इस साल पहाड़ों पर हुई जोरदार बारिश ने सावन में ही गंगा उफान पर है। गंगा के बढ़ते जलस्तर का आलम यह है कि अर्धचंद्राकार घाटों का आपस में संपर्क पूरी तरह से टूट गए हैं। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह वाले निचले प्लेटफॉर्म के डूबने के कारण परेशानी बढ़ गई है। अंतिम संस्कार के लिए अब सीढ़ियों का ही सहारा है। जलस्तर में बढ़ाव जारी रहा तो जल्द ही गलियों में शवदाह शुरू हो जाएगा। मणिकर्णिका घाट पर शवदाह स्थल ऊंचाई पर होने के कारण फिलहाल दिक्कत कम है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शनिवार सुबह 8 तक बजे गंगा का जलस्तर 66.20 मीटर दर्ज किया गया।  खतरे के निशान से पांच मीटर और चेतावनी बिंदु से चार मीटर दूर है। प्रशासनिक रोक के बाद नाविकों ने भी अपनी-अपनी नावों के लंगर बांध दिए हैं घाट की सीढ़ियों पर गंगा के चढ़ने के कारण जगह कम होने से पुलिस भी खास एहतियात बरत रही है। जल पुलिस और एनडीआरएफ के जवानों के साथ ही मल्लाह भी गंगा स्नान करने वालों को लगातार सतर्क कर रहे हैं। आरती स्थल में लगातार बदलाव होने के बाद भी श्रद्धालुओं की भीड़ में कोई कमी नहीं आई है। सावन का महीना होने के कारण कांवरियों की भीड़ सबसे अधिक है

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