उतरौला(बलरामपुर) नगर क्षेत्र के रफी नगर में अवैध रूप से चल रहे स्लाटर हाउस लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरे का सबब बनते जा रहे हैं। गली में जगह-जगह बिखरे पशुओं के अवशेष व अपशिष्ट को कुत्ते व पक्षी उठाकर यहां-वहां फैला रहे हैं। 
दुर्गंध के कारण वध स्थलों के अतिरिक्त बहुसंख्यक आबादी भी नारकीय जीवन झेलने को विवश है। स्थिति यह है कि नगर पालिका के कर्मचारी भी इस मुहल्ले में सफाईकर्मी भी जाने से कतराते हैं। जिले भर में बीफ की सप्लाई का हब बने इन स्लाटर हाउसेज के लाइसेंसों को योगी की सरकार बनते ही निरस्त कर दिया गया था। तबसे जिले भर में कहीं भी वधशालाओं के लाइसेंस निर्गत नहीं किए गए। नगर पालिका क्षेत्र के इन वध स्थलों पर अवैध कृत्य पर आंशिक रूप से विराम तब लगता है जब सीएम का दौरा क्षेत्र में होना होता है। बाकी दिनों में धंधा बेरोकटोक चलता रहता है।  हर दिन सुबह चार बजे से टैक्सियों में बीफ भर कर पचपेड़वा, तुलसीपुर, बलरामपुर तक पहुंचाया जाता है।तथा नगर के विभिन्न चौराहे के आस पास कबाब की दुकानें सजी रहती हैं। इसी की आड़ में प्रतिबंधित पशुओं का वध कर दिया जाता है। यदा-कदा ही ऐसे मामले आम जनमानस की सक्रियता के कारण सामने आ पाते हैं। इसी महीने में दो प्रतिबंधित पशु की हत्या कर उसके मांस बिक्री का मामला सामने आ चुका है। चर्चा है कि जिम्मेदारों व सफेदपोशों की मिलीभगत के कारण ही इस अवैध धंधे पर विराम नहीं लग पा रहा है। नगरपालिका के अनेक कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रफी नगर मुहल्ले में बीफ की बिक्री पूरे दिन खुलेआम चलती रहती है।
सीओ उदयराज सिंह का कहना है कि आधिकारिक रूप से तहसील क्षेत्र में एक भी स्लाटर हाउस का लाइसेंस निर्गत नहीं है। 
अगर क्षेत्र में स्लाटर हाउस चल रहे हैं तो ऐसे स्थलों को चिन्हित कर उन्हे ध्वस्त कराने की कार्रवाई की जाएगी। बीफ का कारोबार करने वाले दुकानदारों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।
असग़र अली
उतरौला

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