मुंगराबादशाहपुर। महारानी लक्ष्मीबाई युवा ब्रिगेड ने लक्ष्मीबाई की मनाई जयंती

आजादी की लड़ाई में बलिदान देने वाले अमर शहीदों के शौर्यगाथा लोगों को बताया

अंगमवस्त्र से नारी शक्ति को सम्मानित किया गया

मुंगराबादशाहपुर,जौनपुर। बेटियों के मन से भय को मिटाएं और उनके अंदर सोए हुए आत्मविश्वास को जगाएं उन्हें उनकी नारी शक्ति का एहसास कराएं ताकि जब भी घर से किसी भी समय निकलें तो क्रूर अत्याचारियों को मुंहतोड़ जवाब दे सकें और स्वयं की सुरक्षा कर सकें। उक्त बातें शुक्रवार शनिवार शाम को नगर के साहबगंज पुरानी सब्जी मंडी मोहल्ले के चूड़ी गली में महारानी लक्ष्मीबाई युवा ब्रिगेड के तत्वावधान में आयोजित लक्ष्मीबाई के जन्मजयंती के अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीलम गुप्ता ने कहीं। 

इसके पूर्व स्पेक्ट्रम कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर शेखर आनंद पांडेय, हरिप्रभा वेलनेस ट्रस्ट के डायरेक्टर सुधाकर दुबे, विहिप नेता राजीव गुप्ता राजू,उमाशंकर चौरसिया व भाजपानेत्री नीलम गुप्ता ने महारानी लक्ष्मीबाई के चित्र पर अक्षत, टीका लगाया व पुष्प अर्पित कर उनको बलिदान को नमन किया। साथ ही आजादी की लड़ाई में अपने जीवन का बलिदान देकर आने वाली पीढ़ी को उज्ज्वल भविष्य देने वाले समस्त अमर शहीदों को भी याद किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शेखर आनंद पांडेय ने कहा कि हम सबको लक्ष्मीबाई के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और उनका अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के समय में हमें सफलता प्राप्त करनी है तो बच्चों को मोबाइल से थोड़ी दूरी बनाए रखनी चाहिए। सुधाकर दुबे ने कहा कि लक्ष्मीबाई की तरह आज की महिलाओं को भी बनना चाहिए ताकि अपने ऊपर हो रहे अत्याचार का मुंहतोड़ जवाब दे सकें। उमाशंकर चौरसिया ने कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई की शौर्य गाथा युग युगांतर तक महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। राजीव गुप्ता राजू ने कहा कि लक्ष्मीबाई ने महिलाओं के हक़ की लड़ाई लड़ी थी और उनको साथ लेकर एक सेना तैयार की जिसने अंग्रेजों से युद्ध में उनके छक्के छुड़ा दिए। युवा ब्रिगेड के संयोजक पत्रकार सूरज विश्वकर्मा ने कहा कि वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई जी शौर्य और पराक्रम की वो गाथा जिसकी गूँज आज तक है ब्रिटिश फिरंगी माटी तक नकली कलमकारों व चाटुकार इतिहासकारों द्वारा भले ही तमाम वीर व वीरांगनाओं के इतिहास को आम जनता ने जैसे तैसे छीन कर खुद से ही याद रखा हो और सच्चे सूरमाओं को विस्मृत नहीं होने दिया हो। लेकिन अभी भी तमाम ऐसे गद्दारों के नाम सामने आने बाकी हैं जिनकी गद्दारी की कीमत भले ही अंग्रेजो ने उन्हें मुहमांगी दी जो पर दुष्परिणाम न सिर्फ पूरे राष्ट्र, सभ्यता व संस्कृति को झेलनी पड़ी बल्कि इतिहास तक को रोना पड़ा है ..  ये वो पावन प्रतिमूर्तियां हैं जो अपनी गौरवगाथा से संसार को प्रकाशित कर के चली गयी . ये वो पावन शौर्यपुंज हैं जिनकी धमक से ब्रिटिश धरती तक हिल गई थी। संस्थापक जितेंद्र गुप्ता ने कहा कि लक्ष्मीबाई मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी थीं और 1857 के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में अंग्रेजी हुकुमत के विरुद्ध बिगुल बजाने वाले वीरों में से एक थीं। रानी लक्ष्मीबाई ने जी-जान से अंग्रेजी सेना का मुकाबला किया पर 17 जून 1858 को ग्वालियर के पास कोटा की सराय में ब्रिटिश सेना से लड़ते-लड़ते वीरगति को प्राप्त हो गईं। कार्यक्रम के दौरान राधेश्याम दुबे व मुरलीधर जिनकी उम्र लगभग 60 वर्ष की रही होगी उनके बचपन के देशभक्ति गीत को गाकर कहा " आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की इस मिट्टी से तिलक करो, ये धरती है बलिदान की वंदे मातरम, वंदे मातरम …"  जोश और जुनून को देखकर कार्यक्रम में युवाओं के अंदर उत्साह भर दिया जो ठंड हवाएं चल रही थी। इस दौरान कार्यक्रम में नारी शक्ति को राधेश्याम दुबे ने अक्षत चंदन का टीका लगाकर आरती उतारी गई और अंगमवस्त्र से सभी को सम्मानित किया। सभ्यता व संस्कृति की यह झलक देख लोगों ने कार्यक्रम की खूब सराहना की। इस अवसर पर रेडियो सिंगर फूलचंद्र जी, तबलावादक राजू जी,भाजपा महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष नीलम गुप्ता, सुधाकर दुबे, शेखर आनंद पांडेय, उमाशंकर चौरसिया, राजीव गुप्ता राजू, पत्रकार सूरज विश्वकर्मा, जितेंद्र गुप्ता,राजीव जायसवाल (एसराज ग्रुप), राधेश्याम दुबे,रामकृष्णा साहू, विभोर गुप्ता, हिमांशु केशरवानी, हिमांशु, दीपू मोदनवाल, बाबाजी, नितिन गुप्त, निशांत दुबे, राहुल गुप्ता, सुनील जायसवाल, धीरज विश्वकर्मा, मखंचु मौर्य, रिजवान,अक्षत सहित युवा ब्रिगेड के सदस्य व नगरवासी उपस्थित रहें।महारानी लक्ष्मीबाई युवा ब्रिगेड ने लक्ष्मीबाई की मनाई जयंती


आजादी की लड़ाई में बलिदान देने वाले अमर शहीदों के शौर्यगाथा लोगों को बताया

अंगमवस्त्र से नारी शक्ति को सम्मानित किया गया

मुंगराबादशाहपुर- बेटियों के मन से भय को मिटाएं और उनके अंदर सोए हुए आत्मविश्वास को जगाएं उन्हें उनकी नारी शक्ति का एहसास कराएं ताकि जब भी घर से किसी भी समय निकलें तो क्रूर अत्याचारियों को मुंहतोड़ जवाब दे सकें और स्वयं की सुरक्षा कर सकें। उक्त बातें शुक्रवार शनिवार शाम को नगर के साहबगंज पुरानी सब्जी मंडी मोहल्ले के चूड़ी गली में महारानी लक्ष्मीबाई युवा ब्रिगेड के तत्वावधान में आयोजित लक्ष्मीबाई के जन्मजयंती के अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीलम गुप्ता ने कहीं। 

इसके पूर्व स्पेक्ट्रम कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर शेखर आनंद पांडेय, हरिप्रभा वेलनेस ट्रस्ट के डायरेक्टर सुधाकर दुबे, विहिप नेता राजीव गुप्ता राजू,उमाशंकर चौरसिया व भाजपानेत्री नीलम गुप्ता ने महारानी लक्ष्मीबाई के चित्र पर अक्षत, टीका लगाया व पुष्प अर्पित कर उनको बलिदान को नमन किया। साथ ही आजादी की लड़ाई में अपने जीवन का बलिदान देकर आने वाली पीढ़ी को उज्ज्वल भविष्य देने वाले समस्त अमर शहीदों को भी याद किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शेखर आनंद पांडेय ने कहा कि हम सबको लक्ष्मीबाई के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और उनका अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के समय में हमें सफलता प्राप्त करनी है तो बच्चों को मोबाइल से थोड़ी दूरी बनाए रखनी चाहिए। सुधाकर दुबे ने कहा कि लक्ष्मीबाई की तरह आज की महिलाओं को भी बनना चाहिए ताकि अपने ऊपर हो रहे अत्याचार का मुंहतोड़ जवाब दे सकें। उमाशंकर चौरसिया ने कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई की शौर्य गाथा युग युगांतर तक महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। राजीव गुप्ता राजू ने कहा कि लक्ष्मीबाई ने महिलाओं के हक़ की लड़ाई लड़ी थी और उनको साथ लेकर एक सेना तैयार की जिसने अंग्रेजों से युद्ध में उनके छक्के छुड़ा दिए। युवा ब्रिगेड के संयोजक पत्रकार सूरज विश्वकर्मा ने कहा कि वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई जी शौर्य और पराक्रम की वो गाथा जिसकी गूँज आज तक है ब्रिटिश फिरंगी माटी तक नकली कलमकारों व चाटुकार इतिहासकारों द्वारा भले ही तमाम वीर व वीरांगनाओं के इतिहास को आम जनता ने जैसे तैसे छीन कर खुद से ही याद रखा हो और सच्चे सूरमाओं को विस्मृत नहीं होने दिया हो। लेकिन अभी भी तमाम ऐसे गद्दारों के नाम सामने आने बाकी हैं जिनकी गद्दारी की कीमत भले ही अंग्रेजो ने उन्हें मुहमांगी दी जो पर दुष्परिणाम न सिर्फ पूरे राष्ट्र, सभ्यता व संस्कृति को झेलनी पड़ी बल्कि इतिहास तक को रोना पड़ा है ..  ये वो पावन प्रतिमूर्तियां हैं जो अपनी गौरवगाथा से संसार को प्रकाशित कर के चली गयी . ये वो पावन शौर्यपुंज हैं जिनकी धमक से ब्रिटिश धरती तक हिल गई थी। संस्थापक जितेंद्र गुप्ता ने कहा कि लक्ष्मीबाई मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी थीं और 1857 के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में अंग्रेजी हुकुमत के विरुद्ध बिगुल बजाने वाले वीरों में से एक थीं। रानी लक्ष्मीबाई ने जी-जान से अंग्रेजी सेना का मुकाबला किया पर 17 जून 1858 को ग्वालियर के पास कोटा की सराय में ब्रिटिश सेना से लड़ते-लड़ते वीरगति को प्राप्त हो गईं। कार्यक्रम के दौरान राधेश्याम दुबे व मुरलीधर जिनकी उम्र लगभग 60 वर्ष की रही होगी उनके बचपन के देशभक्ति गीत को गाकर कहा " आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की इस मिट्टी से तिलक करो, ये धरती है बलिदान की वंदे मातरम, वंदे मातरम …"  जोश और जुनून को देखकर कार्यक्रम में युवाओं के अंदर उत्साह भर दिया जो ठंड हवाएं चल रही थी। इस दौरान कार्यक्रम में नारी शक्ति को राधेश्याम दुबे ने अक्षत चंदन का टीका लगाकर आरती उतारी गई और अंगमवस्त्र से सभी को सम्मानित किया। सभ्यता व संस्कृति की यह झलक देख लोगों ने कार्यक्रम की खूब सराहना की। इस अवसर पर रेडियो सिंगर फूलचंद्र जी, तबलावादक राजू जी,भाजपा महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष नीलम गुप्ता, सुधाकर दुबे, शेखर आनंद पांडेय, उमाशंकर चौरसिया, राजीव गुप्ता राजू, पत्रकार सूरज विश्वकर्मा, जितेंद्र गुप्ता,राजीव जायसवाल (एसराज ग्रुप), राधेश्याम दुबे,रामकृष्णा साहू, विभोर गुप्ता, हिमांशु केशरवानी, हिमांशु, दीपू मोदनवाल, बाबाजी, नितिन गुप्त, निशांत दुबे, राहुल गुप्ता, सुनील जायसवाल, धीरज विश्वकर्मा, मखंचु मौर्य, रिजवान,अक्षत सहित युवा ब्रिगेड के सदस्य व नगरवासी उपस्थित रहें।

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