रोपवे योजना से महात्मा गांधी काशी और भारत माता मंदिर को क्षति पहुंचाने के लिए खिलाफ भारत माता मंदिर में छात्र, अध्यापक और नागरिकों ने धरना दिया।
रोपवे योजना से महात्मा गांधी काशी और भारत माता मंदिर को क्षति पहुंचाने के लिए खिलाफ भारत माता मंदिर में छात्र, अध्यापक और नागरिकों ने धरना दिया। शनिवार को धरने के दौरान वक्ताओं ने कहा कि विद्यापीठ देश की आजादी के आंदोलन से जुड़ा हमारा ऐतिहासिक शिक्षण संस्थान है। आज जहां सरकार आजादी का अमृत काल मना रही है तो आजादी के विरासत के संरक्षण के बजाय इसका विषकाल क्यों शुरू कर रही है।
भारत माता मंदिर 1918 में निर्मित हुआ जो अपने आप में एक अद्भुत मंदिर है। देश-विदेश से सैलानी इसको देखने आते हैं। वाराणसी शहर की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए रोप-वे योजना पूर्णत: अव्यवहारिक है, जिससे काशी की गरिमा, निजता और इतिहास समाप्त हो जाएगी, इसे तत्काल रोका जाए। धरने में शामिल लोगों का प्रस्ताव था कि ऐतिहासिक संस्था को बचाने के लिए रोपवे योजना के खिलाफ छात्रों, अध्यापकों और शहर के प्रबुद्धजनों से जन संपर्क करके पदयात्रा और सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।  धरने के दौरान वक्ताओं ने कहा कि विद्यापीठ देश की आजादी के आंदोलन से जुड़ा हमारा ऐतिहासिक शिक्षण संस्थान है। आज जहां सरकार आजादी का अमृत काल मना रही है तो आजादी के विरासत के संरक्षण के बजाय इसका विषकाल क्यों शुरू कर रही है।

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