अम्बेडकरनगर: कुकुर मुत्ते की तरह फल-फूल रहे अवैध कोचिंग सेंटरों पर प्रशासन की कब होगी कार्यवाही

           गिरजा शंकर गुप्ता ब्यूरों
अम्बेडकरनगर। प्रशासन का शिकंजा भी निजी कोचिंग संचालकों के सामने फेल हो रहा हैं नगर में छोटे छोटे कमरो में शिक्षा का व्यापार किया जा रहा है। जिसमें सरकारी शिक्षक सहित प्रायवेट अप्रशिक्षित शिक्षक छात्रों को शिक्षा देकर मनमाने तरीके से पैसा वसूल रहे है।
खास बात है कि इन शिक्षण केन्द्रो का कही भी रजिस्ट्रेशन नही है। जिससे जीएसटी और टैक्स की चोरी भी की जा रही है। लेकिन शिक्षा विभाग के साथ ही प्रशासन द्वारा मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। गली-मोहल्लों में कई अवैध कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे है, कोई फर्राटेदार इंग्लिश सिखाने का दावा करता है, तो कोई आईएएस,आईपीएस क्वालीफाई कराने का। हालत यह है कि इन संस्थाओं द्वारा सभी प्रकार के कॉम्पटीशन क्वालीफाई कराने के दावे किए जाते हैं।
हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी की परीक्षा की तैयारी और कॉम्पटीशन कराने वाले कोचिंग की शहर में भरमार सी हो गई है। यह कोचिंग संचालक मनमाने तरीके से छात्रों से फिस वसूल रहे हैं। लेकिन इन कोचिंग संचालकों के खिलाफ जिला प्रशासन अलर्ट नहीं है। शहर के रिहायशी क्षेत्रों में अधिकांश अवैध रूप से चल रहे कोचिंग सेंटर आम लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। नगर के कुछ कोचिंग सेंटरों को छोड़ दे , तो किसी का भी पंजीयन नही है और न ही इन्हें खोलने के लिए कोई स्थान सुनिश्चित किया गया है।
कोचिंग सेंटर संचालकों द्वारा फीस तो मनमुताबिक ली जाती है। लेकिन इन सेंटरों में छात्र-छात्राओं द्वारा सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नसीब नहीं होता है। इन सेंटरों में न तो छात्राओं और न ही छात्रों के लिए टॉयलेट की कोई सुविधा होती है और न ही गल्र्स के लिए चैंजिंग जैसी कोई सुविधा। इसके अलावा पानी के लिए भी कोई सुविधा नहीं मिलती है।कोचिंग सेंटरों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू है। लेकिन कोचिंग सेंटरों द्वारा छात्र-छात्राओं को फ ीस की पक्की रसीद नहीं दी जाती है। छात्रो से एक विषय के लिए ६ हजार से 10 हजार तक वसूले जाते है। इनके द्वारा टैक्स की चोरी की जा रही है।

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