मिट्टी पर्यावरण तथा मानव स्वास्थ्य को बचाएगी प्राकृतिक खेती-शाही
शीघ्र कुरुक्षेत्र से प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण लेंगे मास्टर ट्रेनर, कृषक, कृषि वैज्ञानिक व अधिकारी
कृषि मंत्री सहित अन्य संबंधित मंत्री तथा अधिकारी 28-29 को जाएंगे कुरुक्षेत्र

लखनऊः 26 सितम्बर, 2022

उत्तर प्रदेश में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से प्रदेश के प्रगतिशील किसानों, कृषि वैज्ञानिकों तथा कृषि अधिकारियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिलाकर प्रदेश की मिट्टी, पर्यावरण तथा मानव स्वास्थ्य के संरक्षण के कार्य को वृहद स्तर पर शीघ्र ही धरातल पर उतर जाएगा। यह बात आज प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने लोक भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में मीडिया प्रतिनिधियों से कही।
श्री शाही ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से एक उच्च स्तरीय भ्रमण दल दिनांक 28, 29 सितंबर तक हरियाणा प्रदेश के कुरुक्षेत्र में स्थित गुरुकुल प्रक्षेत्र पर अध्ययन की दृष्टि से जायेगा। इस भ्रमण दल में स्वयं कृषि मंत्री, गन्ना विकास मंत्री, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री, कृषि राज्य मंत्री, मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य कृषि, अपर मुख्य सचिव, गन्ना, कृषि एवं संबद्ध विभाग के समस्त निदेशकगण, निदेशक, मंण्डी इत्यदि सम्मिलित होंगे। भ्रमण दल के साथ-साथ प्रदेश में स्थित चार कृषि विश्वविद्यालय के अधीन संचालित 05-05 के0वी0के0 के 01-01 वैज्ञानिक निदेशक, रहमानखेडा, कृषि विभाग के अधिकारी एवं 20 से 25 कृषक भी 03 दिवसीय भ्रमण एवं प्रशिक्षण हेतु दिनांक 28.09.2022 को गुरुकुल के लिए प्रस्थान करेंगे।
श्री शाही ने कहा कि मा० प्रधानमंत्री जी एवं मा० मुख्यमंत्री जी उ0प्र0 के द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के मार्गदर्शन के उपरान्त कृषि विभाग द्वारा योजना के क्रियान्वयन से संबंधित गम्भीरता से कार्यवाही की जा रही है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती कृषि बोर्ड की स्थापना करने जा रही है, जो कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती कार्यक्रम के क्रियान्वयन का अनुश्रवण करेगी तथा नीतिगत विषयों पर निर्णय लेगी। आगामी तीन वर्षाे में भारत सरकार एवं राज्य सरकार से प्राकृतिक खेती से संचालित योजनाओं के अन्तर्गत 214390 हेक्टेयर क्षेत्रफल आच्छादित होंगे, जिस पर कुल 397.0 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय होगी।
कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश के समस्त 75 जनपदों एवं के0वी0के0 में कम से कम 01-01 अधिकारी को प्राकृतिक खेती विद्या में मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जायेगा। मोटे अनाज जैस- बाजरा एवं मक्का के क्षेत्रफल को बढ़ाने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा कृषकों को वित्तीय प्रोत्साहन दिया जा रहा है तथा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार द्वारा कृषकों के उपज को क्रय भी किया जायेगा। प्रेस वार्ता के दौरान कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ देवेश चतुर्वेदी भी उपस्थित थे।

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