वृन्दावन।वंशीवट क्षेत्र स्थित श्रीनाभापीठ सुदामाकुटी में रामानंदीय वैष्णव सेवा ट्रस्ट के द्वारा चल रहे संत प्रवर सुदामा दास महाराज के 17 वें पंच दिवसीय वार्षिक पुण्यतिथि महोत्सव के अंतर्गत संत-विद्वत सम्मेलन का आयोजन संपन्न हुआ। संत-विद्वत सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि साकेतवासी सुदामा दास महाराज ब्रज की प्राचीन संत परम्परा के उन्नयन व संवर्धन के लिए आजीवन दृढ़ संकल्पित रहे। संत सेवा , विप्र सेवा व गौ सेवा आदि उनके जीवन का प्रमुख ध्येय था। 
अयोध्या स्थित मणिराम दास छावनी के कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमहंत कमलनयन महाराज ने कहा कि संत प्रवर सुदामा दास महाराज समूचे ब्रज मंडल की बहुमूल्य थाती थे। उन जैसी पुण्यात्माओं का अब युग ही समाप्त हो गया है। 
अयोध्या स्थित सुग्रीवकिला पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी रामानुजाचार्य स्वामी विश्वेशप्रपन्नाचार्य महाराज व श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज ने कहा कि
संत शिरोमणि सुदामा दास महाराज अनेकानेक सद्गुणों की खान थे।यदि हम लोग उनके किसी एक गुण को भी अपने जीवन में धारण कर लें, तो हमारा कल्याण हो सकता है।
वरिष्ठ साहित्यकार व महोत्सव के समन्वयक डॉ गोपाल चतुर्वेदी एवं पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि संत प्रवर सुदामा दास महाराज नर सेवा को नारायण सेवा माना करते थे। उन्होंने अपना सारा जीवन विभिन्न सेवा प्रकल्प संचालित करते हुए व्यतीत किया। 
संत-विद्वत सम्मेलन में जगद्गुरु बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज,पुराणाचार्य डॉ. मनोजमोहन शास्त्री,जगद्गुरु अनिरुद्धाचार्य महाराज,महंत रामदेव चतुर्वेदी,संत रामसंजीवन दास शास्त्री,काशी के पातालपुरी पीठाधीश्वर महंत बालकदास महाराज, भागवताचार्य पुंडरीक महाराज, पंडित राजाराम मिश्र,आचार्य रामविलास चतुर्वेदी, श्रीमहंत अमरदास महाराज,आचार्य बद्रीश,गोपाल भैया,महंत रामस्वरूप दास महाराज, मधुसूदनाचार्य,महंत जगन्नाथदास महाराज एवं युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर महंत ओमकार दास महाराज,महंत अवधेश दास महाराज,महंत राघव दास महाराज,महंत गोविंद राम दास महाराज,महंत सूरज दास महाराज,महंत वैष्णव दास महाराज,महंत राम मोहन दास महाराज,विनय त्रिपाठी, पंडित ईश्वरचंद्र रावत,मोहन शर्मा,निखिल शास्त्री, भरत शर्मा, नंदकिशोर अग्रवाल आदि की उपस्थिति विशेष रही। संचालन संत रामसंजीवन दास शास्त्री व सुदर्शन दास महाराज ने संयुक्त रूप से किया।सम्मेलन में पधारे सभी संतों व विद्वानों का सम्मान श्रीनाभापीठाधीश्वर सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज के द्वारा किया गया

राजकुमार गुप्ता 

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