मछली के लिए जल की महत्ता है उसी प्रकार मनुष्य के लिए भी जल की आवश्यकता- आरती वर्मा

लखनऊ- भूजल सप्ताह के अंतर्गत कमला दयाल फाउंडेशन एवं इंस्टिट्यूट ऑफ आर्ट एंड कल्चर के द्वारा उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले के विद्यालयों में बच्चों को चित्रकला ,पोस्टर पैंपलेट, नुकड़ नाटक झाँकी , एवं कलात्मक गतिविधियों के द्वारा भूजल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा रहा है । इसी श्रृंखला में आज आर्य जनता इंटर कॉलेज पैगू में कला शिक्षिका आरती वर्मा के निर्देशन में बच्चों की झांकी बनाकर यह बताया गया कि जिस प्रकार मछली के लिए जल की महत्ता है उसी प्रकार मनुष्य के लिए भी जल की आवश्यकता है तथा हमें बारिश की एक एक बूंद को बचाकर फिर से गिरते भूजल स्तर को बढ़ाना होगा तथा अपने बनाए गए एक पोस्टर के माध्यम से संदेश दिया कि जब होगा भूजल संरक्षण तब होगा जीवन रक्षण यह नारा अपने आप में संपूर्ण जल संरक्षण के महत्व को दर्शाता है।  इसी के साथ बच्चों को बारिश के पानी व घर में व्यर्थ बहने वाले पानी के पुनः उपयोग व बचाव के तरीकों के बारे में बताते पम्प्लेट भी बांटे गए। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक डॉ रविंद्र सिंह एवं प्रधानाचार्य पुनीत प्रताप सिंह व अन्य शिक्षक गण मौजूद रहे डॉ रविंद्र सिंह ने कहा कि विद्यालय में इस प्रकार की सामाजिक एवं कलात्मक गतिविधियों से बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में सहायक होती है, एवं उन्हें समाज के प्रति उनके दायित्व का एहसास दिलाती है। प्रधानाचार्य पुनीत प्रताप सिंह ने कहा कि आज चिन्ता का विषय है कि साधन सम्पन्न लोग दैनिक जीवन में जल के बेतहाशा दोहन के साथ-साथ जल को मनोरंजन के रूप में दुरूपयोग कर रहे हैं। यह एक सीमित संसाधन है एवं समूचे जीव जगत की सम्पदा है। संस्थान के अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने कहा की हमने जल का विवेकपूर्ण ढंग से उपयोग एवं संरक्षण नहीं किया तो हमारे अस्तित्व को ही खतरा उत्पन्न हो जाएगा। प्रकृति ने हमें सभी वस्तुएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई है। परन्तु व्यक्ति की जल के प्रति स्वार्थ की प्रवृत्ति एवं लापरवाही, इस उपहार को युद्ध का कारण बना रही है।  फाउंडेशन के सचिव संजीव गुप्ता ने कहा की आज शहरी वातावरण एवं साधन संपन्न क्षेत्र में रहते हुए हम पानी की कमी का वास्तविक आंकलन नहीं कर पा रहे हैं।आज शहरी वातावरण एवं साधन संपन्न क्षेत्र में रहते हुए हम पानी की कमी का वास्तविक आंकलन नहीं कर पा रहे हैं। इस अवसर पर विद्यालय के अन्य शिक्षक गण मौजूद रहे 

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