दुष्कर्म के बाद युवती को होटल में बंधक बनाकर रखा गया


        गिरजा शंकर गुप्ता ब्यूरों

 अंबेडकरनगर।  बालिका के अपहरण के बाद उसे होटल में हाथ पैर बांधकर एक कमरे में बंद कर रखा गया था। दो दिन तक उसे खाना पीना कुछ भी नहीं दिया गया। उसकी हत्या करने की भी तैयारी थी।

यह आरोप बालिका के पिता ने लगाए हैं।
इसमें कहा गया कि कटघर मूसा निवासी अरशद के कहने पर दो अज्ञात व्यक्तियों ने उसकी पुत्री का अपहरण किया। वह दोनों बालिका को लेकर 16 सितंबर को कार से लखनऊ गए। वहां उसे एक होटल में रखा। वहां उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद दोनों अज्ञात व्यक्ति हाथ पैर व मुंह बांधकर चले गए। 17 सितंबर को वे दोनों दिन भर नहीं आए।
शाम को हत्या की नीयत से पुत्री को बाहर निकाला। इसके बाद जब वे दोनों होटल का बिल अदा करने लगे तो इसी बीच मौका देखकर वह निकल भागी। इसके बाद रात में ही बस पकड़कर सुबह घर आ गई। यह भी कहा कि मुख्य आरोपी अरशद का गांव की एक महिला के घर आना जाना था। उसी ने अरशद के साथ मिलकर मेरी पुत्री का अपहरण करवाया था।
इस मामले में पुलिस पर भी लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं। 16 सितंबर को बालिका के अपहरण के बाद पिता की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज किया था। 18 सितंबर को वह वापस लौटकर आई तो उसने पुलिस को पूरा घटनाक्रम बताया। पुलिस ने बयान दर्ज कराए लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की।
पुलिस का कहना था कि बालिका ने घर से निकलने के बाद एक ईंट भट्ठे के निकट दो अज्ञात लोगों द्वारा कार से अपहरण कर लखनऊ ले जाने का बयान दिया है। हालांकि बालिका के पिता के कहना था कि उनकी पुत्री ने दो अज्ञात लोगों पर अपहरण का आरोप लगाते हुए बताया था कि थोड़ी ही दूर पर खड़ा कटघरमूसा निवासी एक युवक दोनों अपहर्ताओं को इशारा कर रहा था। यह युवक अक्सर बालिका की चाची के घर आता-जाता था। पुलिस यह बात मानने को तैयार नहीं थी।
आरोप यह है भी है कि वह बालिका व उसके पिता पर बार-बार बयान बदलने के लिए दबाव डाल रही थी। बालिका के पिता का कहना था कि कटघरमूसा निवासी युवक को पकड़कर पूछताछ की जाए तो सभी आरोपी सामने आ सकते हैं। लेकिन आरोपियों पर कार्रवाई की जगह पुलिस ने कई बार बालिका के घर का ही चक्कर लगाया।
बालिका के पिता के अनुसार पुलिस बार-बार इसलिए आ रही थी जिससे मास्टर माइंड युवक का नाम न शामिल करने पर सहमत हो जाएं। इसी सिलसिले में मंगलवार को भी विवेचक प्रमोद खरवार गांव पहुंचे थे। पुलिस के रवैये से आजिज बालिका ने चेतावनी दी थी कि यदि आज रात तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वह आत्महत्या कर लेगी। लोगों का कहना है कि बालिका की चेतावनी को पुलिस ने यदि गंभीरता से लिया होता तो आज बेटी जिंदा होती।

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