अम्बेडकर नगर जनपद के तहसील आलापुर क्षेत्र निकट पूर्वी छोर विकास खंड जहांगीरगंज अंतर्गत श्री लल्लन जी ब्रह्मचारी मुमुक्षु आश्रम मन्दिर इन्दौरपुर घिनहापुर मे मन्दिर परिसर में अक्षय नवमी के अवसर पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़। वही दूर दराज से आये हुए श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना करते हुए नजर आए।
श्री लल्लन जी ब्रह्मचारी मुमुक्षु आश्रम
 लोग अपनी मन्नते मुरादे मानते हैं पूरा होता है। लोगों में आस्था बनी मंदिर परिसर में भक्तगण के द्वारा श्रद्धालुओं को प्रसाद और भंडारे का आयोजन किया गया। प्रसाद और भंडारे में श्रद्धालु उमड़ी भीड़ व क्षेत्रवासी ग्रामवासी प्रसाद ग्रहण किए।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाई जाती है। श्री सत्यव्रत ब्रह्मचारी जी महाराज ने बताया कि इस साल अक्षय नवमी 02 नवंबर को मनाई गई।अक्षय नवमी को आं यह वला नवमी भी कहा जाता है। इस दिन श्री हरि भगवान विष्णु और आंवले के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, आंवले के वृक्ष में स्वयं भगवान विष्णु वास करते हैं।इसलिए अक्षय नवमी पर आंवले के पेड़ की पूजा से शुभ फल की प्राप्ति होती है। अक्षय नवमी के मौके पर
गरीबों को भोजन कराने से पुण्य- अक्षय नवमी के अवसर पर गरीबों को भोजन कराने से बड़ा पुण्य मिलता है।इस दिन आंवले के वृक्ष की छांव में किसी गरीब को बिठाकर भोजन कराने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। ये एक उपाय करने वालों के घर में कभी अन्न, धन की कमी नहीं रहती है।
हरे कपड़े में आंवले के बीज- ऐसा कहते हैं कि आंवले के बीजों को हरे कपड़े में बांधकर अपने पास रखने से आर्थिक लाभ होता है। इस पोटली को आप तिजोरी या धन के स्थान पर भी रख सकते हैं। अगर आप व्यापारी हैं तो आंवले के बीजों की बंधी पोटली अपने गल्ले में रख सकते हैं। ऐसा करने से आपको कभी व्यापार में नुकसान नहीं होगा।
आंवले के पत्ते पर स्वस्तिक- अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ के पत्तों पर हल्दी का स्वस्तिक बनाएं और उसका वंदनवार बनाकर अपने घर के मुख्य द्वार पर टांग दें। इससे आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होगा।घर की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और तनाव या लड़ाई-झगड़ों की समस्याएं भी खत्म होंगी।
। इस मौके पर मन्दिर के भक्तगण दीनदयाल यादव गुलाब यादव सचिन अर्जुन यादव जन सेवा केंद्र, रामरसिक यादव विनोद सुनील विजय हीरा ग्राम प्रधान प्रतिनिधि महेंद्र यादव नाटे पेड़ा वाले श्रद्धालुओं सहित ग्रामवासी मौजूद रहे।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने