मथुरा।।वृन्दावन शोध संस्थान के प्रेक्षागृह में 26 नवंबर 2022 शनिवार को 55वें स्थापना दिवस समारोह के समापन एवं संविधान दिवस के अवसर पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न कवियों ने अपने काव्य पाठ से श्रोताओं का मन मोह लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ ठा0श्रीबांकेबिहारी के चित्रपट पर माल्यार्पण एवं अशोक अज्ञ द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण से हुआ। इस दौरान मोहनलाल मोही ने ‘जो तुम ब्रज वास चाहौ तौ, ब्रजवासिन कूं मनाऔ...’ काव्य पंक्तियां सुनाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। योगेश कुमार द्वारा ‘दूसरों को रौंद कर आगे निकल जाने की फितरत ...’ काव्य को सुन श्रोतागणों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया। देवीप्रसाद गौड़ द्वारा ‘ससुराल से बेचारी एक नवल किशोरी गोरी, तीखी-तीखी नजरों से कैसे बच जाएगी... ’ काव्य पाठ के द्वारा लोगों को रससिक्त कर दिया। डाॅ0 अनिल गहलौत ने ‘ये कविता ही है, जो अक्सर हमें दीपक दिखाती है ...’ सुनाकर उपस्थित जनों को भावविभोर किया। डाॅ0 रमाशंकर पांडेय द्वारा ‘मंगलकारिणी कष्ट निवारणी जीवन की सुख सार है राधा, जीवन धार में ज्वार जहां वहां जीवन खेवनहार राधा...’ पंक्तियां सुनाकर दर्शकों को भावुक कर दिया। कार्यक्रम अध्यक्ष श्यामसुंदर शर्मा ‘अकिंचन’ की ‘दिन गुजरानी करनी बालम, रह लेंगे चौबारे में, नाहक भीत लगावे घर में आग लगे बंटवारे में...’ पंक्तियां सुनकर दर्शकों की तालियों से प्रेक्षागृह गुंजायमान हो गया। डाॅ0 ब्रजभूषण चतुर्वेदी ने ‘अब तक हम पहचान न पाये अपने कौन पराये कौन ...’ काव्य पंक्तियों के माध्यम से लोगों को हर्षित किया। कवियों का स्वागत संस्थान के उप-निदेशक डाॅ0 एस0 पी0 सिंह द्वारा पटुका उढाकर किया गया। संस्थान अध्यक्ष आर0 डी0 पालीवाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 ब्रजभूषण चतुर्वेदी द्वारा किया। कार्यक्रम में जे0एस0 पब्लिक स्कूल, लालसा इंटरनेशनल स्कूल के शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की। इस अवसर पर पं. उदयन शर्मा, उद्योगपति शेर सिंह, सुभाष चौधरी, आचार्य वृंदावनबिहारी गोस्वामी, खेमचंद यदुवंशी, शासी परिषद सदस्य राधाकृष्ण पाठक, आचार्य नरेश नारायण, उपेंद्र त्रिपाठी, रमेशचंद्र शिशु, मालती शिशु, श्रीमती सुशीला गुप्ता, धीरज द्विवेदी, ओंकारनाथ सागर, अखिलेश कुमार, कृष्ण कुमार अग्रवाल, डाॅ0 राजेश शर्मा, रजत शुक्ला, उमाशंकर पुरोहित, श्रीकृष्ण गौतम, करूणेश उपाध्याय, प्रगति शर्मा, वैष्णवी दीक्षित, कृष्ण कुमार मिश्रा, ब्रजेश कुमार, हेमंत, गोपनंदन, शिवम शुक्ला, करवेन्द्र सिंह, गोपाल शर्मा, भगवती, जुगल शर्मा, अंकुर सिंह, रामप्रताप, विनोद झा, रमेशचंद्र, महेंद्र सिंह एवं अशोक दीक्षित आदि अनेक जन उपस्थित रहे।

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