वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। बनारस में प्रस्तावित रोपवे को काशी विद्यापीठ परिसर से ले जाने के विरोध में गुरुवार को छात्रों और पूर्व शिक्षकों को धरना दिया। भारत माता मंदिर परिसर में धरने के दौरान वक्ताओं ने इस मुद्दे पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से हस्तक्षेप की मांग की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी भेजा गया।

धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए विद्यापीठ अध्यापक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार उपाध्याय ने कहा कि काशी विद्यापीठ स्वतंत्रता आंदोलन की नर्सरी रही है। शहीद चंद्रशेख आजाद सहित कई अन्य अग्रणी सेनानी यहां की उपज हैं। इनसे जुड़े स्थलों को सहेजने की आवश्यकता है। संस्कृत विद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विजय शंकर पांडेय ने भी विद्यापीठ परिसर से रोपवे गुजारने को अनुचित ठहराया। वक्ताओं ने कहा कि रोपवे बनाने से विद्यापीठ की निजता भंग होती तो निर्माण कार्य के दौरान यहां के पुराने पेड़ों और भवनों को भी नुकसान पहुंचेगा। भारत माता मंदिर को लेकर भी चिंता साफ थी। छात्रसंघ के उपाध्यक्ष शिवजनक गुप्ता ने कहा कि इस योजना में बदलाव तक आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान प्रो. सुरेंद्र प्रताप, प्रो. संजीव कुमार, डॉ. विजय शंकर पांडे, जितेंद्र सेठ, सुभाष राम, दुर्गा प्रसाद श्रीवास्तव, रुद्र आनंद तिवारी, सुजल पांडे, गौरव सिंह, पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश गुप्ता, सावन सोनकर आदि थे।

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