वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। वर्तमान समय हिंदी पत्रकारिता के लिए चुनौतीपूर्ण है। साथ ही हिंदी पत्रकारिता की जिम्मेदारी भी बढ़ी हैं। समाचारों की दौड़ में बने रहने के साथ ही सामाजिक सौहार्द, शांति और भाईचारा बनाए रखना भी जरूरी है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पाणिनी भवन सभागार में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में वक्ताओं ने ये विचार रखे।

हिंदी पत्रकारिता दिवस की पूर्व संध्या पर इंडियन एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट तथा सामाजिक विज्ञान विभाग की तरफ से ‘हिंदी पत्रकारिता : दशा व दिशा विषय पर वक्ताओं ने विचार रखे। मुख्य अतिथि पद्मश्री पं शिवनाथ मिश्र, विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ रेडियोलाजिस्ट टाटा कैंसर सेंटर ओमप्रकाश शर्मा, पूर्व निदेशक आकाशवाणी वाराणसी डॉ. रविशंकर, वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप श्रीवास्तव थे। अध्यक्षता आधुनिक ज्ञान विज्ञान संकाय के प्रमुख प्रो. हीरक क्रांति चक्रवर्ती ने की। स्वागत आईएजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. कैलाश सिंह विकास ने किया। इस दौरान डॉ. ओमप्रकाश शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक ‘श्रीगणपति चरित्र और ‘दृष्टि पत्रिका का लोकार्पण हुआ। विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए विद्वानों को ‘काशी रत्न और ‘शान-ए-काशी सम्मान दिया गया। कार्यक्रम का संयोजन मोती लाल गुप्ता, संचालन डॉ. अनुपम गुप्ता एवं धन्यवाद ज्ञापन अर्जुन सिंह ने किया। समारोह में डॉ. संध्या यादव, सत्यनारायण द्विवेदी, जियाउद्दीन फारुकी, राम बाबू, आनंद कुमार सिंह, डॉ. एसएस यादव, मो. दाऊद, आदित्य शंकर मिश्र, आशीर्वाद सिंह, देवेंद्र श्रीवास्तव आदि थे।

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