संवाददाता अंबेडकर नगर की रिपोर्ट जलालपुर , अम्बेडकर नगर। मालीपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत कानीपुर निवासी 14 वर्षीय नाबालिक बालिका को 16 सितंबर 2022 को स्कूल जाते समय अपहरण कर अपहरणकर्ताओं ने लखनऊ के किसी होटल में ले जाकर बलात्कार किया
। 2 दिन बाद नाबालिग बालिका किसी तरह से बच - बचाकर घर पहुंची तो आपबीती घरवालों को बताई। 16 सितंबर 2022 को नाबालिग बालिका की गुमशुदगी की रिपोर्ट परिजनों ने मालीपुर थाना में दी थी,
परंतु 2 दिन बाद जब बालिका अपने घर पहुंची तो उसने आप बीती बताई की अरशद नामक व्यक्ति जो कटघर मूंसा निवासी है वह अपने साथियों के साथ होटल में ले जाकर बालिका के साथ कई बार बलात्कार किया। पीड़िता थाने में जाकर अपना बयान दर्ज करवाई परंतु 21 दिन बीतने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की बल्कि विवेचना अधिकारी प्रमोद खरवार अपने हमराहियों के साथ आकर पीड़िता से बार-बार बयान लेते। जिससे पीड़िता आहत होकर 4 अगस्त को शाम को विवेचना अधिकारी प्रमोद खरवार से कहीं की बार-बार मुझे ही टॉर्चर किया जा रहा है अभियुक्तों के साथ कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। अगर अभियुक्तों के साथ कोई कार्यवाही नहीं हुई तो मैं फांसी लगाकर जान दे दूंगी, परंतु विवेचना अधिकारी प्रमोद खरवार पर इस बात का कोई असर नहीं पड़ा । जबकि विगत दिनों में पीड़िता अपने पिता के साथ और गांव के अन्य लोगों के साथ डीएम अंबेडकर नगर से जाकर मिली तो डीएम साहब ने आश्वासन देते हुए चॉकलेट देकर एसपी अंबेडकर नगर के पास भेज दिया परंतु एसपी अंबेडकर नगर ने मामले को गंभीरता से ना लेते हुए पीड़ित और उसके पिता और साथ में अन्य लोग को डांटते हुए भगा दिया और यह भी कहा कि यदि नहीं भागते हो तो तुम्हें धक्का देकर यहां से निकाल दिया जाएगा। पीड़िता और उसके पिता इस घटना से आहत होकर वहीं से तुरंत लखनऊ के लिए रवाना हो गए और वहां पर जाकर मुख्यमंत्री जी से मिलना चाहा परंतु मुख्यमंत्री जी से वह लोग नहीं मिल पाए और सचिव से मिलकर अपनी पूरी बात बताई परंतु शासन - प्रशासन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और पीड़िता को न्याय न मिलने के कारण पीड़िता आहत हो गई ।अंततः गैंगरेप पीड़िता न्याय ना मिलने से आहत होकर दुपट्टे के सहारे स्वयं को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मालीपुर थाना की कार्यशैली पर अनेकों सवाल उठ रहे हैं सूत्रों के अनुसार मालीपुर थाना ने घटना की लीपापोती करने के लिए आरोपी से ₹500000 लेकर घटना की लीपापोती कर रहे थे और बीच - बचाव का रास्ता निकाल रहे थे परंतु मालीपुर थाना के विवेचना अधिकारी द्वारा लीपापोती और बार-बार पूछताछ से आहत होकर नाबालिग बालिका ने अपने जीवन का अंत कर दिया जिसका जिम्मेदार कहीं ना कहीं मालीपुर थाना के विवेचना अधिकारी और थाना अध्यक्ष है। आत्महत्या की खबर आग की तरह फैली देखते ही देखते जलालपुर सीईओ सर्किल के अंतर्गत कोतवाली जलालपुर, थाना जैतपुर ,थाना मालीपुर की पुलिस ,सीओ जलालपुर देवेंद्र मौर्य ,एसडीएम जलालपुर हरिशंकर लाल, नायब तहसीलदार राज कपूर समेत घटनास्थल पर पहुंचकर घटना का जायजा लेते हुए मान मनौवल करवाने की कोशिश किए, परंतु पीड़िता के परिवार वाले का कहना था कि जब तक जिले के आला अधिकारी नहीं आ जाएंगे तब तक हम शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। सूचना पाकर एडीएम अंबेडकरनगर अशोक कुमार कनौजिया एसपी अंबेडकर नगर संजय राय भी घटनास्थल पर पहुंचकर मान मनौवल करवाने की कोशिश की परंतु पीड़िता के परिवार वाले अपने जिद पर अड़े रहे। देखते ही देखते पीड़िता का द्वार पुलिस छावनी मैं तब्दील हो गई । एसपी अंबेडकर नगर संजय राय ने पीड़िता के पिता को आश्वासन देते रहें की मेरे संज्ञान में मामला नहीं था आज मेरे संज्ञान में मामला आया है मैं तुरंत इस पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करूंगा और जल्द से जल्द आरोपी पुलिस के गिरफ्त में होगा । वहीं पर एडीएम अंबेडकरनगर अशोक कुमार कनौजिया ने पीड़िता के पिता को आश्वासन देते हुए कहा कि आरोपी घटना को सुनने के बाद घर छोड़कर भाग गया होगा लेकिन वह कहां तक भागेगा अंततः थोड़ा समय लग सकता है परंतु आरोपी एक-दो दिन के अंदर पुलिस के गिरफ्त में होगा मैं यह आपको विश्वास दिलाता हूं और वहीं पर यह भी कहा कि यह आप लोगों की भी जिम्मेदारी है कि आरोपी के बारे में जानकारी कर पुलिस को सूचना दें जिससे पुलिस जल्द से जल्द आरोपी को अपनी गिरफ्त में लेकर कड़ी से कड़ी कार्यवाही कर सके । परंतु पीड़िता के परिवार वाले पर इनके आश्वासन का कोई प्रभाव नहीं पड़ा वह अपनी जिद पर अड़े रहे और कहते रहे कि जब तक एसपी अंबेडकर नगर नहीं आएंगे तब तक मैं शव का अंतिम संस्कार नहीं करूंगा। क्योंकि मैं अपनी बेटी के साथ उनके पास न्याय मांगने के लिए गया था परंतु उन्होंने मुझे दुत्कारते हुए अपने ऑफिस से भगा दिया अगर एसपी अंबेडकर नगर ने मामले को संज्ञान में लिया होता तो शायद मेरी बच्ची आत्महत्या ना करती परंतु एसपी अंबेडकर नगर घटनास्थल पर नहीं आए जिससे परिजनों एवं गांव वालों में आक्रोश व्याप्त हो गया , परंतु जब अंततः जिलाधिकारी अंबेडकरनगर सैमुअल पाल एन घटनास्थल पर पहुंचे तो परिजनों एवं गांव वालों का आक्रोश शांत हुआ । डीएम अंबेडकर नगर ने पीड़िता के परिवार वालों के साथ सहानुभूति दिखाते हुए उन्होंने आश्वासन दिया कि गैंगरेप के अभियुक्तों को गैंगस्टर एक्ट आदि तमाम धाराओं के साथ उन पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें कड़ा से कड़ा दंड दिलाने की प्रक्रिया करेंगे और उनके संपत्ति को कुर्क भी करेंगे और पीड़ित के परिवार को ₹500000 आर्थिक मदद के रूप में सरकार से दिलाएंगे और परिवार को यह भी आश्वासन दिया कि यदि परिवार में कोई पढ़ा-लिखा सदस्य होगा तो उसे सरकारी नौकरी भी दिलाई जाएगी डीएम अंबेडकर नगर के आश्वासन पर गैंगरेप पीड़िता के परिवार वालों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जाने दिया। विवेचना अधिकारी प्रमोद खरवार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया और एस ओ मालीपुर के खिलाफ भी कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। डीएम अंबेडकरनगर ने कहा कि एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठित की जाएगी और घटना से संबंधित सभी दोषियों के साथ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी और उन्हें दंड दिलाया जाएगा। पीड़िता के परिवार का कहना है कि अपहरण और गैंगरेप की मास्टरमाइंड पीड़िता की चाची है जिसको परिजनों के बयान पर जलालपुर थाने की पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया है और अरशद और उसके साथियों की खोजबीन कर रही है। इस प्रकार की अप्रिय घटना से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है और गांव में सनसनी व्याप्त है। जगह-जगह चर्चाओं का माहौल गर्म है लोग यह कहते हुए नहीं थक रहे हैं कि यदि पुलिस प्रशासन इसी तरह की कार्यशैली से हम लोगों की रक्षा करेगी तो हम लोग सुरक्षित कैसे हो पाएंगे। लोगों का कहना है कि जिसकी लाठी उसी की भैंस वाली कहावत को मालीपुर थाने की पुलिस साकार कर रही है।

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