वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे से पहले एक चौंकाने वाली घटना हुई है। मस्जिद के बाहर ही सड़क पर एक महिला नमाज पढ़ने के लिए बैठ गई। भगवा दुपट्टा ओढ़े पहुंची महिला को पहले विश्वनाथ मंदिर की दर्शनार्थी समझा गया। इसी बीच महिला ने बैरिकेडिंग के बाहर ही सड़क पर बैठकर नमाज पढ़ना शुरू कर दिया। महिला की पहचान जैतपुरा की आयशा बीबी के रूप में हुई है।

पुलिस महिला को मानसिक रूप से बीमार बता रही है। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है। वह अपना पता कभी फरीदपुर तो कभी बरेली बताती रही। बाद में उसकी असली पहचान का पता चला। पुलिस उसके परिजनों से बात करने की कोशिश कर रही है। पुलिस ने उसके बैग की तलाशी ली तो उसमें से कई अस्पतालों की पर्ची के साथ ही देवी देवताओं की तस्वीरें भी मिलीं। चौक पुलिस के अनुसार दोपहर लगभग एक बजे काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर 4 के सामने जब नमाजी ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए जा रहा थे अचानक महिला सड़क के पटरी पर अपना बैग व जूता निकाल कर नमाज पढ़ने जैसी स्थिति में बैठ गई। लगभग 10 मिनट बाद जब वह सामान्य स्थिति में आई तो महिला उप निरीक्षक और महिला सिपाहियों ने उसका बयान लिया। 

उसके बैग की तलाशी ली गई तो मानसिक चिकित्सालय वाराणसी, एसएसपीजी अस्पताल, राजकीय महिला चिकित्सालय वाराणसी के मेडिकल रिपोर्ट मिले। इसके अलावा उसके बैग से हिंदू देवी देवताओं की फोटो, काफी दवाएं प्राप्त मिलीं। वोटर आईडी कार्ड  व जाति प्रमाण पत्र भी प्राप्त हुआ है।

महिला ने पूछताछ में बताया कि मेरे पति की पहली पत्नी से 07 बच्चे हैं। जिन्होंने मुझे घर से निकाल दिया है। मैं मानसिक रूप से परेशान रहती हूं। फरीद बाबा मजार जो पंजाब में है ने रात में स्वप्न दिया था तो मैं यहां नमाज पढ़ने चली आई। महिला को चिकित्सीय सुविधा हेतु महिला आरक्षी के देखरेख में एसएपीजी कबीरचौर रवाना किया गया है।

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