जौनपुर। हाईकोर्ट ने ग्रामसभा की जमीन प्राइवेट व्यक्ति को देने के मछलीशहर एसडीएम के आदेश पर जांच का निर्देश

जौनपुर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी जौनपुर को लोकोपयोगी ग्रामसभा की जमीन भीटे को प्राइवेट व्यक्ति को देने के एसडीएम मछलीशहर के 13 अप्रैल 2018 के आदेश की जांच करने का निर्देश दिया है। सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि जिलाधिकारी मौके का निरीक्षण कर राजस्व अभिलेखों के तहत एसडीएम के आदेश की जांच करके रिपोर्ट पेश करें। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल व न्यायमूर्ति विक्रम डी. चौहान की खंडपीठ ने मुंगराबादशाहपुर के निवासी तीर्थराज और अन्य की याचिका पर दिया है।

विवादित जमीन में किसी भी प्रकार का बदलाव करने पर रोक



हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट आने तक विवादित जमीन में किसी भी प्रकार का बदलाव करने पर रोक लगा दी है। याचिका की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी। याचिका में मुंगराबादशाहपुर के पकड़ी ग्राम सभा की सार्वजनिक भूमि को प्राइवेट व्यक्ति से वापस लेकर ग्रामसभा को सौंपने की मांग की गई है। याची का कहना है कि राजस्व रिकार्ड में जमीन भीटा के रूप में दर्ज है। कोर्ट ने ग्रामसभा के वकील से भी जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कहा कि मछलीशहर एसडीएम के अवैध आदेश को न सरकार और न ही ग्रामसभा ने चुनौती दी। विपक्षी कब्जेदार को जिलाधिकारी की रिपोर्ट आने के बाद नोटिस जारी करने पर विचार किया जाएगा।

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