महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में कोर्ट के आदेश पर संविदा शिक्षकों की बहाली के साथ ही विवाद भी उठ खड़े हुए हैं। संविदा शिक्षकों को कुछ विभाग ज्वाइन ही नहीं करा रहे तो शारीरिक शिक्षा विभाग ने पांच अतिथि शिक्षकों को गुरुवार को बाहर का रास्ता दिखा दिया। दिसंबर महीने में हटाए जाने से अतिथि शिक्षकों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।18 महीने पहले विद्यापीठ ने कुल 78 संविदा शिक्षकों को हटा दिया था। इनमें से कई शिक्षकों को दोबारा इंटरव्यू कर रखा गया। 15 शिक्षक बहाली न मिलने पर कोर्ट चले गए। कोर्ट के आदेश पर पिछले सप्ताह विद्यापीठ ने सभी को वापस बहाल करने का आदेश जारी किया। इस आदेश को लेकर नया बखेड़ा शुरू हो गया है। पत्रकारिता इतिहास विभाग में विद्यापीठ के आदेश के बावजूद संविदा शिक्षकों को ज्वाइन नहीं कराया जा रहा तो शारीरिक शिक्षा विभाग में अलग ही माजरा है। वहां बहाल किए गए एक संविदा शिक्षक पर पात्र न होने का आरोप है तो दूसरे के खिलाफ एक ही सत्र में दो जगह से मानदेय लेने पर विजिलेंस की जांच जारी है। शारीरिक शिक्षा विभाग ने इन बहालियों के बाद गुरुवार को पांच अतिथि शिक्षकों को भी हटा दिया जिससे शिक्षकों में रोष है। अतिथि शिक्षक इस संबंध में कुलपति से मिलकर न्याय की मांग करेंगे।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने