*कोटे की दुकान पर राशन लेने गए गरीब व्यक्ति की दबंग कोटेदार व उसके पुत्र ने की पिटाई*
(पीड़ित द्वारा एसडीएम से की गई शिकायत पर मामले की जांच कर समाधान करने एवं दोषी के विरुद्ध कार्रवाई हेतु पूर्ति निरीक्षक को निर्देश)                                                                                                                                         ----------------------------------------                                                कर्नलगंज, गोण्डा। सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना के अन्तर्गत मार्च तक गरीबों को मुफ्त राशन देने का निर्देश भले ही जारी किया गया है लेकिन कुछ कोटेदार जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों से मिलीभगत करके गरीबों को नि: शुल्क राशन देने में आनाकानी कर फर्जीवाड़ा करते हुए प्रति यूनिट के हिसाब से कम राशन देकर कालाबाजारी तो कर ही रहे हैं वहीं राशन लेने जाने पर कार्डधारकों के साथ दबंगई कर मारपीट अभद्रता करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही मामला गोंडा जनपद के तहसील क्षेत्र कर्नलगंज में सामने आया जहां राशन लेने गए एक गरीब व्यक्ति को फिंगर लगवाकर राशन ना देकर दबंग कोटेदार व उसके पुत्र ने उसकी पिटाई कर दी। जिसके संबंध में पीड़ित द्वारा उपजिलाधिकारी से की गई शिकायत में मामले को संज्ञान में लेते हुए पूर्ति निरीक्षक को जांच कर समाधान करने एवं दोषी के विरुद्ध कार्रवाई हेतु निर्देश दिया गया है।

मामला तहसील कर्नलगंज क्षेत्र के ग्राम मौहर से जुड़ा है, यहां के राजपाल पुत्र शिवशंकर ने मंगलवार को उपजिलाधिकारी को दिये गये शिकायती पत्र में कहा है कि प्रार्थी ग्राम मौहर गोसाईं पुरवा विकासखंड व तहसील कर्नलगंज का निवासी है, प्रार्थी अपने कोटेदार के यहां गल्ला लेने गया तो कोटेदार ने प्रार्थी का अंगूठा लगवाकर कहा कि 10 तारीख को आना फिर गल्ला ले जाना। उसके बाद जब प्रार्थी कोटेदार के घर गया और अपना गल्ला मांगा तो कोटेदार व उनके लड़के छेद् दन पुत्र जगदेव ने प्रार्थी को मारा-पीटा और कहा कि जो करना है कर लो। पीड़ित ने त्रस्त होकर इसकी शिकायत उपजिलाधिकारी से की तो उन्होंने मामले को संज्ञान में लेते हुए पूर्ति निरीक्षक को जांच कर समाधान करने एवं दोषी के विरुद्ध कार्रवाई हेतु निर्देश दिया है। वहीं उपरोक्त मामले में मीडिया कर्मियों के सामने पूर्ति कार्यालय में मौजूद संबंधित पूर्ति निरीक्षक बालेश्वर मणि त्रिपाठी का शिकायत कर्ता के प्रति तीखा तेवर दिखाई दिया जैसे उसने कोटेदार के विरुद्ध शिकायत करके कोई गुनाह कर दिया हो। यही नहीं मामले को गंभीरता से ना लेकर उल्टे वह शिकायत कर्ता से सख्त लहजे में पूंछतांछ करके दबाव बनाते नजर आये। जिससे उनकी कार्यशैली भी सवालिया घेरे में है।

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