पत्नी को भेजने से किया इनकार तो ससुराल में मौत को लगाया गले, आत्महत्या के मामले में पत्नी सास व उसके भाई को अर्थदंड के साथ पांच वर्ष का कारावास

बहराइच आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के एक मामले में न्यायालय ने पत्नी सास व साले को 5 वर्ष की सजा सुनाई है। मृतक अपनी पत्नी को लाने ससुराल गया था। आरोप है कि पत्नी को ना भेजने के कारण उसने वही आत्महत्या कर लिया।

Updated: May 08, 2022 11:51:39 am

प्रदेश के बहराइच में चतुर्थ अपर जिला जज की अदालत ने साल 2006 में पति को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में आरोपी पत्नी सहित मृतक की सास व साले को पांच साल कारावास की सज़ा सुनाई है। बता दें कि 4 नवम्बर 2006 को गोरखनाथ पुत्र सुरेश अपनी पत्नी को बिदा कराने अपनी ससुराल गया था। जहां उसकी ससुरालियों से कहासुनी हो गयी। जिसके बाद उसके ससुर रामनाथ पत्नी आशा देवी,व उसके भाई प्रेमचंद, व सास श्याम प्यारी से विवाद हो गया और ससुरालियों ने अपशब्द कहते हुए पत्नी आशा देवी को विदा करने से इंकार कर दिया। इसके बाद गोरखनाथ का शव 6 नवम्बर 2006 को उसके साले के खेत में बरामद हुआ था। जिसके हाथ पैर के नाखून नीले मृतक के पिता के मुताबिक पत्नी की विदाई न होने के कारण उसने जहरीला पदार्थ खा लिया था। मृतक के पिता सुरेश की तहरीर पर बहराइच जनपद के थाना बौंडी में सभी चारों आरोपियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज हुई और मामले का विचारण शुरू हुआ। इस मामले में लगभग 16 साल तक चले लंबे ट्रायल के बाद आरोपी पत्नी आशा देवी,सास श्याम प्यारी व बेटा प्रेमचंद को चतुर्थ अपर जनपद न्यायाधीश मनोज कुमार मिश्रा ने दोषी करार देते हुए पांच 5 साल के कारावास व 5-5 हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई है। वहीं ट्रायल के दौरान आरोपी ससुर रामनाथ की मृत्यु हो जाने के कारण उनके खिलाफ मुकदमा बंद कर दिया गया। मृतक के पिता को 16 वर्ष बाद न्याय मिला तो उसने कहा कि मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा था कि देर सवेर न्याय जरूर मिलेगी। उसने कहा कि उस समय ससुराली जनों ने यदि उसकी पत्नी को भेज दिया होता तो शायद आज मेरा बेटा जीवित रहता।

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