बीएचयू में एमए इन हिंदू स्टडीज के कोर्स में धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के साथ ही रामायण और महाभारत को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। साथ ही पुनर्जन्म के बंधन और इसके सिद्धांतों को भी नए कोर्स में जानने का मौका मिलेगा।
भारत अध्ययन केंद्र की ओर से कोर्स तैयार करने के बाद इसकी पढ़ाई भी शुरू हो गई है। परास्नातक यानी पीजी स्तर पर कोर्स शुरू करने वाला बीएचयू देश का पहला विश्वविद्यालय है। एमए हिंदू अध्ययन को उत्तीर्ण करने के लिए हर विद्यार्थी को 16 पाठ्यक्रमों का अध्ययन करना होगा, जिसमें 9 तो अनिवार्य हैं जबकि सात वैकल्पिक हैं।विश्वविद्यालय के नियमानुसार एमए हिंदू अध्ययन कोर्स में प्रवेश परीक्षा से ही दाखिला लिया जा रहा है। भारत अध्ययन केंद्र के समन्वयक प्रो. सदा शिव द्विवेदी ने बताया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए की ओर से कराई गई प्रवेश परीक्षा में इस बार 265 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। रैंक और प्रवेश के नियमानुसार दाखिला लिया जा रहा है। इस कोर्स को साप्ताहिक चलाया जाएगा। इसमें बीएचयू के विभिन्न विभागों के शिक्षकों को जोड़ा जाएगा। 
 
एमए हिंदू अध्ययन पाठ्यक्रम शुरू करने वाला बीएचयू देश का पहला विश्वविद्यालय है। छात्र बहुत उत्सुक हैं। पहले ही साल रेग्यूलर की सभी 40 सीट में 39 पर दाखिले हो चुके हैं। इसके अलावा छह पेड सीट भी भर गई है। एक विदेशी छात्र ने भी दाखिला लिया है।

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