रामनगर व सूजाबाद के वाराणसी नगर निगम की सीमा में शामिल होने के बाद काशी के विश्व विख्यात घाटों के समानांतर भी विकास की गंगा की बहेगी ।  रामनगर पालिका परिषद और सूजाबाद नगर पंचायत का वाराणसी नगर निगम में विलय के पीछे वहां का विकास करना है। लोगों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचानी है। दरअसल, रामनगर में केंद्र व प्रदेश सरकार की आधा दर्जन बड़ी परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। इसके साथ ही रामनगर और सूजाबाद को वाराणसी शहर से मजबूत कनेक्टिविटी देकर एकाकार करने का प्रयास भी जारी है। प्रस्तावित सिग्नेचर ब्रिज, काशी विश्वनाथ धाम से डोमरी के बीच पैदल पुल से यहां तक पहुंचना भी सुगम होगा। इसके साथ ही रामनगर में जल परिवहन के लिए बने मल्टी मॉडल टर्मिनल और उसके पास ही प्रस्तावित फ्रेड कॉरिडोर से बनारस के विकास को नई पहचान मिलेगी।  इन विकास परियोजनाओं के साथ ही नगर निगम सीमा में शामिल होने के बाद यहां बसने वालों की सुविधाएं भी काशी के समान होगी। यह सब मिला कर अब वाराणसी नगर निगम की सीमा चंदौली तक पहुंच जाएगी। इसके साथ ही महानगर की परिकल्पना वाले काशी के विस्तार का रास्ता भी साफ होगा। सीमा विस्तार के बाद वाराणसी नगर निगम का दायरा बढ़ाकर 18256.017 हेक्टेयर और आबादी 1636659 हो गई है। मौजूदा समय वाराणसी नगर निगम का क्षेत्रफल 16716.617 हेक्टेयर और वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर जनसंख्या 1567219 है। नगर निगम में विलय होने वाले नगर पंचायत सूजाबाद का क्षेत्रफल 1177 हेक्टेयर और आबादी 20308 है। जबकि नगर पालिका परिषद रामनगर का क्षेत्रफल 362.40 हेक्टेयर और आबादी 49132 है।  वीडीए ने रामनगर से सटे कटेसर और अलीनगर में साढ़े तीन सौ एकड़ जमीन लैंड पूलिंग के जरिए विकसित करने वाली है। नगर निगम की सीमा विस्तार के बाद यहां बसने वालों का भी इस क्षेत्र में बसने का रूझान बढ़ेगा। पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जन्मस्थली रामनगर की नगर पालिका परिषद का गठन आजादी के बाद 11 नवंबर 1950 को किया गया था। 

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