। प्रदेश सरकार के प्रयासांे से अब यह सभी सुविधाएं वनटांगिया गांव मंे उपलब्ध हैं। हर वनटांगिया परिवार के पास अपना एक पक्का मकान है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप जनपद सोनभद्र में मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो रहा है। हर घर नल की योजना भी यहां साकार होने जा रही है। राज्य सरकार ने तय किया है कि प्रत्येक जनजाति को जिसके पास आवास का पट्टा नहीं है, उसे आवास का पट्टा उपलब्ध कराया जाएगा। जिनके पास आवास नहीं है, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना व मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवास उपलब्ध कराने का कार्य प्रदेश सरकार करेगी। किसी भी जनजाति सदस्य को इससे वंचित नहीं होना पड़ेगा। प्रदेश सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ केन्द्र व राज्य की प्रत्येक योजना का लाभ उपलब्ध करा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यहां विद्युत की आपूर्ति सुनश्चित की जा रही है। जहां बिजली की लाइनें बिछाने में दिक्कत थी, वहां सोलर पैनल उपलब्ध कराये गये हैं। सड़कों आदि के माध्यम से अच्छी कनेक्टिविटी प्रदान की जा रही है। पहले एन0ओ0सी0 न मिलने के कारण सड़क निर्माण का कार्य नहीं हो पाता था। अब मिशन मोड पर एन0ओ0सी0 लेकर विकास की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। अच्छे शिक्षण संस्थानों एकलव्य विद्यालयों, आश्रम पद्धति के विद्यालयों का निर्माण हो रहा है। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के माध्यम से अनुसूचित जाति-जनजाति व सामान्य श्रेणी के बच्चों के लिए फिजिकली व वर्चुअली कोचिंग की सुविधा निःशुल्क उलपब्ध करायी जा रही है। साथ ही अनुसूचित जाति व जनजाति के बच्चों के लिए बड़े पैमाने पर छात्रावासों का निर्माण कराते हुए नगरीय क्षेत्रों में आवासीय व्यवस्था निःशुल्क उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने सेवा समर्पण संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि आजादी के बाद जनजातियों को मुख्यधारा से जोड़ते हुए उनके कल्याण के लिए कार्य किये गये। वनवासी कल्याण आश्रम के छात्रावासों से जुड़े बच्चों ने प्रत्येक क्षेत्र में अच्छी सफलता प्राप्त की है। यह एक राष्ट्रीय अभियान है। आजाादी के अमृत महोत्सव वर्ष में हम सब जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम से जुड़ रहे हैं। दो वर्ष पूर्व इस संस्थान द्वारा तत्कालीन राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द जी के सान्निध्य में यह कार्यक्रम भव्य रूप से आयोजित किया गया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में केन्द्र व राज्य सरकार जनजातियों के कल्याण के लिए मिलकर कार्य कर रही हैं। जनपद सोनभद्र वन औषधियों की खान हैं। यहां के वैद्यों को इन औषधियों को समाज के सामने प्रस्तुत करना चाहिए। जड़ी बूटियों को चिन्हित कर आयुर्वेद के आचार्यों के साथ उन्हें जोड़ना चाहिए। जड़ी बूटियों के संग्रहालय व उत्पादन की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। ईको टूरिज्म में जनजाति लोगों को गाइड के रूप सम्मिलित किया जाना चाहिए। राज्य सरकार इसमें भरपूर सहयोग करेगी। यहां उपलब्ध संसाधनों को माफियाओं व अराजकता से मुक्त करने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने जनजातीय समुदाय को भी अपने पूर्वजों की धरोहर को सुरक्षित रखने में सहयोग देने का आह्वान किया।  
मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम के दौरान जनजाति एवं आदिवासी कलाकारों द्वारा किये गये कर्मा, शैला व झिंझी नृत्य का आनन्द लिया। उन्होंने मानर वाद्य यंत्र में थाप मारकर जय जोहार के उद्घोष के साथ भगवान बिरसा मुण्डा को नमन किया।
इसके पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने भगवान बिरसा मुण्डा की प्रतिमा का अनावरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सांस्कृतिक संस्थान, सेवा समर्पण संस्थान, सेवाकंुज आश्रम व जिला प्रशासन द्वारा लगाये गये जनजाति उत्पादों एवं विभागीय योजनाओं के स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने जनजाति समुदाय के परम्परागत शैली में हस्तनिर्मित उत्पादों की सराहना की। प्रदर्शनी अवलोकन के दौरान बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के स्टाल पर पहुंचकर माताओं की गोद भराई व शिशुओं का अन्नप्राशन किया।
इस अवसर पर समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री असीम अरुण ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार द्वारा जनजातियों के अधिकार, शिक्षा, स्वावलम्बन के लिए कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी हमेशा जनजाति के लोगों के हितों के संवर्द्धन के लिए चिन्तनशील रहते हैं। आज सम्पन्न शिलान्यास व लोकार्पण कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्य मंत्री श्री संजीव गोंड सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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