मुख्यमंत्री तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, भारत
सरकार प्रदेश की सड़क व राजमार्ग परियोजनाओं की समीक्षा की

प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में विगत साढ़े 05 वर्ष में प्रदेश में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर
में अभूतपूर्व कार्य हुआ, प्रदेश में आज 06 एक्सप्रेस-वे, राष्ट्रीय राजमार्ग
की संख्या भी विगत 05 वर्ष में लगभग दोगुनी: मुख्यमंत्री

भारत सरकार का सड़क परिवहन एवं राजमार्ग
मंत्रालय प्रदेश के विकास में सहभागी बन रहा

भारत सरकार प्रदेश में नए राजमार्गों/ग्रीनफील्ड सड़क परियोजनाओं की
शुरुआत करती है, तो राज्य सरकार की ओर से शासकीय
भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी

केंद्रीय मंत्रालय, एन0एच0ए0आई0 और प्रदेश सरकार के
सम्बंधित विभाग हर महीने परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय, प्रदेश के समग्र विकास में हर
सम्भव सहयोग करने के लिए तत्पर: केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री का एन0एच0ए0आई0 को प्रथम
चरण में प्रदेश के 25 बस स्टेशनों का नवनिर्माण पी0पी0पी0
मोड में करने का प्रस्ताव देने के निर्देश

प्रयागराज में वर्ष 2025 में महाकुम्भ के आयोजन के दृष्टिगत प्रतापगढ़-सुल्तानपुर-अयोध्या राज्य राजमार्ग के चार लेन चौड़ीकरण
का प्रस्ताव पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने सहमति दी

लखनऊ: 08 अक्टूबर, 2022

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, भारत सरकार श्री नितिन गडकरी ने आज यहां मुख्यमंत्री जी के सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश की सड़क व राजमार्ग परियोजनाओं की समीक्षा की। इस अवसर पर केन्द्रीय सड़क व राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी0के0 सिंह, प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री श्री जितिन प्रसाद, लोक निर्माण राज्य मंत्री श्री ब्रजेश सिंह, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र सहित प्रदेश शासन तथा केन्द्रीय सड़क व राजमार्ग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में विगत साढ़े 05 वर्ष में उत्तर प्रदेश में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। वर्ष 2017 तक मात्र 01 एक्सप्रेस-वे वाले प्रदेश में आज 06 एक्सप्रेस-वे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग की संख्या भी विगत 05 वर्ष में लगभग दोगुनी हो गयी है। सीमावर्ती क्षेत्रों की कनेक्टिविटी में आशातीत सुधार हुआ है। यह सड़कें प्रगति का माध्यम हैं। भारत सरकार का सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय प्रदेश के विकास में सहभागी बन रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के सामाजिक, सामरिक और आर्थिक महत्व के दृष्टिगत नई सड़क परियोजनाओं की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि भारत सरकार यदि प्रदेश में नए राजमार्गों/ग्रीनफील्ड सड़क परियोजनाओं की शुरुआत करती है, तो राज्य सरकार की ओर से शासकीय भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। प्रदेश में संचालित विभिन्न राजमार्ग व अन्य परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि सभी परियोजनाओं के लिए भूमि की उपलब्धता समय से कराई जाएगी। बैठक में निर्णय हुआ कि केंद्रीय मंत्रालय, एन0एच0ए0आई0 और प्रदेश सरकार के सम्बंधित विभाग हर महीने परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी बस स्टेशनों के नवनिर्माण में एन0एच0ए0आई0 का सहयोग लेना चाहती है। चरणबद्ध रूप से सभी 75 जिलों के बस स्टेशनों का पुनर्निर्माण किया जा सकता है। एन0एच0ए0आई0 द्वारा इन्हें पी0पी0पी0 मोड में विकसित किया जा सकता है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने मुख्यमंत्री जी के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए अधिकारियों को प्रथम चरण में 25 बस स्टेशनों का प्रस्ताव प्रेषित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी के वाराणसी की तर्ज पर गाजियाबाद, मथुरा-वृंदावन, बुन्देलखण्ड और सोनभद्र में रोप-वे निर्माण की परियोजनाओं की चर्चा पर केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने सभी जरूरी सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में निर्मित अधिकांश राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर चलते हैं। लेकिन प्रदेश के सामाजिक एवं सामरिक महत्व के दृष्टिगत नेपाल बॉर्डर से सटे जनपदों से प्रारंभ कर उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण जनपदों को जोड़ते हुए देश में व्यावसायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थानों, यथा बंदरगाहों, औद्योगिक क्षेत्रों व खनिज बाहुल्य क्षेत्रों से जोड़ना आवश्यक है। उन्होंने प्रदेश में अधिक से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थापना की जरूरत बताते हुए भारत सरकार से सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि गोरखपुर-सिलीगुड़ी, वाराणसी-कोलकाता तथा गोरखपुर-बरेली कॉरिडोर को भारतमाला परियोजना-2 में शामिल किया जाना प्रदेश की तरक्की को नई उड़ान देने वाला होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों के लिए रिंगरोड/बाईपास मार्ग की आवश्यकता है। जिस पर केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने सकारात्मक रूप से विचार करने का आश्वासन दिया। बैठक में प्रदेश सरकार की ओर से गोसाईंगंज-बनी-मोहान मार्ग, सीतापुर-लखीमपुर-गौरीफंटा मार्ग, टूंडला-एटा-कासगंज राज्यमार्ग, चंदौसी-मुरादाबाद-फर्रूखाबाद राज्यमार्ग, नैमिषारण्य-गोला गोकर्णनाथ-माता पूर्णागिरि-शाहजहांपुर-फर्रूखाबाद सहित विभिन्न मार्गों के सुदृढ़ीकरण के लिए भी प्रस्ताव रखा गया।
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय, प्रदेश के समग्र विकास में हर सम्भव सहयोग करने के लिए तत्पर है। मुख्यमंत्री जी ने नवाचारों को अपनाने पर जोर देते हुए उत्तर प्रदेश सेतु निगम के अधिकारियों को अत्याधुनिक तकनीक अपनाने के निर्देश दिए।
बैठक में प्रयागराज में वर्ष 2025 में आयोजित होने वाले महाकुम्भ से जुड़ी परियोजनाओं पर भी चर्चा हुई। इस दौरान प्रतापगढ़-सुल्तानपुर-अयोध्या राज्य राजमार्ग के चार लेन चौड़ीकरण का प्रस्ताव पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने सहमति दी। राष्ट्रीय राजमार्ग 24-बी के रायबरेली-प्रयागराज सेक्शन में अत्यधिक टैªफिक व धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्ग होने के कारण आगामी कुंभ से पूर्व इसके चौड़ीकरण के प्रस्ताव पर केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने इसके लिए आवश्यक परीक्षण कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
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