कश्मीरी पंडितों के साथ जितना बुरा हुआ, उतना भारत में कभी भी किसी दूसरे समुदाय के साथ नहीं हुआ। फिर भी पिछले तीन दशकों में यह राजनीतिक चर्चा का विषय नहीं बन सका। लेकिन अब इसपर एक फ़िल्म बनी है– "द कश्मीर फाइल्स", तो इस फ़िल्म के खिलाफ राजनीति खूब हो रही है।
आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस फ़िल्म को टैक्स फ्री करने को क्यों बोल रहे हो? यूट्यूब पर डाल दो, सब फ्री में देख लेंगे।
केजरीवाल का यह बयान संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। केजरीवाल ने अपने दोस्तों की दो-दो कौड़ी की फिल्मों को दिल्ली में टैक्स फ्री किया है। तब उन फिल्मों के लिए नहीं कहा कि यूट्यूब पर डाल दो, टैक्स फ्री क्यों करना?
केजरीवाल का यह बयान यह भी साबित करता है कि चूंकि वह भाजपा-विरोध की राजनीति करते हैं, इसलिए उन्हें हिंदू-विरोध की राजनीति ही अपनानी होगी, क्योंकि आज की तारीख में देश में भाजपा का विरोधी वही है, जो हिंदुओं का विरोधी है।
वरना 1990 में कश्मीर में जिस तरह से हज़ारों पंडितों की हत्याएं की गईं, हज़ारों महिलाओं के साथ रेप किया गया और लाखों लोगों को अपने घर-बार, ज़मीन-जायदाद छोड़कर विस्थापित होने के लिए मजबूर कर दिया गया, उस घटना पर बनी फिल्म का कोई मुख्यमंत्री इस तरह से मखौल कैसे उड़ा सकता है?
अगर केजरीवाल इसी रास्ते पर चलते रहे, तो वह भाजपा के लिए खतरा नहीं, बल्कि ताकत बन जाएंगे; इसके बावजूद कि वह धीरे-धीरे कांग्रेस की खोई हुई ज़मीन पर काबिज होते जा रहे हैं। जैसे भाजपा आज कांग्रेस का चेहरा दिखाकर राज कर रही है, वैसे ही वह केजरीवाल जैसों का चेहरा दिखाकर भी राज करती रहेगी।
हालात ऐसे हैं कि इस देश के हिंदू यदि भाजपा की हिन्दू-मुस्लिम राजनीति से पक भी जाएंगे, तो इन हिंदू-विरोधियों की राजनीति के कारण वे भाजपा से चिपके रहने को मजबूर होंगे।- Abhiranjan Kumar
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