औरैया // थाना क्षेत्र दिबियापुर में एक नाबालिग के साथ की गई सात साल पुरानी अपहरण व छेड़खानी की घटना में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम मनराज सिंह ने दोषी पिता-पुत्र को 10 साल के कठोर कारावास व 30-30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया है अभियोजन की तरफ से पैरवी कर रहे डीजीसी अभिषेक मिश्रा, विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो जितेंद्र सिंह तोमर व मृदुल मिश्रा ने बताया कि वादिनी ने रिपोर्ट लिखाई कि उसकी नाबालिग पुत्री 17 मई 2015 को हाईस्कूल का रिजल्ट देखने गई थी जब वह रिजल्ट देखकर घर आ रही थी तभी रास्ते में आरोपी राजेंद्र प्रसाद उर्फ बेचे व उसके पुत्र विजय उर्फ सूरज निवासी इंद्रानगर दिबियापुर ने अपनी मारुति वैन में यह कहकर बैठा लिया कि घर छोड़ देंगे। बेटी ने मना किया तो जबरन गाड़ी में खींच लिया और शीशे बंद कर कानपुर की तरफ ले गए आरोप है कि उसे बाकरगंज मोहल्ले में एक मकान के कमरे में बंद कर लिया 18 मई 2015 को आरोपियों ने पीड़िता को एक महिला के हवाले कर दिया तथा आपस में वादिनी की पुत्री को बेचने की बात करने लगे। पीड़िता ने बहुत आरजू मिन्नत की तो आरोपियों ने कहा कि तुमने छेड़खानी की शिकायत अपने मम्मी-पापा से कहकर बेइज्जती कराई थी, इसी का बदला लेने के लिए उसे बेच रहे हैं 19 मई को वह उनके चंगुल से किसी तरह से भाग निकली। पुलिस ने मामले की विवेचना कर दोनों आरोपी राजेंद्र प्रसाद उर्फ बेचे पुत्र सरजू प्रसाद व उसके पुत्र विजय उर्फ सूरज निवासी इंद्रानगर दिबियापुर के विरूद्ध चार्जशीट कोर्ट में प्रस्तुत की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद एडीजे मनराज सिंह ने दोनों अभियुक्तों को 10 साल के कठोर कारावास व 30-30 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया एवं सजा पाए पिता-पुत्र को जिला कारागार इटावा भेज दिया गया है।

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