श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन के मुकदमे में जिला जज की अदालत में गुरुवार को हिंदू पक्ष ने तीसरे दिन भी दलीलें जारी रखीं। इसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की नजीरों का हवाला देते हुए अदालत में कहा कि देवता की संपत्ति एक बार उनके पक्ष में निहित हो गई, उसके बाद कभी समाप्त नहीं होगी। कयामत आने तक वह संपत्ति देवता के नाम पर ही चलती रहेगी। सुनवाई की तारीख 15 जुलाई नियत की है। जिला जज की अदालत में हिंदू पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने श्री राम जन्मभूमि के केस में सुप्रीम कोर्ट की नजीर का हवाला दिया और कहा कि देवता की संपत्ति नष्ट नहीं होती, मंदिर टूट जाने से उसका अस्तित्व समाप्त नहीं होगा, उसका आध्यात्मिक स्वरूप बरकरार रहेगा। अदालत में बहस के दौरान हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं ने दीन मोहम्मद के केस को अदालत के समक्ष रखा और कहा कि 15 गवाहों ने बताया था कि ज्ञानवापी परिसर में पूजा होती रही और 1993 तक व्यास जी पूजा करते थे, जिसे बैरिकेडिंग कर सील किया गया था। अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने बताया कि 1937 में जो दीन मोहम्मद का फैसला हुआ, वह सभी पर बाध्यकारी नहीं है, क्योंकि उसमें हिंदू पक्षकार ही कोई नहीं था। अदालत ने नियमित बहस जारी रखते हुए सुनवाई की तारीख 15 जुलाई नियत कर दी।

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