जिला जेल के कैदी की हुई मौत का रहस्य गहराया,उच्च स्तरीय जांच पर होगा खुलासा

मृतक की पत्नी ने लगाया हत्या का आरोप, हत्यारोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की

          गिरजा शंकर गुप्ता ब्यूरों चीफ
अंबेडकरनगर।  जिला कारागार में गत दिवस निरुद्ध एक बंदी की अचानक मौत हो जाने से मीडिया में यह खबर सुर्खियों में बनी हुई है। हालांकि, जेल प्रशासन उक्त बंदी की मौत को सामान्य मौत बता रहा है, फिर भी सूत्र जेल प्रशासन के इस दावे को नकारते हुए चौंकाने वाली बात कर रहें हैं। कुल मिलाकर बंदी की मौत का प्रकरण उच्च स्तरीय एंव तटस्थ जांच का विषय बन गया है। 

मृत बंदी का नाम राम सागर था, जो थाना बेवाना क्षेत्र के अंतर्गत सस्पना गांव का निवासी था। जिसकी मौत जेल प्रशासन के मुताबिक सीने में दर्द होने की वजह से सोमवार 01 अगस्त को सुबह साढ़े सात बजे हो गई थी। जेल प्रशासन के अनुसार, मृतक बंदी रामसागर को सीने में दर्द होने पर जेल अस्पताल में प्राथमिक उपचार कराया गया, इसके उपरांत उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया । 
सूत्रों के अनुसार, जिला जेल में बीते दिनों बंदियों के बीच मारपीट हुई थी और जब सोमवार को बंदी राम सागर की मौत हो गई, तो जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। सूत्र बंदी राम सागर की मौत को अचानक हुई बीमारी के चलते न होना कहकर इसे बीते दिनों हुई जेल में निरुद्ध कैदियों के बीच मारपीट से जोड़कर देख रहें हैं। 
   *सूत्र बताते हैंकि* जिला जेल में निरुद्ध बंदियों के कई गुट बनें हैं। उनके बीच प्रायः विवाद की स्थिति उत्पन्न होती रहती है। इन्हीं सूत्रों के अनुसार, बीते दिनों जिला जेल में निरुद्ध बंदियों के दो गुटों के बीच वर्चस्व की जंग हुई थी। बंदियों में होने वाली मारपीट पर नियंत्रण पाने के लिए बंदी रक्षकों द्वारा बंदियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया था। इस मारपीट में कुछ बंदियों को चोटें भी आईं थीं। इसकी खबर लगते ही उस दिन शाम को डीएम, एसपी और सीएमओ ने जिला जेल का निरीक्षण किया था।

इसके बाद यह खबर आईं कि जानलेवा हमला, लूट आदि की धाराओं में जेल में निरुद्ध बंदी राम सागर (45) की मौत सोमवार 01 अगस्त को इलाज के दौरान जिला अस्पताल में हो गई। राम सागर (45) पुत्र विदेशी जिले के थाना बेवाना क्षेत्र के सस्पना गांव का निवासी था। उसपर थाना कोतवाली अकबरपुर में धारा 392, 307, 364, 427 आई0पी0सी0 मुकदमा दर्ज था और सी0जे0एम0 अंबेडकरनगर के निर्देश पर पांच जुलाई 2022 से जिला जेल में निरुद्ध था। 

खबर के अनुसार, बीतें दिनों जिला जेल में कैदियों में उपजे विवाद के उपरांत एहतियात के तौर पर अकबरपुर कोतवाली व मालीपुर थाने की पुलिस टीम भी पहुंची थी। इन पुलिस टीमों के पहुंचने के बाद ही डीएम, एसपी व सीएमओ जिला जेल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। हालांकि, जेल अधीक्षक ने इस खबर का खंडन किया है कि जेल में कैदियों के बीच मारपीट या बंदी रक्षकों द्वारा कैदियों की पिटाई की गई थी। जेल अधीक्षक हर्षिता मिश्रा द्वारा जिला सूचना अधिकारी को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, बंदी रामसागर की तबीयत सोमवार सुबह साढ़े सात बजे खराब हुई थी। उसे घबराहट व सीने में दर्द की शिकायत थी। जेल अस्पताल में उसका तत्काल प्राथमिक उपचार किया गया। इसके बाद उसे रेफर किया गया। राम सागर को एंबुलेंस में जेल गार्ड की अभिरक्षा में जिला अस्पताल भेजा गया।  अस्पताल के चिकित्सक ने बंदी को मृत घोषित कर दिया। बताया गया है कि डीएम, एसपी और सीएमओ रुटीन निरीक्षण पर गत दिवस जिला कारागार गये थे। सीएमओ को बंदियों के स्वास्थ्य को लेकर बेहतर निगरानी के लिए जिला कारागार ले जाया गया था। इसी बीच जिला जेल के बंदी रामसागर की मौत के प्रकरण में एक नया मोड़ आ गया है। मृतक की पत्नी विमला देवी ने अपने पति की मौत को साधारण न कहकर उसे हत्या बताया है। विमला देवी ने आरोप लगाया है कि उसके पति की मौत बीमारी से नहीं हुई, तीन दिन पहले जेल में बंदियों के बीच मारपीट हुई थी। इस दौरान रामसागर (मृत बंदी) को चोटे आई थीं, इन्हीं चोटों की वजह से उसके पति (राम सागर) की मौत हो गई। थाना बेवाना के सस्पना गांव की निवासी विमला देवी पत्नी रामसागर ने कहा कि पांच जुलाई को अकबरपुर पुलिस ने एक मुकदमे के सिलसिलें में मेरे पति को जेल भेजा था। सोमवार एक अगस्त को पुलिस ने उसे फोन कर बताया कि उसके पति की तबीयत खराब है और उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। इस खबर को सुनते ही मैं अस्पताल पहुंची, वहां देखा कि मेरे पति की मौत हो चुकी है, उनके शरीर पर तीन जगह चोट के निशान हैं, खून बह रहा है। बंदी रामसागर (मृतक) की पत्नी विमला देवी ने आरोप लगाया है कि जिस मुकदमें में मेरे पति जेल में बंद थे, उसी मुकदमे के वादी दीप नारायण शर्मा और उसके साथ गोविंद यादव, एक अन्य मुकदमे में जिला जेल में बंद हैं। इन्हीं लोगों ने पीट-पीटकर मेरे पति रामसागर की हत्या की है। इसके पहले भी इन लोगों नेे मेरे पति को मारा पीटा था और धमकी दी थी। यह बात मेरे पति ने मुझे रिमांड के दौरान कोर्ट में बताई थी। विमला देवी ने यह भी कहा है कि सोमवार की सुबह उसे फोन करके यह बताया गया है कि उसके पति की हालत गड़बड़ है, जिला अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। वह आनन-फानन में जिला अस्पताल पहुंची जहां उसने अपने पति की लाश देखने को मिली।उसने आरोप लगाया है कि शरीर के नाजुक और अन्य हिस्सों पर लगी चोट, बहने वाला खून इस बात की गवाही देते हैं कि मेरे पति को शारीरिक प्रताड़ना देकर मार डाला गया। जेल में मार कर इलाज हेतु दिखावे के लिए जिला अस्पताल ले आया गया था। मृतक बंदी रामसागर की बेवा विमला देवी ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। 

इस तरह बंदी रामसागर की मौत का रहस्य और भी गहराने लगा है। मृतक के परिजन न्याय की आस लगाये हुए हैं। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किये जाने की मांग कर रहें हैं। बंदी रामसागर के मौत प्रकरण में जेल प्रशासन की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है।

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