हिन्दीसंवाद के लिए असगर अली की रिपोर्ट

उतरौला(बलरामपुर) गम्भीर अपराधों के मुकदमे की पत्रावली मुंसिफ मजिस्ट्रेट उतरौला न्यायालय से जिला न्यायालय पर मंगाए जाने के विरोध में अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को न्यायालय पर कार्य बहिष्कार किया और चेतावनी दी कि मुंसिफ मजिस्ट्रेट उतरौला न्यायालय से पत्रावली मंगाए जाने का आदेश वापस न लिया गया तब तक अधिवक्ताओं का आन्दोलन जारी रहेगा। अधिवक्ता संघ उतरौला अध्यक्ष प्रहलाद यादव ने बताया कि जनपद न्यायालय से मुंसिफ मजिस्ट्रेट उतरौला न्यायालय पर आदेश आया कि सात साल या उससे ऊपर के सजा होने वाले अपराधिक मुकदमों की सुनवाई जिले के न्यायालय पर होगी। इसके लिए मुंसिफ मजिस्ट्रेट उतरौला न्यायालय पर विचाराधीन ऐसे अपराधिक वाद की पत्रावली जनपद पर तलब की गई है। जनपद न्यायाधीश के आदेश पर मुंसिफ मजिस्ट्रेट उतरौला न्यायालय पर पत्रावली की सूची बनाई जाना शुरू हो गया है। इसकी भनक लगने पर अधिवक्ताओं में आक्रोश फैल गया। अधिवक्ता संघ उतरौला की आपात बैठक संघ भवन में हुई जिसमें जिले से पत्रावली तलब होने के आदेश का विरोध किया गया। अधिवक्ता संघ उतरौला के अध्यक्ष प्रहलाद यादव ने बताया कि अधिवक्ता संघ उतरौला इस आदेश का विरोध किया और कहा कि अपराधिक मुकदमों की उतरौला से बलरामपुर जिले पर  पत्रावली मंगाए जाने से अधिवक्ताओं के सामने रोजी रोटी की समस्या  हो जाएंगे। अध्यक्ष ने पत्रावली जिले पर मंगाए जाने के आदेश वापस लेने की मांग जनपद न्यायाधीश से की है। अधिवक्ता संघ उतरौला की बैठक में उपाध्यक्ष रघुवंश सिंह, महामंत्री अखिलेश सिंह, सुशील कुमार श्रीवास्तव, अभिमन्यु कुमार, स्वतंत्र प्रकाश मौर्य, शम्भू लाल, इशरत अबरार,राम चन्द्र जायसवाल, विजय प्रकाश श्रीवास्तव, सुधीर कुमार समेत तमाम अधिवक्ता मौजूद रहे।

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