बलरामपुर/ एक बात तो तय है कि नेतागिरी में भी सीधा, सरल ,सहज ,स्त्री होना और दबंग न होने का फायदा अधिकारी कर्मचारी भी मौका पाकर लेने से नही चूकते। 
यकीन न हो तो बलरामपुर जनपद के वर्तमान जिलापंचायत अध्यक्ष के प्रोटोकॉल की अवहेलना का जिले के जिम्मेदार चिकित्सा अधिकारी द्वारा तोड़ने की घटना की ही ले लें।
  बलरामपुर जिले में अधिकारी  इस तरह बेन्दाज हो गए हैं। इसका अंदाजा
इस तस्वीर से ही देख कर लगा सकते हैं।
तस्वीर संयुक्त ज़िला अस्पताल की है।
इसमे जो महिला हाथ बांधे खड़ी है दरअसल में ये बलरामपुर जनपद की प्रथम नागरिक का प्रमाणपत्र धारक है नाम है आरती तिवारी जो जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।जिन्हें विधि द्वारा जिले के आला अधिकारियों के चरित्र पत्र पर हस्ताक्षर का भी अधिकार प्राप्त है। अब य तो महिला होने के नाते य कोई और कारण रहा होगा एक अधिकारी ने कोई तवज्जो ही नही दी।
अगर यही मामला किसी दबंग जिलापंचायत अध्यक्ष के साथ घटा होता तो मामले में तत्काल बड़ी कार्यवाही तो होती ही बल्कि मौके पर ही तांडव हो सकता था।
वो तो फोटो वायरल हो गयी और सोशलमीडिया में अधिकारी की कृत्य को असंवैधानिक करार देते हुए कार्यवाही की बात होने लगी तो लोग भी आ गए।

  मामला बलरामपुर जनपद का है अपने कक्ष में स्वयंभू  सीएमएस डॉक्टर प्रवीण कुमार अपर सीएमओ और कुछ डॉक्टर के साथ बैठे थे। 
इस बीच अस्पताल में ज़िला पंचायत अध्यक्ष आरती तिवारी अपने प्रतिनिधि श्याम मनोहर तिवारी के साथ आती है। इस दौरान अस्पताल में अवैध वसूली की शिकायत अध्यक्ष को मिलती है। इसपर वो नाराज़गी व्यक्त करते हुए सीएमएस कार्यालय में पहुँच जाती है। जैसा कि सर्वविदित है की हर जनप्रतिनिधि का अपना एक प्रोटोकोल होता है।विशेष रूप से जिला पंचायत अध्यक्ष हो तो।
 पंचायत अध्यक्ष का ओहदा भी जिले में अपना मायने रखता है। 
 जहां तक मुझे मालूम है  ज़िला पंचायत अध्यक्ष ज़िले का प्रथम नागरिक होता है। इसके बावजूद उनके पहुचने के बाद इन अधिकारियों ने कुर्सी नही दी। ऐसे में जिले के इस अधिकारी की कड़ी भर्त्सना होने लगी मामला सार्वजनिक हुआ।तो भाजपा जिलामीडिया प्रभारी डीपी सिंह बैस ने उचित कारवाही की मांग करते हुए इसे गैर संवैधानिक करार दियाहै।
और कहा है कि मैं इस कृत्य की कड़ी निंदा करता हूँ।


हिन्दीसंवाद न्यूज़
बलरामपुर

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