हिंदीसंवाद ब्यूरो चीफ प्रीतम शुक्ला की रिपोर्ट 

पूर्वी दिल्ली पुलिस की टीम ने बीती 6 अगस्त को अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है। बताया जा रहा है कि पुलिस की टीम ने दिल्ली के आनंद विहार इलाके से हथियार तस्करों को गिरफ्तार करके उसके पास से भारी मात्रा में अवैध हथियार और 2000 से ज्यादा जिंदा कारतूस बरामद किये हैं। इसके साथ ही दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया हेै। तब से लेकर अभी तक इस मामले में दिल्ली पुलिस कुल 6 लोगों को अरेस्ट कर चुकी है। इन अवैध कारतूसों को सीधा कनेक्शन उत्तराखंड से है। क्योंकि एक आरोपी को दिल्ली पुलिस ने देहरादून से गिरफ्तार किया है, जिसका नाम परीक्षित नेगी है और वो देहरादून में आर्म्स डीलर था।


मिली जानकारी के अनुसार, परीक्षित नेगी की देहरादून के राजीव गांधी कॉम्पलेक्स में शॉप नंबर 4 रॉयल गन हाउस के नाम से थी। परीक्षित नेगी का पार्टनर बिजनौर का एक व्यक्ति भी था। हालांकि, ये दुकान चार साल पहले 2018 में बंद हो चुकी है, लेकिन दिल्ली पुलिस को 2000 से ज्यादा जो जिंदा कारतूस मिले हैं, उसमें सीधे-सीधे परीक्षित नेगी और रॉयल गन हाउस का नाम सामने आया है। यानी कि वो कारतूस परीक्षित नेगी की रॉयल गन हाउस को इश्यू किए गए थे। परीक्षित नेगी को दिल्ली पुलिस ने देहरादून से ही गिरफ्तार किया है।


          इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने एक और आरोपी को हरिद्वार जिले के रुड़की से गिरफ्तार किया था, जिसका नाम नासिर है, जो परीक्षित नेगी यानी रॉयल गन हाउस को कारतूस सप्लाई करता था। राशिद और अजमल, जिन्हे दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था उनका सीधा कनेक्शन परीक्षित नेगी से था। राशिद और अजमल का काम परीक्षित नेगी से लिए हुए कारतूसों को आगे लखनऊ तक सप्लाई करने का था। इस मामले पर देहरादून के एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने कहा कि दिल्ली पुलिस की एक टीम एक सब इंस्पेक्टर और एक कॉन्स्टेबल ने देहरादून में अजमल नाम के एक व्यक्ति को लेकर आई थी।


जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने देहरादून के क्लेमेनटाउन थाने की जीडी में इंट्री भी दर्ज करवाई। देहरादून एसएसपी का कहना है कि अजमल नाम के व्यक्ति की निशानदेही पर दिल्ली पुलिस की टीम यहां पर आई थी। वही, देहरादून एसएसपी के मुताबिक दिल्ली पुलिस जैसी उनसे संपर्क करेगी और जांच में सहयोग करेगी वह दिल्ली पुलिस का सहयोग करेंगे। देहरादून एसएसपी ने कहा कि परीक्षित नेगी नाम का व्यक्ति देहरादून का है और उसके नाम पर रॉयल गन की शॉप और ट्रैवलिंग लाइसेंस है। साथ ही करीब 14,000 जिंदा कारतूस पंजाब के अमृतसर ले जाने का ट्रैवलिंग लाइसेंस था लेकिन यह दूसरी जगह कैसे पहुंचा इसकी जांच दिल्ली पुलिस कर रही है और दिल्ली पुलिस के साथ सहयोग किया जाएगा।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने