औरैया // शहर से प्रतिदिन निकलने वाले सीवरेज के पानी से यमुना नदी को दूषित होने से बचाने की पहल धरातल पर उतरेगी सीवर के पानी को बायोरेमेडिएशन (सूक्ष्म जीवों) और फाइटोरेमिडिएशन (पौधों) तकनीक से शुद्ध करने के प्रस्ताव को डीएम ने हरी झंडी दे दी है जल्द ही इस प्रोजेक्ट पर टेंडर प्रक्रिया के बाद काम शुरू हो जाएगा इससे यमुना नदी के पानी को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा प्रतिदिन शहर से निकलने वाला लगभग 12.36 मिलियन लीटर दूषित पानी नालों के माध्यम से यमुना नदी में गिरने से उसका जल प्रदूषित हो रहा है। इसे लेकर अमर उजाला की ओर से यमुना के पानी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए मुहिम चलाई गई। इस पर पालिका प्रशासन की ओर से अप्रैल 2022 में जिलाधिकारी को सूक्ष्म जीवों व पौधों से सीवरेज के पानी को शुद्ध करने की तकनीक के लिए 72 लाख रुपये का प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा गया इस प्रस्ताव को जिलाधिकारी ने मंजूरी दे दी है। प्रोजेक्ट पर पालिका 15वें वित्त आयोग से 72 लाख रुपये खर्च करेगी इस प्रोजेक्ट के माध्यम से सीवरेज पानी को साफ करने के लिए सीवर के पानी में सूक्ष्म जीवों (बैक्टीरिया) और जलीय पौधों को डाला जाएगा। यह जीव व पौधे पानी में घुलित विषाक्त पदार्थों का असर कम कर पानी को शुद्ध करेंगे अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद बलवीर सिंह ने कहा कि जिलाधिकारी की ओर से सूक्ष्म जीवों व पौधों से सीवर के पानी को साफ करने की तकनीक के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई है जल्द ही इसको अमल में लाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया की जाएगी शासन ने नहीं दिया ध्यान जल निगम की ओर से अप्रैल 2021 में सीवरेज ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट के तहत 89 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया था जिसे नमामि गंगे प्रोजेक्ट में शामिल तो कर लिया गया था, पर आज तक इस प्रस्ताव को शासन से मंजूरी नहीं मिली है जिससे कार्य नहीं शुरू हो सका। 

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