कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि डिजिटल स्टूडियो में बाहर से आने वाले विषय विशेषज्ञों व विद्वानों के व्याख्यानों की ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग की जाएगी। वक्तव्यों पर ज्ञानवर्धक व रोचक कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे, जो वेबसाइट के माध्यम से छात्रों तक पहुंचाए जाएंगे। संपूर्णानंद विश्वविद्यालय में संस्कृत का डिजिटल स्टूडियो तैयार किया जाएगा। साथ ही ऑनलाइन प्रशिक्षण भी मिलेगा। इसके तहत ज्योतिष, कर्मकांड, वास्तुशास्त्र, पौरोहित्य एवं योग पाठ्यक्रम का संचालन किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग के सहयोग से शासन ने संस्कृत विकास एवं प्रशिक्षण के लिए एक करोड़ रुपये स्वीकृत किया है।

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