उतरौला(बलरामपुर)
लोगों की जिंदगी बचाने के लिए किए जाने वाले रक्तदान को महादान कहा जाता है। उतरौला के मोहल्ला सुभाष नगर निवासी मलिक अब्दुल कादिर बब्बू यह महादान 40 बार कर के जरुरतमंदो के लिए रक्तदाता बन चुके हैं। बब्बू मलिक पिछले  12 साल में जरूरतमंदों व ब्लड बैंक को 40 बार रक्त दे चुके हैं।  
48 वर्षीय बब्बू मलिक ने 24 साल की उम्र में पहली बार रक्तदान किया था। 
वह कहते हैं कि करीब बीस वर्ष पहले रक्तदान को लेकर लोगों में तमाम भ्रांतियां थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं हैं। 


*8 मई को किया 40 वीं बार रक्तदान*
 
करीब 48 वर्षीय बब्बू मलिक का दावा है कि वह अब तक 40 बार रक्तदान कर चुके हैं। अंतिम बार आठ मई को संयुक्त चिकित्सालय के ब्लड बैंक में 40 वीं बार रक्तदान किया। 

*पिता से मिली रक्तदान की प्रेरणा* 

बब्बू मलिक के पिता एक कारोबारी व्यवसाई थे। उन्हें बचपन से रक्तदान करते देखा था। पिता कहा करते थे कि रक्तदान के बाद नया खून बनता है जो कि शरीर को मजबूत और स्फूर्तिवान बनाता है। इस तरह पिता की प्रेरणा से वह रक्तदान करने को हर समय आगे रहते हैं।
जब भी किसी जरूरतमंद को खून की जरूरत पड़ती है और देने वाला कोई सामने नहीं आता तो वह उन्हें फोन करते हैं। 
सोशल मीडिया पर अपने परिजनों के लिए खून की मांग करने वालों के लिए भी रक्तदान करने पहुंच जाते हैं।
बब्बू मलिक बताते हैं कि पहले कभी-कभार ही रक्तदान की डिमांड आती थी। लेकिन अब काफी डिमांड आती हैं। ऐसे में वह अकेले यह डिमांड पूरी नहीं कर सकते। इसलिए एक फाउंडेशन की स्थापना करने का सोच रहे हैं। जिसमें स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले रक्तदाता जुड़े। जब भी किसी मरीज को जरूरत पड़े तो उसी ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को अस्पताल भेज दिया जाए। यह सब निशुल्क रहे।
उतरौला मोहल्ला सुभाष नगर में रहने वाले बब्बू मलिक समाजसेवी के साथ प्रॉपर्टी डीलर का काम कर रहे हैं।

असग़र अली
उतरौला

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने